अब सभी कक्षा के विधार्थियो को मिलेगा फ्री किताब | स्कूल के पास नहीं चलेगा कोचिंग:-राज्य के सरकारी स्कूलों की मांग पर छह से सात लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए किताबें और छपवायी जा रही हैं. स्कूलों से मांग की गयी है कि पांच प्रतिशत और किताबें भेजी जायें. स्कूलों ने शिक्षा विभाग को बताया है कि स्कूलों में किताबें पहुंचने के बाद नामांकन की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसलिए किताबें भेजी जायें. विभाग इन किताबों को छपवाकर भेजने की कवायद में जुटा है.
छह लाख विद्यार्थियों के लिए छप रहीं किताबें
आधिकारिक जानकारी के अनुसार अभी तक कक्षा एक से आठ वीं तक के 1.11 करोड़ से अधिक बच्चों को किताबें भेजी जा चुकी हैं. यह किताबें कुल नामांकन का करीब 70 प्रतिशत है. अब करीब 75 प्रतिशत बच्चों को किताबें भेजी जानी हैं. सामान्य तौर पर देखा जाता है कि स्कूल पहुंचने वाले बच्चों की संख्या 70 फीसदी के आसपास रहती है. यह वह बच्चे हैं जो सामान्य तौर पर पढ़ने के लिए स्कूल पहुंचते हैं. इसी के आधार पर किताबें छपवायी जाती हैं.
प्लस टू स्कूलों की लाइब्रेरी में पहुंचायी गयी किताबें
आधिकारिक जानकारी के अनुसार जितने भी प्लस टू स्कूलों में लाइब्रेरियां हैं, वहां कक्षा नौ से 12 वीं तक के बच्चों के लिए किताबें पहुंचा दी गयी हैं. स्कूली विद्यार्थी जरूरत पड़ने पर पढ़ने के लिए यहां से किताबें बुक कराते हैं. शिक्षा विभाग ने इस मामले में सभी प्रधानाध्यापकों से कहा है कि वह अपनी स्कूली लाइब्रेरी को सुव्यवस्थित रखें उसमें अध्यापन सुनिश्चित करें.
कोचिंग नियमावली तैयार, इसी साल से होगी लागू |
राज्य राज्य में नई कोचिंग नियमावली जल्द लागू होगी। शिक्षा विभाग ने पुरानी कोचिंग नियमावली में कई संशोधन कर इसे और सख्त तथा विद्यार्थियों के लिए हितकारी बनाया है। शिक्षा विभाग ने नई नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इसे विधि विभाग को भेजा गया है। विधि विभाग से स्वीकृति के बाद इसे राज्य कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
माना जा रहा है कि
अगले माह कैबिनेट से भी इस नियमावली को मंजूरी मिल जाएगी। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, नई कोचिंग नियमावली लागू होने के बाद सरकारी शिक्षक कोचिंग में नहीं पढ़ा सकेंगे। सरकारी शिक्षकों के कोचिंग में पढ़ाने की स्थिति में शिक्षा विभाग साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई करेगा। यह भी प्रावधान होगा कि किसी भी स्कूल और शिक्षण संस्थान के पास कोचिंग संस्थान न हो। पुरानी नियमावली में ये प्रावधान नहीं थे। बिना निबंधन कोचिंग चलाने वालों पर कार्रवाई होगी।
निबंधन पोर्टल बनेगा
कोचिंग संस्थान के निबंधन की प्रक्रिया पारदर्शिता होगी। इसके लिए पोर्टल बनेगा। इस पर जिलावार निबंधित कोचिंग की स्थिति दिखेगी। इस पर कोचिंग संस्थान के कोर्स, फीस और शिक्षक आदि की जानकारी रहेगी।
पहले लायी गई नियमावली नहीं थी प्रभावी
राज्य में सबसे पहले बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) 2011 लागू हुई थी। इसके बहुत प्रभावी नहीं होने से 2022 में कोचिंग नियमावली को लेकर लोगों से सुझाव भी मांगा गया था। फिर 2023 में बिहार कोचिंग नियमावली लाई गई, लेकिन यह लागू नहीं हो सकी। नियमावली के प्रावधानों को लेकर बवाल होने पर इसमें संशोधन की आवश्यकता जतायी गई थी।
मनमानी फीस वसूलने की शिकायत पर होगी कार्रवाई
नियमावली में अनाप-शनाप फीस लेने की शिकायत, इसकी जांच और कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। कोचिंग संस्थानों को अपनी निर्धारित फीस भी सार्वजनिक करनी होगी। संस्थानों को सक्षम प्राधिकार से संचालन की अनुमति लेनी होगी। इसके लिए जिलास्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी होगी, जो आधारभूत संरचना समेत अन्य सुविधाओं की जांच कर निबंधन की सहमति देगा। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय
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