साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति की राशि- राज्य के सभी तरह के प्रारंभिक विद्यालयों (प्रस्वीकृत मदरसा /संस्कृत सहित) में पढ़ रहे सामान्य कोटि के छात्र/छात्राओं के लिए निर्धारित वार्षिक छात्रवृत्ति दर को पुनर्निर्धारित किये जाने के बाद 190 करोड़ की राशि मंजूर की गयी है. यह राशि उनको दी जाती है, जिनकी पारिवारिक आय डेढ़ लाख से कम है. यह छात्रवृत्ति 75% उपस्थिति पर दी जाती है. हाल में राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति की राशि दोगुना की है.
विवि कर्मियों के वेतन और पेंशन के लिए ₹223 करोड़ जारी
राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के अक्तूबर के वेतन और रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन के लिए कुल 223 करोड़ की राशि जारी कर दी गयी है. विवि व महाविद्यालयों में शिक्षकों/शिक्षकेत्तर कर्मियों व अतिथि शिक्षकों के वेतन के लिए 35.35 करोड़ जारी हुआ है. सेवानिवृत्त शिक्षक/शिक्षकेत्तर कर्मियों के अक्टूबर का सेवान्त लाभके लिए 187.96 करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं.
योजना का परिचय
बिहार सरकार शिक्षा विभाग द्वारा चलायी गई इस योजना का उद्देश्य राज्य के छात्रों को आर्थिक रूप से सहायता देना है ताकि वे स्कूल-पढ़ाई आसान तरीके से जारी रख सकें। इस योजना में मुख्य रूप से तीन सहायता राशि शामिल हैं:
- साइकिल सहायता (शिक्षक-दूरी वाले क्षेत्रों में आने-जाने हेतु)
- पोशाक (वर्दी) सहायता
- छात्रवृत्ति (पढ़ाई-सहायक राशि)
इन सम्मिलित सहायता राशि के कारण लाभार्थी छात्रों को पहले-से कहीं अधिक धनराशि मिलने लगी है — इसलिए कहा जा रहा है “दोगुना पैसा आना शुरू हुआ”।
राशि कितनी मिल रही है?
हालिया जानकारी के अनुसार, कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए विभिन्न कक्षाओं के अनुसार राशि तय की गयी है।
- कक्षा 1-2 के लिए पोशाक राशि ≈ ₹600 प्रति वर्ष।
- कक्षा 3-5 के लिए पोशाक राशि ≈ ₹700 प्रति वर्ष।
- कक्षा 6-8 के लिए पोशाक राशि ≈ ₹1,000 प्रति वर्ष।
- कक्षा 9 के लिए साइकिल योजना राशि लगभग ₹3,000।
- साथ ही उसी कक्षा में छात्रवृत्ति राशि (~₹3,600) और पोशाक राशि (~₹1,500) भी मिल रही है।
कौन-कौन पात्र हैं?
पात्रता के प्रमुख बिंदु हैं:
- विद्यार्थी का नाम राज्य के मान्यता प्राप्त सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूल में होना चाहिए।
- कक्षा-अनुसार उपस्थिती (उदाहरण: कक्षा 2 से 8 में 75% की उपस्थिति) पूरी होनी चाहिए।
- लाभार्थी के पास बैंक खाता एवं आधार विवरण सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए ताकि राशि सीधे खाते में ट्रांसफर (DBT) हो सके।
कैसे राशि चेक करें / वितरण का तरीका
- राशि सीधे बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से पहुँचाई जाती है।
- अभिभावक या छात्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंक खाते का विवरण, IFSC आदि सही है और स्कूल में जानकारी अपडेट है।
- संबंधित पोर्टल या विद्यालय के माध्यम से “मेरा पैसा कब आयेगा/आया है या नहीं” कि स्थिति देखी जा सकती है।
इस योजना के लाभ
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को स्कूल-पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलती है।
- साइकिल मिलने से दूरदराज़ इलाकों के छात्रों को स्कूल आने-जाने में सुविधा होती है।
- पोशाक सहायता से विद्यालय-वर्दी-उपकरण की समस्या कम होती है, जिससे छात्रों की उपस्थिति व आत्मविश्वास बढ़ता है।
- छात्रवृत्ति राशि से पाठ्यपुस्तक, स्टेशनरी और अन्य खर्चों में मदद मिलती है।
- इन सब के कारण विद्यालय में नामांकन व नियमित उपस्थिति में वृद्धि देखने को मिलती है।
सुझाव व ध्यान देने योग्य बातें
- छात्रों/अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका नाम स्कूल-रजिस्टर में सही है और बैंक खाता सक्रिय है।
- उपस्थिति प्रतिशत की शर्त को पूरा करना महत्वपूर्ण है — यदि उपस्थिति कम होगी तो राशि नहीं मिल सकती।
- यदि राशि नहीं आई है तो तुरंत स्कूल माध्यम से अथवा शिक्षा विभाग वेबसाइट/पोर्टल पर स्टेटस चेक करें।
- बैंक खाते में राशि आयी हो, तो उसका सही उपयोग सुनिश्चित करें — किताब-पोशाक-सामान आदि।
- स्कूल-शिक्षक से संवाद करें यदि राशि नहीं आयी हो या किसी त्रुटि हो गई हो।
निष्कर्ष
“साइकिल-पोशाक-छात्रवृत्ति योजना” एक महत्वपूर्ण कदम है जो बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर एवं पहुँच सुनिश्चित करने में सहायक है। बढ़ी हुई राशि, पात्रता-वितरण का पारदर्शी तरीका, और सहायता का समग्र स्वरूप इसे प्रभावशाली बनाता है। यदि आप इस योजना के पात्र हैं, तो चाहिये कि आप समय पर आवेदन करें, बैंक विवरण सही रखें और लाभ सुनिश्चित करें।
महत्वपूर्ण लिंक
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