होमियोपैथी डॉक्टर बन कमा सकते हैं लाखों - ऐसे बने होमियोपैथी डॉक्टर
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होमियोपैथी डॉक्टर बन कमा सकते हैं लाखों – ऐसे बने होमियोपैथी डॉक्टर

होमियोपैथी डॉक्टर बन कमा सकते हैं लाखों:-आ का इस होमियोपेथी तसे किया जा रहा है। भारत में होमियोपैथी चिकित्सा दूसरी सबसे लोकप्रिय प्रणाली है। होमियोपैथी पद्धति जहां कोई नुकसान नहीं करती है, वहीं इसकी दवाओं की लागत भी बहुत अधिक नहीं होती है। आजकल कई जटिल बीमारियों से पीड़ित मरीजों का होमियोपैथी से इलाज किया जा रहा है। होमियोपैथी पद्धति से जटिल से जटिल रोग को जड़ से मिटाया जा सकता है।

इसकी आदत नहीं पड़ती है अर्थात रोगी को होमियोपैथी दवाओं की लत नहीं लगती है। वर्तमान में कोरोना जैसी महामारी के रोकथाम में केन्द्रीय होमियोपैथी अनुसंधान परिषद् (CCRH) के निर्देशानुसार होमियोपैथी की आर्सेनिक अल्बम 30 की खुराक कारगर साबित हुई है। केन्द्रीय होमियोपैथी परिषद की स्थापना वर्ष 1973 में भारत सरकार के द्वारा किया गया जिसके तहत होमियोपैथी का विकास शुरू हुआ जो वर्तमान में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का एक इकाई (N. C. H.) है। वर्ष 2014 में आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद, भारत सरकार की निगरानी में तीव्र गति से होमियोपैथिक के क्षेत्र में विकास हो रहा है और रोजगार के नए नए अवसर सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में मिल रहे हैं। आने वाले समय में होमियोपैथिक जगत के छात्र-छात्राओं को अधिक
रोजगार का मौका मिलेगा।

होमियोपैथिक स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए उम्मीदवार को 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषय रखने होंगे और इसमें न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करने होंगे और आरक्षित वर्ग के लिए यह अंक न्यूनतम 45% होना आवश्यक है । 2. BHMS में नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं को वर्तमान समय में पहले नीट की परीक्षा पास करने की आवश्यकता होती है। जिसके अंकों के आधार उन्हें देश भर के सरकारी और गैर सरकारी होमियोपैथिक कॉलेजों में दाखिला मिलता है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा नीट में न्यूनतम कट ऑफ मार्क के आधार पर काउंसिलिंग के बाद गैर सरकारी होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेजों में नामांकन होता है।

बिहार में BHMS की पढ़ाई राजकीय आर बी टीएस होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, मुजफ्फरपुर, जीडीएम. होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पटना, डॉ. राम बालक सिंह गया होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बोधगया, महर्षि में ही होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कटिहार है। इसके अलावे डॉ. यदुवीर सिन्हा होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, दरभंगा है। बिहार में M. D. in Homeopathy की पढाई जी.डी.एम. होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पटना एवं राजकीय आरबीटीएस होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मुजफ्फरपुर में होती है, जिसमें नामाकंन के लिए AIPGIT परीक्षा उतीर्ण होना अनिवार्य है।

मनोरोग (Psychiatry), चिकित्सा का अभ्यास (The practice of Medicine), रिपर्टरी (Repertory), होम्योपैथिक दर्शन के साथ चिकित्सा का संगठन (Or (Organon of Medicine with Homeopathic Philosophy), बाल रोग (Pediatrics), होम्योपैथिक फार्मेसी (Homeopathic Pharmacy), होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका (Homeopathic Materia Medica) उम्मीदवार किसी भी एक विषय को चुन सकते है और ज्ञान प्राप्त कर सहायक प्राध्यापक के क्षेत्र में अपने कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं।

एक होम्योपैथिक डॉक्टर की औसत आय उनके वर्षों के अनुभव और कौशल पर आधारित होती है और उन्हें दिया जाने वाला वेतन सरकारी और निजी क्षेत्र में भिन्न-भिन्न होता है।

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