अगर ऐसा एक भी है आपका दोस्त तो जीवन में आप जरूर होगें सफल- दोस्ती कभी आश्चर्यचकित करती है तो कभी रुलाती और गुदगुदाती है। प्रेमचंद से लेकर ओ. हेनरी तक ने अपनी कहानियों में दुनिया के इस सबसे ताकतवर रिश्ते को बयां किया है। आज पढ़िए साहित्य में मौजूद दोस्ती की कुछ अनूठी मिसालें…
दोस्ती मन का मैल धो देती है सच्चाई पर चलना सिखाती है
प्रेमचंद की कहानी दोस्ती और सिद्धांत के बीच का सामने लाती है। जुम्मन शेख की एक बूट्टी खाला है। जुम्मन ने खाला की सारी जायदाद हड़प ली। इसलिए खाला ने पंचायत बुला ली। खला ने फैसला सुनाने के लिए जुम्मन के बचपन के दोस्त अलगू चौधरी को पंच के रूप में चुना। अलगू दुविधा में पड़ जाता है। दोस्त के खिलाफ कैसे फैसला सुनाऊंगा। लेकिन अलगू जुम्मन के खिलाफ फैसला सुनाता है। इस बीच अलगू अपना एक बैल समझ साहू को बेच देता है।
लेकिन समजू उस बैल के दाम चुकाता, उसके पहले ही बेल मर जाता है और समझ बैल के पैसे देने से इनकार कर देता है। अब अलगू इसके खिलाफ पंचायत जाता है। लेकिन समालू जानता है कि जुम्मन और अलगू अब दोस्त नहीं रहे। इसलिए वह तुम्मन को पंच के रूप में चुनता है। जुम्मन को लगता है कि बदला लेने का मौका मिल गया। लेकिन अंत में उसके मन में विवेक जाग्रत होता है और वो फैसला सुनाता है कि समभू अलगू की बैल का मूल्य चुकाएं। फैसला सुनकर अलगू रोने लगता है। इन आंसुओं के साथ दोस्तों के मन का मैल धुल जाता है और मित्रता की मरझाई बेल फिर लहलहाने लगती है
दोस्ती की 6 क्लासिक कहानियां
यह तस्वीर है इटली के जियानमाकों तम्बेरी और कतर के मुताज बरशिम की। 2021 के टोक्यो ओलिंपिक में हाई जंप के मुकाबले में दोनों के बीच मुकावला टाई हो गया था। आखिरी निर्णायक जंप के पहले तम्बेरी चोटिल हो गए। दोस्त को दर्द से कराहता देख बरशिम ने रैफरी के सामने ऐसी पेशकश रखी कि वो भी दंग रह गए। उन्होंने पूछा कि क्या गोल्ड मेडल बॉट सकते हैं? तम्बेरी अपने दोस्त बरीशम से गले लगकर रोने लगे। दोनों खिलाड़ियों ने यह दिखा दिया कि दोस्ती से बढ़कर कोई मेडल नहीं है। इससे पहले 1936 में 2 जापानी खिलाड़ियों ने अपने सिल्वर और कंज मेडल आपस में बांट लिए थे
दोस्त की हत्या के खिलाफ सत्ता से संघर्ष की दास्तान
राजनीतिक तंत्र पर कटाक्ष करता मनू भंडारी का उपन्यास ‘महाभोज वैसे तो भ्रष्ट भारतीय राजनीति के कटु यथार्थ को पेश करता है, लेकिन दो दोस्तों की कहानी भी साथ चानती है। दोस्त भी कैसे? एक वह जो उपन्यास की शुरुआत में ही मारा गया। है-सरोहा गांव का बिसेसर उर्फ विसू। सिस्टम बसेसर की मौत को खुदकुशी साचित करने में जुट जाता है, लेकिन उसके खास दोस्त बिंदा को पूरा भरोसा है कि विसु को मारा गया है. क्योंकि गांव में कुछ अरररा पहले हुई आगजनी के उसके पास सबूत थे।
बिंदा इस बात से ज्यादा व्यथित है कि दोस्त की मौत के आस्ली कारण तलाशने के बजाय सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही उस पर राजनीति कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री अपनी बातों से गांव बालों का मन बहलाने का प्रयास करते हैं तो बिंदा उनसे दो टूक कहने से भी नहीं हरता, ‘व्वतों से बहल्काइए मत। बिजू को मौत का हिसाब लेकर ही रहूंगा। पाई-पाई का हिसाब। बिंदा डरेगा भी नहीं… चुप भी नहीं रहेगा…।’ बिसू के हत्यारों को तलाशने की बिंदा को जादोजहद जारी रहती है। लेकिन सिस्टम अंततः बिंदा को ही बिसु का हत्यारा साबित कर देता है।
बचपन की निःस्वार्थ दोस्ती अच्छे जीवन की नींव रखती है
आर.के. नारायण की कहानी ‘स्वामी एंड फ्रेंड्स’ बचपन की निःस्वार्थ और बेफिक्र दोस्ती को सामने लाती है। स्वामी एक दस साल का बच्चा है। वह अल्वर्ट मिशन स्कूल में पड़ता है। उसकी क्लास में एक नए बच्चे का प्रवेश होता है. नाम है राजम। राजम मालगुड़ी के एक पुलिस अफसर का लड़का है। वो मद्रास के इंग्लिश मीडियम स्कूल से आया है। राजम के रौब और व्यक्तित्य से प्रभावित होकर स्वामी के मन में उससे दोस्ती करने की तीव्र इच्छा जात होती है। स्वामी उससे दोस्ती करने का कोई मौका नहीं गंवाता।
उसकी तारीफ करता है और उसका दोस्त बन जाता है। लेकिन स्वामी के पुराने दोस्तों को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती। वो स्वामी के इस बर्ताव को देखकर उसे ‘राजम की फूंछ कहने लगते हैं। इस पर स्वामी उनसे झगड़ पड़ता है। स्वामी का एक और बहुत पुराना दोस्त है मणि, जो राजम से बहुत ईयों रखता है और उसको लड़ाई के लिए चुनौती देता है। राजम ये चुनौती स्वीकार कर लेता है। अगले दिन दोनों नदी के किनारे मिलते हैं। मणि को डराने के लिए राजम अपने पिता की बंदूक लेकर आता है। थोड़ी बहस के बाद राजम मणि से कहता है, मुझे दोस्ती में ऐतराज नहीं। इगड़ा भूलकर तीनों दोस्त बन जाते हैं
दोस्ती आपके अवगुणों को भी सदगुणों में बदल देती है
उपेन्द्र किशोर राग की ये चंगाली कहानी रोचक भी है और दोस्तों की मस्ती को भी सामने। ने लाती है। यूपी र बनना चाहता है, लेकिन वह बहुत ही बेसूरा गाता है। उसका भयानक गाना सुनकर उसे गांव से बाहर कर दिया जाता है। जंगल में उसकी मुलाकात बाधा से होती है। बाधा भी अपने गांव से निकाल दिया गया है, क्योंकि वह बहुत खराब इम बजाता है। लेकिन जंगल में उनका गाना सुनकर भूत खुश हो जाते हैं और वे उन्हें तीन वरदान देते हैं। वे ताली बजाकर भोजन और कपड़े पा सकते हैं और जादुई चप्पलों से उड़कर कहीं भी जा सकते हैं। उन्हें अच्चडा संगीतकार बनने का वरदान भी मिल जाता है।
दोनों शुंडी राज्य में चले जाते हैं, जहां राजा उन्हें दरबार में संगीतकार बना लेता है। उधर हल्ला का राजा गुंडी पर हमला करने की साजिश रचता है। यूपी और बाधा हमला रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें पकड़ लिया जाता है। किंतु हमले के पहले दोनों अपने संगीत से सेना को गतिहीन कर देते हैं। संगीत की शक्ति से वो भूखे सैनिकों के लिए भोजन का इंतजाम कर देते हैं। सैनिक लड़ाई भूल जाते हैं। युद्ध टल जाता है और दोनों दोस्तों की शादी शुंडी व हल्ला के दोनों राजाओं की बेटियों से हो जाती है।
दुनिया की कोई भी चीज दोस्ती के बीच नहीं आ सकती
यह रोचक कहानी है हिस्क और पैस्ले की। दोनों का मानना है कि दुनिया की कोई चौज इनकी दोस्ती नहीं तोड़ सकती। लेकिन जब दोनों को जैसप नाम की एक ही लड़की से प्यार हो जाता है तो मिलकर तय करते हैं कि जो जैसप को आकर्षित कर सकेगा, वहीं उससे शादी करेगा। कोई भी जीते या हारे, दोस्त बने रहेंगे। अंततः जेसप, हिक्स से शादी करने का फैसला करती है। शादी के दिन पैरले समय पर नहीं पहुंचता। उधर शादी की रात हिक्स कमरे के बाहर पैस्ले के इंतजार में बैठा रहता है।
जब जेसप अंदर आखने के लिए कहती है तो हिक्स कहता है- मैं पैस्ले का इंतजार कर रहा हूं। उसी क्षण उसे लगता है कि किसी ने उसके कान पर गोली चलाई है। लेकिन असल में यह जैसप द्वारा हिक्स पर झाड़ से किया गया एक जोरदार बार था, जो उसे गोली की तरह महसूस हुआ था। इससे उसका कान कट जाता है। जेसप नाराज थी कि हिक्स शादी की रात भी पत्नी के पास न आकर दोस्त का इंतजार कर रहा है। लेकिन हिक्स पर कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद कटा कान हिब्स की पहचान वन जाता है। जब भी कोई कटे कान के बारे में पूछता तो वह अपनी दोस्ती का यह किस्सा बड़े उत्साह से सुनाता।
दोस्त का साथ नहीं दे पाने के पश्चाताप की कहानी
यह आमिर और हसन की कहानी है, जो सबसे करीबी दोस्त हैं। दोनों की उम्र 12 साल है। दोनों पतंग उड़ाने में माहिर हैं। काबुल में रहते हैं। पतंग-मुकाबला जीतने के लिए दोनों बहुत मेहनत करते हैं। लेकिन आसमान में पतंगों की लड़ाई के बीच युद्ध छिड़ जाता है और उनका देश खतरनाक जगह बन जाता है। आमिर अपने सबसे अच्छे दोस्त हसन को जरूरत के समय अकेला छोड़ देता है। आमिर और उसके पिता को भागकर अमेरिका जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
बड़ा होकर आमिर लेखक बन जाता है, लेकिन दोस्त का साथ न दे पाने का गम उसे जीवन भर सताता रहता है। पश्चाताप में आमिर फिर अफगानिस्तान पहुंचता है। आमिर को पता बलता है कि हसन मर चुका है। उसे यह भी पता चलता है कि हसन उसका सौतेला भाई था। हसन का एक बेटा है सोहराब, जो काबुल के किसी अनाथालय में है। आमिर सोहराब की तलाश करता है। यह तालिवान नेता से मिलता है। कई तरह की परेशानियां उठाता है। आखिरकार आमिर सोहराब को अमेरिका वापस ले जाने में सफल हो जाता है और उसे गोद ले लेता है।
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