अब मोबाइल पर दिखेगा कॉल करने वाला का वास्तविक नाम – बस ये सेंटिग करें:-क्या आप भी बार-बार आने वाले अज्ञात (Unknown) कॉल से परेशान हैं? कई बार कोई नंबर सेव नहीं होता और कॉल आने पर समझ नहीं आता कि सामने से कौन बोल रहा है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा! अब आपके मोबाइल पर कॉल करने वाले का वास्तविक नाम (Real Name) दिखेगा। इसके लिए बस एक साधारण सेटिंग या ऐप फीचर को ऑन करना होगा।
चलिए जानते हैं पूरी जानकारी विस्तार से – कैसे आप अपने मोबाइल में यह फीचर चालू कर सकते हैं और कौन सी ऐप या सेटिंग इसके लिए जरूरी है।
अब मोबाइल पर दिखेगा कॉल करने वाले का वास्तविक नाम
मोबाइल पर आने वाली कॉल में कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम दिखाने की सुविधा (सीएनएपी) का दूरसंचार कंपनियों ने परीक्षण करना शुरू कर दिया है. उम्मीद है कि यह सुविधा देशभर में मार्च, 2026 तक लागू हो जायेगी.
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि
वोडाफोन आइडिया ने हरियाणा सर्किल में सीएनएपी सेवा का पायलट परीक्षण शुरू कर दिया है, जबकि जियो भी जल्द ही इसी सर्किल से परीक्षण शुरू करेगी. इस सुविधा के तहत कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम रिसीवर के मोबाइल स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है,
जिससे उपयोगकर्ता को कॉल उठाने से पहले ही पता चल जाता है कि
कॉल कौन कर रहा है. दूरसंचार कंपनियों के द्वारा किये जा रहे परीक्षण सफल रहने पर विभाग देशभर में चरणबद्ध तरीके से इस सेवा को 31 मार्च, 2026 तक लागू करेगा.
फरवरी 2024 में की गयी थी सिफारिश
ट्राइ ने फरवरी, 2024 में सौंपी सिफारिशों में कहा था कि सीएनएपी केवल इच्छुक उपभोक्ताओं को ही उपलब्ध करायी जाए. लेकिन दूरसंचार विभाग का मानना था कि यह सेवा स्वचालित रूप से सभी को दी जानी चाहिए, ताकि धोखाधड़ी और साइबर अपराधों पर लगाम लगायी जा सके. अब ट्राइ ने इसी विचार पर सहमति दी है.
ट्राइ ने दूरसंचार विभाग के प्रस्ताव को दी थी मंजूरी
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राइ) ने एक दिन पहले ही दूरसंचार विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसके तहत यह सुविधा सभी उपयोगकर्ताओं के लिए डिफॉल्ट रूप से सक्रिय रहेगी. हालांकि, इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं करने वाले उपभोक्ताओं को इसे निष्क्रिय कराने का विकल्प मिलेगा.
फर्जी कॉल व साइबर फ्रॉड को रोकने में मिलेगी मदद
दूरसंचार विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम फर्जी कॉल, डिजिटल गिरफ्तारी और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. हालांकि, सीएनएपी सुविधा केवल 4जी और 5जी नेटवर्क वाले फोन पर ही संभव होगी, क्योंकि 2जी और 3जी नेटवर्क में तकनीकी सीमाएं हैं. सरकार ट्राइ की उस सिफारिश पर भी विचार कर रही है जिसके तहत ‘कॉलिंग लाइन पहचान निषेध’ (सीएलआइआर) सुविधा लेने वाले उपभोक्ताओं का नाम प्रदर्शित नहीं किया जायेगा.
असली नाम दिखाई देने से साइबर ठगी थमेगी
मोबाइल पर कॉल करने वाले का असली नाम दिखाने की सुविधा अगले साल मार्च तक देशभर में लागू हो जाएगी। इससे उपभोक्ता को पता होगा कि उसे कौन कॉल कर रहा है, जिससे वह फर्जी कॉल को पहचानने में सक्षम होगा।
उपभोक्ता को पता होगा कि कौन कॉल कर रहा है
स्पैम कॉल को पहचानना आसान नहीं है, क्योंकि ये नंबर सामान्य मोबाइल नंबर से मिलते-जुलते होते हैं। इसलिए अक्सर लोग इन कॉल को उठा लेते हैं। आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 60 फीसदी से अधिक लोगों को हर तीन दो-तीन स्पैम कॉल अथवा एसएमएस प्राप्त होते हैं। इनके जरिए लोगों को लोन लेने, क्रेडिट कार्ड लेने, लॉटरी लगने, किसी कंपनी की कोई सर्विस या सामान खरीदने का झांसा दिया जाता है।
स्वचालित सुविधा
यह सुविधा सभी उपयोगकर्ताओं के लिए डिफॉल्ट (स्वचालित) रूप से सक्रिय रहेगी। पहले ट्राई ने कहा था कि सीएनएपी केवल इच्छुक उपभोक्ताओं को ही उपलब्ध कराई जाए लेकिन दूरसंचार विभाग का मानना था कि यह सेवा स्वचालित रूप से सभी को दी जानी चाहिए, ताकि धोखाधड़ी और साइबर अपराधों पर लगाम लगाई जा सके। हालांकि, इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं करने वाले उपभोक्ताओं को इसे निष्क्रिय कराने का विकल्प मिलेगा।
इन्हें छूट संभव
सरकार ट्राई की उस सिफारिश पर भी विचार कर रही है जिसके तहत ‘कॉलिंग लाइन पहचान निषेध’ सुविधा लेने वालों का नाम प्रदर्शित नहीं होगा। यह सुविधा खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दी जाती है।
थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत खत्म होगी
वर्तमान में मोबाइल उपभोक्ता टूकॉलर जैसे ऐप का इस्तेमाल कॉलर का नाम पता लगाने के लिए करते हैं। इनमें कॉलर का वही नाम दिखाई देता है, जो यूजर ने अपने मोबाइल में सेव किया है। कई मामलों में यूजर उपनाम या छोटा नाम सेव करते हैं। कॉल करने पर वही नाम दिखता है। वहीं, अनजान नंबर वाले कॉल के मामलों में भी असली नाम दिखने की गारंटी नहीं होती। कॉल प्राप्त करने वाले व्यक्ति को वही नाम दिखेगा, जो ऐप कंपनियों के डाटाबेस में सेव किया जाता है।
ट्रूकॉलर ऐसे करता है अपना कारोबार
विज्ञापन, प्रीमियम सदस्यता और व्यवसायों को सत्यापन सेवाएं बेचकर होती है कमाई
पिछले वित्त वर्ष में आय
- 1,083 करोड़ विज्ञापन से आय
- 165 करोड़ प्रीमियम सब्सक्रिप्शन से
- 136 करोड़ व्यवसायों की सत्यापन सेवाओं से
- 75% से अधिक राजस्व भारत से
- 25 करोड़ मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता भारत में
निष्कर्ष: अब Unknown Caller से नहीं होगी परेशानी
अब जब भी कोई अजनबी आपको कॉल करेगा, तो स्क्रीन पर उसका असल नाम, स्थान और पहचान नजर आएगी।
यह फीचर न सिर्फ सुविधा देता है, बल्कि आपको स्पैम और फ्रॉड कॉल से भी सुरक्षित रखता है।
बस एक बार सेटिंग ऑन करें और हमेशा के लिए Real Caller Name पहचानने की समस्या से छुटकारा पाएं।
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