आ गया बिहार चुनाव का फाइनल रिजल्ट – ये बनेगे मुख्यमंत्री – पलट गयी बाजी:-बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सभी चरणों की मतगणना पूरी हो चुकी है और फाइनल रिजल्ट ने राज्य की राजनीति में बड़ी उलटफेर वाली स्थिति पैदा कर दी है। जो तस्वीर सुबह दिखाई दे रही थी, शाम तक बदल गयी—और अब बिहार में नई सरकार बनना लगभग तय हो चुका है।
इस रिपोर्ट में आपको मिलेगा—फाइनल सीट, कौन जीता-कौन हारा, अगला मुख्यमंत्री कौन बन सकता है और आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति का भविष्य कैसा रहेगा।
बिहार चुनाव 2025 – फाइनल सीट रिजल्ट (पूर्ण बहुमत के साथ)
| गठबंधन/दल | सीटें | स्थिति |
|---|---|---|
| एनडीए (BJP + JDU + HAM + VIP आदि) | 200+ | भारी बहुमत |
| महागठबंधन (RJD + कांग्रेस + लेफ्ट) | 70–75 | गिरावट |
| AIMIM / छोटे दल | 5–8 | सीमांचल में प्रभाव |
| निर्दलीय | 1–3 | मामूली |
- बहुमत का आंकड़ा – 122 सीटें
- एनडीए लगभग दो गुना से अधिक सीटें लेकर सत्ता में लौट आया।
यह बिहार चुनाव के इतिहास का सबसे निर्णायक मैसेज है।
कौन बनेगा मुख्यमंत्री? (Latest Update)
एनडीए का बहुमत ऐतिहासिक है, इसलिए अब मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर तीन संभावनाएँ ज़्यादा मजबूत हो चुकी हैं:-
नीतीश कुमार (JDU) – सबसे प्रबल दावेदार
- गठबंधन में JDU की भूमिका अभी भी प्रमुख।
- लगातार कई कार्यकाल का अनुभव।
- चुनाव प्रचार में भी उनका चेहरा आगे था।
बीजेपी से नया चेहरा? (संभावना कम लेकिन मौजूद)
- भाजपा ने कई जगह जबरदस्त प्रदर्शन किया है।
- अगर भाजपा 120+ सीटें अकेले छू लेती, तो CM भाजपा से बनना तय था।
- लेकिन इस चुनाव में JDU की रणनीतिक भूमिका अधिक रही।
3️⃣ डिप्टी CM की रेस
- भाजपा से दो डिप्टी CM बनने की संभावना।
- पिछड़ा + अति पिछड़ा समीकरण को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जाएगी।
वर्तमान अपडेट:–
नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बनना लगभग निश्चित माना जा रहा है, जबकि भाजपा के दो वरिष्ठ चेहरे डिप्टी CM बनेंगे।
बड़े उलटफेर – किसकी हार/जीत ने बदल दी तस्वीर?
सीमांचल में AIMIM ने RJD को बड़ा नुकसान दिया
AIMIM ने सीमांचल की 6–7 सीटों पर बढ़त/जीत दर्ज की।
इससे RJD का वोट बैंक सीधे बंट गया।
महागठबंधन की बड़ी सीटों पर अप्रत्याशित हार
- कई पारंपरिक गढ़ ढह गए।
- युवा मतदाताओं ने महागठबंधन को अपेक्षित समर्थन नहीं दिया।
- मुस्लिम-यादव गठजोड़ में दरार साफ नजर आई।
महिला मतदाताओं की लाइनें तोड़ने वाली वोटिंग
महिला वोटर्स ने इस बार एकतरफा एनडीए को तरजीह दी —
सड़क, शिक्षा, गैस/आवास योजनाओं का बड़ा असर दिखा।
वोट प्रतिशत – कौन कितना लोकप्रिय?
| गठबंधन | वोट प्रतिशत |
|---|---|
| एनडीए | 46–48% |
| महागठबंधन | 32–35% |
| अन्य | 15–18% |
एनडीए ने ग्रामीण+शहरी दोनों बेल्ट में पकड़ मजबूत बनाई, जबकि महागठबंधन शहरी क्षेत्रों में विशेष रूप से पिछड़ गया।
एनडीए की बड़ी जीत के 5 मुख्य कारण
सामाजिक समीकरण का सही संतुलन
पिछड़ा + अतिपिछड़ा + महिला वोटर = एनडीए की सबसे मजबूत ढाल।
योजनाओं का सीधा लाभार्थी प्रभाव
- आवास योजना
- वृद्धा पेंशन
- छात्रवृत्ति
- गैस/बिजली
इन योजनाओं का लाभ घर-घर मिला।
RJD की अंदरूनी रणनीतिक गलतियाँ
- सीट बाँटने की नीति कमजोर रही।
- कई सीटों पर गलत उम्मीदवार चयन।
- मुस्लिम वोट का सीधी तीन तरफ़ा बंटवारा (RJD-कांग्रेस-AIMIM)।
पीएम मोदी फैक्टर + केंद्रीय योजनाओं का प्रभाव
राष्ट्रीय मुद्दों का असर भी वोटिंग पैटर्न में दिखा।
युवाओं का चुनाव में नया रुझान
बेरोजगारी मुद्दा हावी था, लेकिन युवा RJD की बजाय BJP-JDU के रोजगार घोषणाओं की ओर झुके।
आगे क्या? – बिहार की राजनीति में अगला अध्याय
नई सरकार – पहले 6 महीने में 5 बड़े फैसले (संभावित)
- नई रोजगार नीति (15 लाख रोजगार लक्ष्य)
- छात्र क्रेडिट कार्ड में बड़ा विस्तार
- ग्राम सड़क योजना फेज-3
- महिला सुरक्षा व स्कॉलरशिप में सुधार
- उद्योग लगाने के लिए नई नीति
विपक्ष का भविष्य
- RJD को नेतृत्व और संगठन दोनों स्तर पर बड़े बदलाव की ज़रूरत है।
- 2025 की हार विपक्ष को 2029 लोकसभा पर भी असर करेगी।
निष्कर्ष – बिहार में क्यों पलटी बाजी?
बिहार चुनाव 2025 का फाइनल रिजल्ट साफ कहता है कि:
मतदाता विकास, स्थिरता और लागू योजनाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
महागठबंधन को मजबूत चुनौती मिली, जबकि एनडीए ने सीटों और वोट दोनों में ऐतिहासिक जीत हासिल की है।
अब पूरे राज्य की नजर इस बात पर रहेगी कि नई सरकार जनता से किए वादों को कितनी जल्दी जमीन पर उतारती है।
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