एप्स के जरिए मिल रहा है लाखों का लोन लेकिन इन फर्जी एप से सावधान रहें
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एप्स के जरिए मिल रहा है लाखों का लोन लेकिन इन फर्जी एप से सावधान रहें

एप्स के जरिए मिल रहा है लाखों का लोन लेकिन इन फर्जी एप से सावधान रहें:-आरबीआई ने आईटी मंत्रालय को 442 फर्जी इंस्टैंट लोन एप्स की जानकारी साझा की है, ताकि उन्हें गूगल व अन्य एप स्टोर्स से हटाया जा सके। आरबीआई ने साथ ही डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी भी बनाने का निर्णय लिया है, जो लोन एप्स का सत्यापन करेगी।

भा रत में इंस्टेंट लोन एप काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इनसे जरूरत के वक्त तुरंत पैसा मिल जाता है और थकाऊ प्रक्रिया से गुजरने की दरकार भी नहीं होती। लेकिन ये एप्स कई बार फर्जीवाड़े और वसूली (एक्सटॉर्शन) का जरिया भी बन जाते हैं। एनसीआरबी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार अकेले बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई जैसे महानगरों में ही हर साल इंस्टेंट लोन फर्जीवाड़े के औसतन 500 से 600 मामले सामने आ रहे हैं। आरबीआई ने अब ऐसे फर्जी इंस्टैंट लोन एप्स पर अंकुश लगाने के लिए डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (DIGITA) का गठन करने का निर्णय लिया है। यह एजेंसी ऐसे एप्स का सत्यापन करके उन्हें ही डिजिटल कर्ज देने के लिए अधिकृत करेगी।

डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी का गठन करने के बाद प्रामाणिक और फर्जी लोन एप्स की पहचान करना आसान हो जाएगा। लेकिन तब तक इन तरीकों के जरिए पहचान की जा सकती है

सबसे पहले यह पता करें कि उस एप की वेवसाइट है या नहीं। अगर उस एप से लिंक्ड उसकी ऑफिशियल वेबसाइट नहीं है तो यह एप स्कैम हो सकता है। यह भी चेक करें कि वेबसाइट पर उसके ऑफिस का पता, फोन नंबर्स और कस्टमर केयर की मेल आईडी है या नहीं। अगर ये सब नहीं हैं, तब उससे कर्ज नहीं लें।

लोन एप की प्रामाणिकता को जांचने का एक तरीका यह चेक करना है कि वह आरबीआई से संबद्ध है या नहीं। एक प्रामाणिक लोन एप और उसकी कंपनी की उन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और वित्तीय संस्थानों के साथ पार्टनरशिप होती है, जो कर्ज देने के लिए आरबीआई से रजिस्टर्ड होते हैं। आप किसी आरबीआई रजिस्टर्ड सोर्स से ही कर्ज लें।

जिस एप के जरिए आपने कर्ज लेने का मन बनाया है, उसके बारे में दूसरों की भी राय जानें। आप गूगल प्ले स्टोर या अन्य रिव्यू चैनलों पर यह देखें कि उक्त एप को लेकर उसके ग्राहकों ने किस तरह की रेटिंग्स और रिव्यूज दिए दिए हैं। इससे आपको लैंडर की कार्य करने की शैली के बारे में अंदाजा लग सकेगा। साथ ही यह भी देखें कि एप डाउनलोड्स पर्याप्त संख्या में हैं या नहीं।

लोन देने वाला आपके सारे दस्तावेजों को जितना वेरिफाई करता है, उतना ही कर्ज लेने वाले को भी कर्ज देने वाले के बारे में वेरिफाई करना जरूरी है। इसके लिए कम से कम ये सावधानियां रखेंः

  • 1. जिस एप से आप • लोन लेना चाहते हैं. उसे केवल गूगल प्ले स्टोर या एपल एप स्टोर से ही डाउनलोड करना चाहिए, कहीं और से आई किसी लिंक को क्लिक करके डाउनलोड नहीं करें।
  • 2.अपने बारे में न्यूनतम जानकारी जैसे उम्र, आय, जॉब की स्थिति आदि ही उपलब्ध करवाएं। अगर लैंडर आपका कार्ड नंबर, सीवीवी, पिन, बैंकिंग पासवर्ड आदि मांगें तो उससे लोन लेने का विचार तुरंत त्याग दें।
  • 3.कॉन्टेक्ट लिस्ट, फोटो आदि की अनावश्यक परमिशन मांगते हैं। अगर आपसे ऐसी परमिशन मांगी जा रही है तो तुरंत एप से बाहर आएं और उससे कर्ज लेने का विचार छोड़ दें।
  • 4.सिबिल स्कोर हाई होना जरूरी नहीं, • लेकिन प्रामाणिक लोन एप्स को औसत स्कोर की दरकार तो होती ही है। अगर कोई एप कमजोर सिबिल स्कोर के बावजूद या दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के बगैर ही लोन अप्रूव कर रहा है तो सतर्क हो जाएं।
  • 5.कर्ज स्वीकार करने से पहले सभी टर्म्स • एंड कंडिशन्स को ध्यान से अवश्य पढ़ें, ताकि आप हिडन चार्जेस/पेनल्टी के बारे में पहले ही जान सकें। यह भी ध्यान रखें कि प्रामाणिक लैंडर आपकी सहमति के बाद ही कर्ज की राशि आपके बताए खाते में डालेगा।

भोपाल के निवासी संजय चौवे (पहचान छिपाने के लिए नाम बदला गया है) को 2.80 लाख रुपए की जरूरत थी। उन्होंने एक एप को एप्रोच किया। उससे बातचीत के बाद संजय रिपैमेंट की शतों से संतुष्ट नहीं थे। इसलिए उन्होंने लोन के लिए हामी नहीं भरी, लेकिन एप कंपनी ने उनके खाते में राशि जमा कर दी। जब संजय ने आपत्ति जताई तो एप कंपनी ने कहा कि हम इसे वापस ले लेंगे। अगले ही दिन संजय के पास एक फोन आता है, जिसमें पूछा जाता है कि आप लोन की राशि वापस करना चाहते हैं? संजय मान लेते हैं कि यह आदमी उसी एप कंपनी का बंदा है। इसी भरोसे में संजय उसके द्वारा बताए गए खाते में लोन की सारी राशि ट्रांसफर कर देते हैं और यह सोच लेते हैं कि उनका मामला निपट गया।

  • संजय ने पूरी शतें जानने और कर्ज लेने का अंतिम निर्णय करने एप सामने वाले को अपनी बैंक डिटेल्स तब तक ना दें, जब तक कि आप शर्तों से संतुष्ट और कर्ज लेने को तैयार नहीं हो जाते।
  • किसी एक व्यक्ति का फोन आया और संजय ने सारे पैसे •• उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। संजय ने न तो एप कंपनी के एग्जीक्यूटिव से कंफर्म किया, न अपने मेल पर अकाउंट वगैरह की जानकारी मंगवाई। सारी डिटेल्स अपने मेल पर बुलवाएं। अगर सामने वाला फ्रॉड होगा तो मेल पर जानकारी नहीं भेजेगा
  • संजय ने साइबर सेल में तुरंत शिकायत की, लेकिन आरवीआई • को बाद में बताया। इसलिए कुछ भी गड़बड़ होने पर साइबर सेल के साथ आरबीआई के लोकपाल को भी लिखित में शिकायत करें। (जैसा कि संजय चौबे ने ‘रसरंग’ को बताया)
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