ऑनलाइन गेम हुआ बन्द | अब गेम खेलकर नहीं बन पाएगा करोडपति
DAILY NEWS

ऑनलाइन गेम हुआ बन्द | अब गेम खेलकर नहीं बन पाएगा करोडपति

ऑनलाइन गेम हुआ बन्द | अब गेम खेलकर नहीं बन पाएगा करोडपति:-संसद का मॉनसून सत्र. ऑनलाइन गेमिंग बिल राज्यसभा में भी ध्वनिमत से पारित

राज्यसभा में ‘ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ को गुरुवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. लोकसभा इसे बुधवार को ही पारित कर चुकी है. उच्च सदन में विधेयक को चर्चा के लिए पेश करते हुए आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘ऑनलाइन मनी गेम’ आज समाज में बड़ी चिंता का विषय बन गया है और कई ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें इसकी लत लग जाती है तथा वह जिदंगी भर की बचत गेम में उड़ा देते हैं.

विपक्ष के सदस्य बिहार में एसआइआर के मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे. हंगामे के कारण संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रस्ताव किया कि इस विधेयक को बिना चर्चा के पारित कराया जाये जिसे उप सभापति हरिवंश ने मान लिया.

यह विधेयक सभी तरह की ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ संबंधी गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है. विधेयक में इ-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक खेल और सामाजिक खेल सहित ऑनलाइन खेल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रावधान है.

2(जी) के मुताबिक वे सभी गेम्स प्रतिबंधित होंगे, जिसमें खिलाड़ी फीस, पैसा या स्टेक लगाता है और बदले में जीतने पर पैसे या किसी तरह का मोनेटरी फायदा मिलता है. कानून बनने के बाद लोग फैंटेसी स्पोर्ट्स गेम्स, ऑनलाइन रमी, कार्ड गेम्स, पोकर प्लेटफॉम्र्स और ऑनलाइन टीम बना कर सीधा पैसा लगाने वाले गेम नहीं खेल पायेगा, सरकार ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी भी बनायेगी. जो गेम की कैटेगरी तय करेगी. अथॉरिटी सोशल और इ-स्पोट्र्स गेम्स का पंजीकरण करने के साथ-साथ नियम और गाइडलाइन भी बनायेगी.

बिल की धारा 11 के मुताबिक कोई कंपनी ऑनलाइन मनी गेम ऑफर करके कानून तोड़ती है तो उस कंपनी के डायरेक्टर, मैनेजर और ऑफिसर पर केस चलेगा. कंपनी के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर पर केस नहीं होगा. कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम से जुड़ा विज्ञापन ना तो बना सकता है और ना ही उसमें मदद कर सकता है. ऐसा करने पर दो साल तक की जेल या पचास लाख रुपये जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं.

इस खेल में प्लेयर को थोड़ा पैसा लगाने को कहा जाता है. उम्मीद दिलायी जाती है कि आप ज्यादा पैसा जीत सकते हैं. ज्यादा खेलेंगे, तो और ज्यादा जीतेंगे. ये कैटेगिरी ऑनलाइन मनी गेम की है, इसमें ही लोग पैसे गंवाते हैं

शतरंज जैसे खेल, जिन्हें तर्जुबे के आधार पर ऑनलाइन भी खेला जा सकता है. इसे खेलने में कोई सट्टा नहीं लगाना होता. हो सकता है कि इनाम में कोई राशि मिल जाए.

इन खेलों की मदद से बच्चे कुछ सीखते हैं. हो सकता है कि कुछ सब्सक्रिप्शन फीस देनी पड़े, लेकिन यहां बदले में पैसा जीतने की उम्मीद नहीं होती है.

आनलाइन मनी गेमिंग पर रोक लगाने वाले विधेयक पर संसद की मुहर लगने के बाद ऐसे एप्स ने अपने प्लेटफार्मों पर मनी गेम्स बंद करना शुरू कर दिया है। इनमें मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) और जुपी शामिल हैं।

जल्द ही ड्रीम-11, माई 11 सर्किल, पोकरबाजी और रमी सर्किल जैसे फैंटेसी और कार्ड गेमिंग एप्स भी अपने प्लेटफार्मों पर मनी गेमिंग बंद कर सकते हैं। माना जा रहा है कि नए कानून के अमल में आने से देश के 3.8 अरब डालर के आनलाइन गेमिंग उद्योग को झटका लग सकता है।

नए कानून का असर गेम्स 24×7 (माई 11 सर्किल और रमी सर्किल की संचालक), जंगली गेम्स, विनजो, हाउर्जेंट, एसजी 11 फैंटेसी, गेम्सक्राफ्ट (रमीकल्चर) और पौकरबाजी एप्स पर भी पड़ेगा। रियल मनी गेमिंग में सीमित हिस्सेदारी के बावजूद पोकरबाजी में निवेशक नाजारा टेक्नोलाजीज पर भी इसका असर हो सकता है। गौरतलब है कि ड्रीम 11 का इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) का बाजार मूल्य आठ अरब डालर और एमपीएल का बाजार मूल्य 2.5 अरब डालर है।

उसने सरकारी प्रतिबंध के अनुसार अपने प्लेटफार्म पर सभी मनी गेम्स तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए हैं। वहीं, जुपी ने कहा कि उसके प्लेटफार्म पर सभी यूजर्स के लिए लूडो सुप्रीम, लूडो टबर्बो, स्नेक्स एंड लैंडर्स और ट्रंप कार्ड मैनिया जैसे गेम्स उपलब्ध रहेंगे।

अगर प्रतिबंध लागू हुआ तो बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। उनका अनुमान है कि लगभग दो लाख नौकरियां जा सकती हैं। साथ ही 25,000 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और 20,000 करोड़ रुपये के कर राजस्व पर प्रभाव पड़ सकता है। विश्लेषकों ने यह भी चेतावनी दी है कि इन प्रतिबंधों के कारण लगभग 45 करोड़ भारतीय यूजर्स अवैध विदेशी गेमिंग प्लेटफार्मों की और आकर्षित हो सकते हैं।

युवा पीढ़ी को आनलाइन मनी गेमिंग की लत से बचाने के लिए लाया गया प्रमोशन एंड रेगुलेशन आफ आनलाइन गेमिंग बिल, 2025 गुरुवार को राज्यसभा से पारित हो गया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही यह कानून बन जाएगा।

आल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन, फेडरेशन आफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स ने गृह मंत्री अमित शाह को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के पूर्ण प्रतिबंध से यह उद्योग चौपट हो जाएगा। इससे नौकरियां खत्म होंगी और करोड़ों यूजर्स अवैध विदेशी बेटिंग और गैबलिंग प्लेटफार्मों पर चले जाएंगे।

ऑनलाइन पैसे लगाकर खेले जाने वाले गेम्स पर अब भारत सरकार की सख्त नजर है। यह कदम उन परिवारों और युवाओं के लिए राहत की खबर है जो ऐसे गेम्स में पैसा गंवा चुके हैं। अब से अगर आप गेम खेलना चाहते हैं तो सिर्फ मनोरंजन के लिए खेलिए, पैसे लगाने के लिए नहीं।

Whtsapp ChannelJOIN
Telegram ChannelJOIN
You Tube ChannelSUBSCRIBE

BSEB Update

Scholarship

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *