जीवन जीने का आसान तरीका जो आपको बनायेगा - सफल इंसान
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जीवन जीने का आसान तरीका जो आपको बनायेगा – सफल इंसान

जीवन जीने का आसान तरीका जो आपको बनायेगा – :-एक समारो बहुत खुश हुई जब उसने अपनी पुरानी सहपाठी शैला को वहां देखा। शैला ही उम्मीदवारों के इंटरव्यू ले रही थी। सोनाली को पूरी आशा थी कि उसका चयन अब पक्का है। लेकिन अगले दिन पता चला कि वहां किसी अन्य को चुन लिया गया है।

सोनाली ने परेशान होकर अपनी मम्मी से कहा ‘लगता है मुझे कभी नौकरी नहीं मिलेगी। हर कोई रिजेक्ट कर देता है। पता नहीं क्या कमी है मुझमें ! मेरी जिंदगी का समाधान क्या है, समझ में नहीं आता।’ मम्मी ने उसे समझाया बेटी, वहां तुम्हारे अलावा भी तो कई लोग गए थे। क्या सबका चयन हो गया? चुना तो सिर्फ एक ही व्यक्ति गया न ! बाक़ी सबको दोबारा कहीं प्रयास करना ही पड़ेगा। वैसे ही तुम भी करना। सबसे बड़ी बात यह कि दार्शनिक सोरेन किएकगार्ड की कही एक बात गांठ बांध लो।

उन्होंने कहा है कि जीवन कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान किया जाए। यह एक वास्तविकता है जो अनुभव करने की चीज है। स्वीकृति-अस्वीकृति, पास-फेल, खुशी- ग़म जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव हैं जो हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। रही बात नकार दिए जाने की, तो इसका प्रबंधन सीखना होगा। इसके लिए दिल से नहीं दिमाग से काम लेना होगा।’ उनकी बातों से सोनाली को काफ़ी राहत मिली। उसकी मम्मी ने बिलकुल सही सलाह दी थी। रिजेक्शन से हताश होकर बैठना उचित नहीं। इसे सहना, स्वीकार करना और अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करना आना चाहिए।

माना कि किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देते समय, किसी स्टार्टअप के लिए निवेश प्रस्ताव रखते या किसी से सहयोग मांगते वक़्त हमें सकारात्मक मानसिकता के साथ जाना चाहिए और हां की उम्मीद ही करनी चाहिए। लेकिन साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि हमारे जैसे दूसरे लोग भी वहां होते हैं। जाहिर , सबको हां नहीं कहा जा सकता। इसलिए ना को दिल पर ना लें है और निराश ना होकर अगले प्रयास की तैयारी करें।

किसी प्रस्ताव या कार्य में अस्वीकृति मिलने पर आपको इसे अपनी डायरी में एक अनुभव के तौर पर दर्ज करना चाहिए। जाने-माने लाइफ कोच रॉबिन शर्मा कहते हैं कि चुनौतियां अच्छी होती हैं। हम इनके माध्यम से विकास करते हैं। खतरे या बुरे वक़्त में हम सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं। आपको समीक्षा करनी चाहिए कि किस आधार पर आपको अस्वीकृत किया गया। संभव हो तो संबंधित व्यक्ति से विनम्रतापूर्वक स्पष्ट रूप से कारण पूछ लेना चाहिए। अगर आप किसी ठोस कारण या अपनी कमी के बारे में जान पाएं तो इसे एक सबक़ के रूप में लेते हुए अगली बार उससे बचने की कोशिश करें।

कई बार आपके नौकरी, विवाह, सेवा, उत्पाद या वित्त संबंधी प्रस्ताव अथवा प्रेम निवेदन का रिजेक्ट होना ना
तो आपके कम योग्य होने का परिचायक होता है, ना ही आपकी सेवा या उत्पाद के ख़राब होने का। ना ही इसका अर्थ यह है कि आपके प्रस्ताव में खामियां थीं। समाजशास्त्री रेखा श्रीवास्तव कहती हैं कि कभी-कभी प्रपोजल, प्रोडक्ट या सर्विस चाहे जितने अच्छे हों अगर सामने वाला व्यक्ति आपके प्रति पूर्वग्रह से ग्रस्त है तो वह उन्हें नकारेगा ही। इसलिए इस तरह की अस्वीकृति को दिल पर लेने की जरूरत नहीं है।

कभी-कभी पार्टनर, दोस्त, क्लाइंट, बॉस या आपके किसी पूर्व परिचित के रिजेक्शन की एक वजह आपसे in क्षणिक नाराजगी भी हो सकती है। अगर ऐसे लोगों से किसी प्रस्ताव पर ना सुनने को मिले तो तुरंत बौखलाहट में प्रतिक्रिया देने से बचें। नेपोलियन हिल ने इस संबंध में बहुत अच्छी बात कही है कि आप किसी से असहमत होकर भी उससे झगड़े से बच सकते हैं। इससे बात बाद में बन सकती है। आप उस वक़्त चुप रह जाएं तो जब उनका गुस्सा ठंडा होगा तो उनका रिजेक्शन स्वतः ही सेलेक्शन में तब्दील हो जाएगा।

यह लगती तो फिल्मी बात है, परंतु कई बार ‘तू नहीं तो और सही’ वाला बेपरवाह रवैया काफ़ी लाभकारी साबित होता है। आपको कोई नकार दे तो निराश या दुखी होने के बजाय इसे सहज रूप में लें और खुद को आगे की प्रक्रिया के लिए तैयार करें। निराश या हताश होने पर आप पूरी तरह सक्रिय नहीं रह पाते। व्यवहार विशेषज्ञ प्रीति सुराणा कहती हैं कि एक रिजेक्शन कभी भी आपकी सफलता की यात्रा में अड़चन नहीं बन सकता। आपको तो इससे ज्यादा मेहनत और प्रयास करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

हमारी अपनी क़द्र हम करते हैं, यह कितना निवेश करते हैं। यह कौशलvमें बढ़ोतरी का मुद्दा है। कोई शायद इसको स्वार्थी होना कहे कि हम केवल अपनी बात कर रहे हैं, लेकिन सच तो यह है कि हमारी छवि जीवन के हर पक्ष को प्रभावित करती है। भले दूसरे की राय को हम उतनी अहमियत न दें, लेकिन अपनी नज़रों में अपनी क़द्र के मायने तो समझते ही हैं। किसी से प्रशंसा पाने का लालच भी नहीं है, यह आत्मविश्वास की बात है। अपने व्यक्तित्व को निरंतर निखारने के लिए प्रयासरत रहना भी एक तरह का विकास ही है।

किसी नए हुनर को लेकर जिज्ञासु होना, उसके बारे में किताबें पढ़ना, इंटरनेट पर खोज करना, पॉडकास्ट सुनना और उस हुनर में पारंगत लोगों से मिलना, हमारे ज्ञान को नई ऊंचाइयां देगा। जो जानकारियां हासिल होंगी, वो तो काम की होंगी ही, यह पढ़ना, सुनना, लोगों से मिलना व्यक्तित्व को तराशने में निश्चित रूप से मदद करेगा।

ख़ुद में निवेश का एक दूसरा अहम पहलू है, अपनी सेहत का ध्यान रखना। खान-पान के पोषक विकल्प चुनना और व्यायाम करना अब हर व्यक्ति के लिए जरूरी हो गया है। जो फिट है, सेहतमंद है, उसके व्यक्तित्व से सभी प्रभावित होते हैं। किसी मैराथन को पूरा करने पर हासिल मेडल के साथ खींची तस्वीर का प्रभाव अलग ही होता है।
ख़ुद में निवेश के अनेक और पहलुओं में एक अहम पहलू है, घुमक्कड़ी। देश-परदेस के नए स्थानों की सैर लोगों के नए मिज़ाज, तौर-तरीक़ों, रहन-सहन को समझने, आत्मसात करने का अवसर देती है। अजनबी जगत और लोगों की स्वीकार्यता, उनके साथ तालमेल की यह पहल व्यक्तित्व को नई आभा देती है। इसे लोकप्रिय होने में मददगार भी कह सकते हैं।

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