दिल्ली सीरियल धमाको के खुल गई पोल – देखिए आखिर बिहार चुनाव के पहले क्यूँ हुआ धमाका:-देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर दहशत के साये में आ गई, जब लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम को हुआ धमाका पूरे देश को हिला गया। इस घटना में कई लोगों की जान चली गई, जबकि दर्जनों घायल हुए। एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने जांच की कमान संभाल ली है और शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि यह कोई साधारण हादसा नहीं, बल्कि एक बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस साजिश में शामिल 8 आतंकियों में से 6 डॉक्टर हैं — यानी वो लोग, जिन पर ज़िंदगी बचाने की जिम्मेदारी होती है, वही अब मौत का खेल रचने में शामिल पाए गए हैं।
लाल किला ब्लास्ट
जिस कार में धमाका, उसे पुलवामा का डॉक्टर चला रहा था; एनआईए जांच शुरू, मृतक संख्या 12 हुई
कई शहरों में सीरियल धमाकों की साजिश थी
लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए कार धमाके में मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई। जिस कार में धमाका हुआ, उसे चलाने वाले की पहचान कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर नवी के रूप में हुई है। उमर विस्फोट में मारा जा चुका है। वह भी फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। पुलिस ने जम्मू-कश्मीर से उमर की मां का डीएनए सैंपल लिया है, तईकि धमाके के अवशेष में मिले शव के टुकड़ों की पहचान हो सके। इस तरह जैश-ए-मोहम्मद के इस नए बाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल में 8 आतंकी मिल चुके हैं। इनमें डॉक्टर हैं। इनमें भी 3 कश्मीर के पुलवामा तो एक काजीकुंड का है। एक मौलाना और एक इमाम भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
सूत्रों ने कहा,
दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में लगाजर छापेमारी से उमर दबाव में आ गया था। इसके बाद जल्दबाजी में अधूरा आईईडी तैयार किया गया, जिससे कार में विस्फोट हो गया। इसलिए विस्फोट का असर सीमित रहा और क्रेटर या छरें नहीं मिले। कार ने किसी लक्ष्य को टक्कर नहीं मारी, न किसी इमारत में घुसी, बानी यह सुसाइड कार वॉम्बिंग जैसा हमला नहीं था। विस्फोट का कारण वही सामग्री लगती है जो फरीदाबाद से जब्त की गई है। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजबत-उल-हिंद से जुड़ा है, जो जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और यूपी में सक्रिय है।
सूत्रों ने चताया, अब तक की जांच से पता चला है कि
धमाका किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था। आठ गिरफ्तार आतंकियों से शुरुआती पूछताछ में ऐसे संकेत मिले हैं कि कई बड़े शहरों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश थी। वहीं, गृह मंत्रालय ने मामले की जांच एनआईए को सौंप दी, जिससे स्पष्ट है, इसे आतंकी घटना माना जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इस मामले में दो बैठकें करें।
मॉड्यूल के 8 नके 8 आतंकियों में 6 डॉक्टर, इनमें 4 कश्मीरी, 2 यूपी के: मौलवी-इमाम भी गिरफ्त में
- यूपी एटीएस ने लखनऊ में डॉ. शाहीन के घर से उसके भाई डॉ. परवेज को पकड़ा है। भाई परवेज लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर है। शाहीन की इस मॉड्यूल में बड़ी भूमिका बताई जा रही है है।
- फरीदाबाद में 2900 किली विस्फोटक मिलने के बाद एजेंसियां अलफलाह मेडिकल कॉलेज पहुंचीं। सात डॉक्टर, 5 स्टूडेंट और 1 युवती हिरासत में। तीन महीने का सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किया।
- पुलवामा से तरिक को गिरफ्तार किया गया है। उसने ही उमर को यह कार दी थी, जिसमें धमाका किया गया है।
आतंक के डॉक्टर … टेरर मॉड्यूल में पहली बार इतने डॉक्टर पकड़े
डॉ. शाहीन सईद
- उम्र: 45. गिरफ्तार
- जन्मः लाल बाग, लखनऊ
- कामः एमबीबीएस, एमडी
- पदस्थः अलफलाह यूनि.
- आरोपः कार में राइफल श्री, मुजम्मिल की करीची। फॉर्मकोलॉजी एक्सपर्ट।
डॉ.आदिल अहमद
- उम्रः 38, गिरफ्तार
- जन्मः काजीकुंड, कश्मीर
- कामः सीनियर रेजिडेंट
- पदस्थः सहारनपुर, यूपी
- आरोपः जैश के धमकी बाले पोस्टर लगाए, लॉकर से एके 47 मिली।
डॉ. मोहम्मद नबी उमर (मृत)
- उम्रः 38 साल, जन्मः कोइल, पुलवामा
- कामः असिस्टेंट प्रोफेसर
- पदस्थः अलफलाह यूनिवर्सिटी
- आरोपः जिस कार में धमाका, उसे यही चला रहा था। शव की पहचान बाकी।
डॉ. मुजम्मिल शकील
- उम्र: 36, गिरफ्तार
- जन्मः कोइल, पुलवामा
- कामः एसोसिएट प्रोफेसर
- पदस्थः अलफलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद
- आरोपः 2900 किलो विस्फोटक जुटाकर रखा।
डॉ.सज्जाद अहमद
- उम्रः 32, गिरफ्तार
- जन्मः पुलचामा
- कामः डॉक्टर
- पदस्थः अभी ज्ञात नहीं।
- आरोपः डॉ. उमर का दोस्त, पुलवामा-ठिकाने वाले मॉड्यूल से संबंध।
आतंकी डॉक्टरों का नेटवर्क – कैसे बना “टेरेर मॉड्यूल”
एनआईए की जांच में सामने आया कि गिरफ्तार किए गए 8 आतंकियों में से 6 MBBS या MD डॉक्टर हैं। इनमें से चार कश्मीर के, जबकि दो यूपी के हैं।
इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:-
| नाम | उम्र | पेशा | स्थान | स्थिति |
|---|---|---|---|---|
| डॉ. शाहीन सरद | 38 | सर्जन | श्रीनगर | गिरफ़्तार |
| डॉ. आदिल अहमद | 36 | फिजिशियन | बडगाम | गिरफ़्तार |
| डॉ. मोहम्मद नदीम आर (एज) | 38 | मेडिकल ऑफिसर | लखनऊ | गिरफ़्तार |
| डॉ. मुनज़िल शकील | 36 | फिजियोथैरेपिस्ट | पुलवामा | गिरफ़्तार |
| डॉ. रियाज अहमद | 32 | न्यूरोलॉजिस्ट | श्रीनगर | गिरफ़्तार |
एक गांव- दो होनहार, दोनों साथ डॉक्टर बने, फिर आतंकी बन गए
मुदस्सिर कुल्लू श्रीनगर, कश्मीर के पुलवामा का कोइल गांव। यहां के दो होनहार युवा डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर नबी। दोनों के घरों के बीच की दूरी 800 मी. है। कोइन के सबसे होनहार युवा। साथ डॉक्टर बने। फिर समाज से दूर होने लगे। फिर आतंकी बन गए। लेकिन, अब मुजम्मिल पुलिस गिरफ्त में है, उमर मारा जा चुका है। गांव वालों को दोनों की करतूतों की सूचना टीबी से मिली। भास्कर टीम मंगलवार सुबह जब कोइल पहुंची, तो यहां मातम मा माहौल था। नबी के बहनोई पुजमिल ने बताया कि उमर ने आखिरी बार शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे फोन किया था। चार दिन बाद घर लौटने का कहा था। पड़ोसी फिरदौस अहमद ने बताया कि जिनके कारण कभी गांव का नाम रोशन होता था, आज उन्हीं के कारण हम बदनाम हैं।
पाक हैंडलर्स से ऑपरेट हो रहा था पोस्टर लगाने वाला डॉ. आदिल
मुदस्सिर कुल्लू श्रीनगर, कश्मीर के पुलवामा का कोइल गांव। यहां के दो होनहार युवा डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर नबी। दोनों के घरों के बीच की दूरी 800 मी. है। कोइन के सबसे होनहार युवा। साथ डॉक्टर बने। फिर समाज से दूर होने लगे। फिर आतंकी बन गए। लेकिन, अब मुजम्मिल पुलिस गिरफ्त में है, उमर मारा जा चुका है। गांव वालों को दोनों की करतूतों की सूचना टीबी से मिली। भास्कर टीम मंगलवार सुबह जब कोइल पहुंची, तो यहां मातम मा माहौल था। नबी के बहनोई पुजमिल ने बताया कि उमर ने आखिरी बार शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे फोन किया था। चार दिन बाद घर लौटने का कहा था। पड़ोसी फिरदौस अहमद ने बताया कि जिनके कारण कभी गांव का नाम रोशन होता था, आज उन्हीं के कारण हम बदनाम हैं।
37 दिन पहले शादी पर एक्टिव हुआ ‘वाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल
एम. रिवाज हासमी नई दिल्ली, जैश के जिस वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल ने सनरसनी फैलाई है, वो 4 अक्टूबर को कश्मीर के अनंतनाग में एक्टिव हुआ था। दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच से जुड़े सूत्रों ने भास्कर को बताया कि जिस डॉ. आदिल की गिरफ्तार सहारनपुर से हुई, 4 अक्टूबर को उसकी शादी डॉ. रुकैया से हु थी। शादी में कुछ ‘खास मेहमान’ शामिल थे, जिनको पहचान जांच एजेंॉरिस्यां कर रही हैं। शादी के अगले दिन बाइट कॉलर मॉड्यूल एक्टिव हुआ। इसका पहला काम सैन्य जवानों के खिलाफ सार्वजनिक धमकियां देना था। इस नेटवर्क का उद्देश्य मेडिकल प्रोफेशन की आड़ में लॉजिस्टिक सपोर्ट, ट्रांसपोटेशन और फाइनेंशियल चैनल्स तैयार करना था। आदिल लॉजिस्टिक और फाइनेंशियल मदद उपलब्ध कराता था।
समस्तीपुर के पंकज की मौत, स्टेशन छोड़कर घर आ रहा था
खानपुर (समस्तीपुर) | दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए ब्लास्ट में खानपुर के युवक की भी मौत हो गई है। मृतक की पहचान खानपुर के हसनपुर गांव के वार्ड संख्या 7 के रामबालक सहनी के पुत्र पंकज साहनी के रूप में हुई है। पंकज माता-पिता के साथ दिल्ली में रहता था। चह टैक्सी चालक था। प्राइवेट नौकरी करता था। नौकरी छूट जाने के बाद टैक्सी चलाने लगा। सोमवार को पंकज कॉलोनी के ही एक व्यक्ति को स्टेशन छोड़ने गया था। स्टेशन छोड़ने के बाद वापस आ रहा था। इसी दौरान लाल किले के पास धमाका हुई, जिसमें उसकी मौत हो गई। वहीं गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। पंकज के दादा बिंदेश्वर सहनी और चाची रूची देवी ने चताया कि तीन भाई और तीन बहन में पंकज मंझला था।
जैश सरगना मसूद अजहर की बहन के संपर्क में थी डॉ. शाहीन
प्रयागराज/नई दिल्ली जैश के चाइट कॉलर टेस टेरर मॉड्यूल की सबसे अहम कड़ी डॉ. शाहीन साँद को माना जा रहा है। इस लेडी आतंकी की मौजूदगी और गतिविधियों से खुफिया एजेंसियां भी सकते में हैं। वह जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर की चहन सादिया अजहर के सीधे संपर्क में थी और आतंकी संगठन की महिला विंग जमात उल मोमिनात से जुड़ी थी। इस विंग को सादिया ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अक्टूबर 2025 में बनाया था। सादिया का पति यूसुफ अहमद ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था। पति की मौत का बदला लेने के लिए ही सादिया ने विग बनाई। जम्मू-कश्मीर पुलिस डॉ. शाहीन को फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी से पकड़कर श्रीनगर ले गई।
साजिश रचने वालों को नहीं बख्शेंगेः मोदी
भूटान यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘धमाके की साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच एजेंसियां मामले की तह तक जाएंगी और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।’ प्रधानमंत्री ने भूटान से गृहमंत्री शाह से फोन पर करीब 20-22 मिनट बात को और अब तक की जांच और आउटपुट से जुड़ी पूरी जानकारी
पीएम मोदी ने कहा – “साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा –
“जो लोग देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। हमारी एजेंसियां पूरी ताकत से जांच कर रही हैं और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।”
गृहमंत्री अमित शाह ने भी एनआईए को पूरे अधिकार दिए हैं कि वे सभी संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी और गिरफ्तारी कर सकें।
धमाकों का राजनीतिक एंगल – बिहार चुनाव से पहले क्यों?
इस धमाके के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। विश्लेषकों के अनुसार, बिहार में चुनाव का माहौल गरम है और इस समय ऐसा बड़ा धमाका होना एक राजनीतिक-रणनीतिक संदेश भी हो सकता है।
- ध्यान भटकाने की कोशिश – जब चुनावी मुद्दे बेरोज़गारी, शिक्षा और महंगाई पर केंद्रित हों, तो आतंक जैसी खबरें जनता का ध्यान मोड़ सकती हैं।
- राष्ट्रीय सुरक्षा का एजेंडा – कुछ राजनीतिक दल इस तरह की घटनाओं को अपने पक्ष में इस्तेमाल करते हैं, ताकि “सुरक्षा” को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया जा सके।
- विदेशी ताकतों की साज़िश – खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान की कुछ एजेंसियां भारत के अंदर चुनावी अस्थिरता पैदा करने के लिए इस समय को चुनती हैं।
बिहार से भी जुड़े हैं कुछ धागे
जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक का बिहार के समस्तीपुर से संपर्क था।
समस्तीपुर के रहने वाले पंकज कुमार की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी, जो कथित रूप से इसी मॉड्यूल से जुड़ा था।
वह पहले दिल्ली के एक अस्पताल में काम करता था, फिर अचानक स्टेशन छोड़कर घर लौट आया था — और बाद में मृत मिला।
जनता में बढ़ी चिंता, सोशल मीडिया पर बहस तेज
घटना के बाद सोशल मीडिया पर यह सवाल उठ रहा है कि
“क्या देश में आतंकी नेटवर्क फिर से सक्रिय हो गया है?”
“इतने शिक्षित लोग आखिर क्यों आतंक की राह पर चल पड़े?”
विशेषज्ञों का कहना है कि यह रैडिकलाइजेशन का नया रूप है — जिसमें धार्मिक और राजनीतिक विचारों का इस्तेमाल करके शिक्षित युवाओं को भी आतंक के रास्ते पर धकेला जा रहा है।
निष्कर्ष – आतंक और राजनीति का खतरनाक मेल
दिल्ली में हुआ यह धमाका केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है।
यह बताता है कि आतंक अब केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि शहरों और सिस्टम के अंदर तक पहुंच चुका है।
और जब ऐसे हमले चुनाव के ठीक पहले होते हैं, तो यह सोचने की बात है कि आखिर इसके पीछे कौन-सी ताकतें सक्रिय हैं।
सरकार और एजेंसियों को चाहिए कि वे न केवल दोषियों को सजा दें, बल्कि इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करें।
क्योंकि जब “डॉक्टर” भी आतंक का चेहरा बनने लगें — तो यह केवल देश की सुरक्षा नहीं, बल्कि समाज की आत्मा के लिए भी सबसे बड़ा खतरा है।
- लाल किला ब्लास्ट की जांच में 8 आतंकी गिरफ्तार, जिनमें 6 डॉक्टर हैं।
- कई बड़े शहरों में सीरियल धमाकों की साजिश रची गई थी।
- बिहार चुनाव से पहले धमाके का होना संयोग नहीं माना जा रहा।
- एनआईए जांच जारी, कई देशों से लिंक मिलने के संकेत।
- पीएम मोदी ने कहा — “देश के दुश्मनों को सख्त सजा मिलेगी।”
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