नीट यूजी फॉर्म के लिए अपार आइडी जरूरी | इस दिन से होगा ऑनलाइन
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नीट यूजी फॉर्म के लिए अपार आइडी जरूरी | इस दिन से होगा ऑनलाइन

नीट यूजी फॉर्म के लिए अपार आइडी जरूरी | इस दिन से होगा ऑनलाइन:-नीट यूजी 2025 के लिए छात्रों को आवेदन के समय अपार आईडी और आधार कार्ड का इस्तेमाल करना होगा। नीट यूजी के लिए आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। नीट यूजी 2025 को अपार आईडी से जोड़ने का फैसला शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के बाद लिया गया है।

यह कदम परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। एनटीए जल्द ही नीट यूजी-2025 के लिए आवेदन फॉर्म भरने की तिथियां जारी करेगा। इसके साथ ही आधार कार्ड का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी चालू और छात्रों के पास होना जरूरी है। इससे ओटीपी सत्यापन प्रक्रिया होगी। साथ ही फेशियल रिकॉग्निशन की बात इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कही है, इसलिए आधार पर लेटेस्ट फोटो होना चाहिए, क्योंकि आपके चेहरे के अनुसार वह मिलना चाहिए।

एनटीए ने नीट यूजी के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि वे अपना आधार कार्ड 10वीं की मार्कशीट या सर्टिफिकेट में दी गई जानकारी के अनुसार अपडेट करा लें। आधार कार्ड पर अभ्यर्थी का नाम, जन्मतिथि सहित अन्य जानकारियां वही होनी चाहिए जो 10वीं की मार्कशीट या सर्टिफिकेट पर दर्ज हों। साथ ही आधार कार्ड को एक वैलिड मोबाइल नंबर से भी जोड़ना जरूरी है ताकि ओटीपी वेरिफिकेशन प्रक्रिया आसानी से हो सके।

इस बार करीब 25 लाख के आसपास आवेदन मेडिकल एंट्रेंस के लिए उम्मीदवार कर सकते हैं। एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि एनटीए ने आधार उपयोग के संबंध में यह तर्क दिए हैं कि रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस में आधार का उपयोग करने से मैनुअल होने वाली गलतियां नहीं होती हैं। स्टूडेंट से जुड़ा हुआ अधिकांश डेटा ऑटो अपलोड हो जाता है।

यूआईडीएआई की फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए कैंडिडेट का सत्यापन तेज गति से हो जाएगा। इससे परीक्षा हॉल में कैंडिडेट की उपस्थिति आसानी और सहजता से सत्यापित की जा सकेगी और यह सटीक भी रहेगा। आधार ऑथेंटिकेशन से कैंडिडेट की विशिष्ट पहचान हो जाती है, यह जीवन भर उसके एग्जाम के हित की सुरक्षा भी करता है।

एनटीए का कहना है कि आधार कार्ड का इस्तेमाल करने से जानकारी स्वचालित रूप से भरने में मदद मिलती है। इससे आवेदन करते समय खुद से कम जानकारियां भरनी पड़ती हैं। आधार बेस्ड टेक्नोलॉजी में डेवलपमेंट के साथ यूआईडीएआई के फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से उम्मीदवारों की पहचान को जल्दी और सुरक्षित किया जा सकता है।

परीक्षा हॉल में प्रवेश के दौरान उम्मीदवारों के चेहरे की पहचान फटफट हो जाती है। एजेंसी का कहना है कि आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन प्रोसेस को सरल बनाता है। यह सुनिश्चित करता है कि उम्मीदवारों की विशिष्ट पहचान हो। जिससे एग्जामिनेशन लाइफसाईकिल के दौरान उसके हितों की रक्षा हो सके।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से जल्द ही नीट यूजी (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट) 2025 के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से पहले एनटीए ने नोटिस जारी कर कहा कि नीट यूजी के लिए आवेदन करते समय स्टूडेंट्स ऑथेंटिकेशन के लिए अपनी अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आइडी और आधार कार्ड का इस्तेमाल करेंगे.

इसके साथ यूआइडीएआइ की ओर से शुरू की गयी फेस ऑथेंटिकेशन मेथड जैसी आधार बेस्ड तकनीक में प्रगति के साथ, उम्मीदवार अब तेजी से पहचान वेरिफिकेशन टूल्स का लाभ उठा सकते हैं. आसान शब्दों
में कहें, तो तकनीक की वजह से अब फॉर्म भरने में काफी आसानी हो जायेगी.

इसके कारण चेहरा दिखाते ही जानकारी अपने आप फॉर्म में भर जायेगी. समय की भी बचत होगी और गलतियां भी कम होंगी. यह नयी तकनीक परीक्षा प्रक्रिया को और भी सुरक्षित और पारदर्शी बनायेगी. नीट यूजी 2025 को अपार आइडी से जोड़ने का फैसला शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के बाद लिया गया है. यह कदम परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.

इसके अलावा नीट यूजी 2025 के साथ अपार आइडी भी बनाने के लिए कहा गया है. एनटीए ने कहा कि नीट प्रक्रिया में आधार और अपार आइडी का उपयोग अपडेटेड जानकारी वेरिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाने की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए अनुशंसित है. नीट यूजी 2025 में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी. इससे पहले अपना आधार अपडेट करने के लिए, आप नजदीकी आधार नामांकन या अपडेट केंद्र पर जा सकते हैं.

नीट यूजी उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने आधार विवरण, खासकर कक्षा 10वीं की मार्कशीट या पासिंग सर्टिफिकेट और चेहरे की पहचान के डेटा के अनुसार, अपडेट करें. आधार का उपयोग विवरण को ऑटो-पॉप्युलेट करने और आवेदन जमा करते समय होने वाली गलतियों को कम करने में मदद करता है. यह भी सुनिश्चित करें कि आपका आधार एक वैध मोबाइल नंबर से जुड़ा हो, ताकि ओटीपी-आधारित प्रमाणीकरण हो सके.

ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) भारत में सभी छात्रों के लिए डिजाइन की गयी एक विशेष पहचान प्रणाली है. यह पहल सरकार की ओर से शुरू किये गये वन नेशन, वन स्टूडेंट आइडी कार्यक्रम का हिस्सा है, जो 2020 की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है. इसमें हर छात्र को एक पहचान पत्र आइडी दिये जाने की योजना है.

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