बिहार पंचायत चुनाव का सुचना जारी- बिहार में पहली बार पंचायत चुनाव मल्टी पोस्ट ईवीएम से होगा। पंचायतों की संख्या के मुताबिक मशीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण चुनाव को 10 चरणों में कराया जाएगा। साथ ही इस बार आरक्षण श्रेणी में भी बदलाव होगा। प्रत्येक 10 साल के बाद क्रमिक बदलाव होता है।
10 चरणों में चुनाव कराने की तैयारी चल रही
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक वर्ष 2006 में बिहार पंचायत एक्ट में संशोधन हुआ था। इसके बाद वर्ष 2016 और वर्ष 2021 में पुराने आरक्षण पर चुनाव हुआ। इस बार आरक्षण का रोटेशन होगा। यानी जहां सामान्य कोटि की सीट है वहां जनसंख्या के आधार पर वह आरक्षित हो सकती है। इसी तरह आरक्षित कोटि की सीट सामान्य कोटि के खाते में सीटें जा सकती है।
पंचायत चुनाव मल्टी पोस्ट ईवीएम से होंगे… आरक्षण श्रेणी भी बदलेगी
मल्टी पोस्ट ईवीएम मशीन इस समय बिहार में नहीं है। इसकी खरीदारी राज्य निर्वाचन आयोग कर रहा है। राज्य में पिछली बार सिंगल (एकल) पोस्ट वाले ईवीएम से पंचायत चुनाव कराया गया था। इसको राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन विभाग से लिया था। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक मल्टी पोस्ट ईवीएम से मध्यप्रदेश, राजस्थान, केरल में पंचायत चुनाव हुआ है। यह पूरी तरह से सफल रहा है। मल्टी पोस्ट ईवीएम में 10 पोस्ट तक के लिए एक साथ चुनाव कराने की सुविधा है। इसमें अलग-अलग पदों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का अलग-अलग बैलेट यूनिट लगाया जाएगा
साक्ष्य में ई-चिप डीएम के पास होगी
विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराने वाली ईवीएम मशीन में एक पोस्ट होता है। चुनाव की समाप्ति के बाद साक्ष्य के तौर पर 45 दिनों तक पूरी ईवीएम को सील कर स्ट्रांग रूम में रखना होता है। मल्टी पोस्ट मशीन इससे अलग होगी। इसमें इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा होगा। प्रत्येक चरण की समाप्ति और मतगणना होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक चिप को संबंधित जिले के डीएम के नियंत्रण में सुरक्षित रखा जाएगा। विवाद होने की स्थिति साक्ष्य के तौर पर इस इलेक्ट्रॉनिक चिप का उपयोग होगा। ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (ओसीआर) की मदद से मतगणना होगी। यह तकनीक स्कैन की गई तस्वीरों या दस्तावेजों में मौजूद डेटा को टेक्सट में बदल देता है। इसको साक्ष्य के तौर पर भी रखा जाएगा।
मशीन से रोकी जाएगी बोगस वोटिंग
पंचायत चुनाव में मशीन से बोगस वोटिंग रोकी जाएगी। हर बूथ पर फेस रिकॉग्निशन सिस्टम लगेगा। यह एआई की मदद से वोटर लिस्ट वाले फोटो से वोट देने वाले मतदाता के चेहरे का मिलान करेगा। की गड़बड़ी होने पर तत्काल जानकारी देगा। चेहरा नहीं मिलने पर बूथ पर मौजूद बीएलए और अधिकारियों के सत्यापन किया जाएगा
ई-वोटिंगः कानून में बदलाव का प्रस्ताव
नगर निकाय उपचुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को ई-वोटिंग की सुविधा दी थी। इसका ट्रायल सफल रहा है। अब पंचायत चुनाव में ई-वोटिंग की सुविधा के लिए कानून में बदलाव करना होगा। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा प्रस्ताव दिया जाएगा। सरकार की हरी झंडी के बाद पंचायत चुनाव में वोटरों को यह सुविधा मिलेगी।
2026 में सितंबर से दिसंबर के बीच चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय समय पर ही चुनाव कराने की तैयारी है। वर्ष 2001, वर्ष 2006, वर्ष 2011 और वर्ष 2016 में पंचायत चुनाव फरवरी से अप्रैल के बीच हुआ था। वर्तमान पंचायत का कार्यकाल वर्ष 2027 के दिसंबर में समाप्त हो रहा है। इस कारण पंचायत चुनाव वर्ष 2026 में सितंबर से दिसंबर के बीच होगा।
राज्य में पहली बार मल्टी पोस्ट ईवीएम से पंचायत चुनाव होगा। इसके लिए मशीन की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके साथ ही अन्य नई पहल हो रही है। पिछले चुनाव में एक पद वाले ईवीएम का उपयोग किया गया था। मुकेश कुमार सिन्हा, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार
जानिए… बिहार में पंचायतों का हाल
| पद | पद की संख्या |
|---|---|
| मुखिया | 8,053 |
| ग्राम कचहरी सरपंच | 8,053 |
| वार्ड सदस्य | 113307 |
| पंचायत समिति सदस्य | 11,497 |
| पंच | 113307 |
| जिला परिषद सदस्य | 1,162 |
इस सभी पदों में पहले आरक्षित सीट है। एससी, एसटी, अन्य। इन सभी आरक्षित पदों में 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित है
बिहार पंचायत चुनाव 2026 कब होंगे?
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार:
- पंचायतों का कार्यकाल दिसंबर 2027 में समाप्त होगा।
- इसलिए चुनाव 2026 में सितंबर से दिसंबर के बीच कराए जाएंगे
महिलाओं के लिए 50% आरक्षण
इन सभी पदों में SC, ST, OBC और अन्य वर्गों के लिए आरक्षित सीटें हैं। इन आरक्षित सीटों में से 50% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
ई-वोटिंग: जल्द मिलेगा विकल्प
नगर निकाय उपचुनाव में ई-वोटिंग का सफल ट्रायल हो चुका है। अब पंचायत चुनाव में भी यह सुविधा देने के लिए कानून में बदलाव का प्रस्ताव भेजा जाएगा। सरकार की मंजूरी के बाद वोटर मोबाइल/ऑनलाइन से वोट दे सकेंगे।
क्या है Multi-Post EVM?
बिहार में पहली बार पंचायत चुनाव मल्टी पोस्ट ईवीएम (Multi Post EVM) से कराए जाएंगे। पंचायतों की संख्या अधिक होने और मशीनों की कमी के कारण इस बार चुनाव 10 चरणों में कराने की तैयारी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही, इस बार आरक्षण श्रेणी (Reservation Category) में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
राज्य में अभी मल्टी पोस्ट ईवीएम उपलब्ध नहीं है। आयोग नई मशीनें खरीद रहा है।
इससे पहले मतदान Single-Post EVM से होता था, जो निर्वाचन विभाग से लिया गया था।
मल्टी पोस्ट ईवीएम की खासियत:
- एक मशीन से 10 तक पदों के लिए एक साथ मतदान।
- हर पद के उम्मीदवार के लिए अलग-अलग बैलेट यूनिट।
- मध्यप्रदेश, राजस्थान और केरल में सफल प्रयोग।
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