बिहार बोर्ड ने मैट्रिक इंटर परीक्षा 2026 का सेंटर तैयार - जल्दी देखें
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बिहार बोर्ड ने मैट्रिक इंटर परीक्षा 2026 का सेंटर तैयार – जल्दी देखें

बिहार बोर्ड ने मैट्रिक इंटर परीक्षा 2026 का सेंटर तैयार – जल्दी देखें:-बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) ने परीक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाने, नकल और कदाचार जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बोर्ड ने राज्य के नौ शहरों में पारदर्शी परीक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक 10 हाईटेक परीक्षा केंद्र स्थापित किए हैं।

ये केंद्र राज्य के नौ प्रमंडलों में तैयार किए गए हैं। इसमें कुल 11,392 परीक्षार्थियों के बैठकर परीक्षा देने की क्षमता है। बिहार बोर्ड ने इन सभी केंद्रों को आदर्श परीक्षा केंद्र का दर्जा दिया है।

नौ प्रमंडलों में पटना, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में 1168-1168 सीटें, मुंगेर और सहरसा में 620-620 सीटें, छपरा में 692 सीटें, पूर्णिया में 640 सीटें और बापू परीक्षा परिसर पटना में 2890 सीटें हैं।

बोर्ड की मानें तो इन केंद्रों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार किया गया है। सभी केंद्रों पर कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) और पारंपरिक पेपर आधारित परीक्षाएं (पीबीटी) पूरी सख्ती के साथ आयोजित हो सकेंगी। बिहार बोर्ड ने हाल के वर्षों में परीक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए कई बदलाव किए हैं। चाहे तकनीक की मदद से कॉपियों का मूल्यांकन हो या फिर परीक्षा परिणाम में तेजी हो। इन बदलावों से बोर्ड में विद्यार्थियों का भरोसा बढ़ा है।

पटना स्थित बापू परीक्षा परिसर सबसे बड़ा केंद्र है, जहां 2980 परीक्षार्थी एक साथ परीक्षा दे सकते हैं। पटना में ही एक अन्य आदर्श केंद्र 1168 छात्रों की क्षमता वाला है। पटना के बापू परीक्षा परिसर पहले भी कई बड़ी एवं महत्वपूर्ण परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन हो चुका है।

  • पटना: बापू परीक्षा परिसर – 2980
  • आदर्श परीक्षा केंद्र 1168
  • गया 1168
  • दरभंगा-1168
  • मुजफ्फरपुर – 1168
  • भागलपुर – 1168
  • मुंगेर – 620
  • सहरसा – 620
  • छपरा – 692
  • पूर्णिया – 640

राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में हरेक तीन माह पर भाषा, गणित और विज्ञान मेला लगेगा। इसमें राज्य के 69 हजार प्रारंभिक विद्यालयों के 1.25 करोड़ बच्चे शामिल होंगे। यहां बच्चों को रोचक तरीके से भाषा, गणित और विज्ञान की नई-नई जानकारी दी जाएगी। बच्चे अपनी प्रतिभा भी दिखा सकेंगे। बच्चों को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।

निपुण 3.0 के तहत इसका आयोजन होगा। शुरुआत अक्टूबर से होगी। मेला तीन स्तर पर होंगे। पहला स्कूल, दूसरा प्रखंड और तीसरा जिला स्तर पर होगा। मेले के दौरान बच्चे नए-नए मॉडल प्रस्तुत करेंगे। उनके इस कार्य में शिक्षक मदद करेंगे।

स्कूल स्तर पर बेहतर मॉडल के साथ बच्चों को प्रखंड स्तर पर आयोजित मेले में भाग लेने का मौका मिलेगा। प्रखंड स्तर पर वाले बच्चों को जिला स्तर पर प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिलेगा।

कक्षा एक से पांच तक के बच्चे भाषा और गणित मेले में, जबकि कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे विज्ञान मेले में शामिल होंगे। शिक्षा विभाग ने निपुण मेले की तैयारी पूरी कर ली है। भाषा, गणित और विज्ञान मेले का आयोजन शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) के माध्मय से होगा। इस प्रकार के आयोजन से स्कूल नवाचार सीख कर अपने स्कूल में इसे लाग करा सकेंगे। बच्चे बाल वैज्ञानिक के रूप में अपनी समझ आगे और अधिक विकसित कर सकेंगे। इस तरह के आयोजन से बच्चों के व्यक्तित्व का भी विकास होगा। नई शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार स्कूली बच्चों को भाषा, गणित और विज्ञान में रुचि बढाना है।

बच्चों को पढ़ने, लिखने और अक्षरों को समझने में निपुण बनाना है। बच्चों को गिनती, जोड़, घटाव, गुणा और भाग जैसी गणितीय समझ विकसित करना है आठ तक के बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाना और बच्चों को भाषा और गणित में दक्ष बनाकर उनके आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति की क्षमता को बढ़ाना है। सरकार का लक्ष्य है कि 2026-27 तक पहली से तीसरी कक्षा के सभी बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त करा देना है।

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