ये बिजनेस शुरू करें घर बैठे हर महीने 1 लाख कमाई- मुंबई। बीस्पोक गिफ्ट हैम्पर और प्रीमियम पैकेजिंग सर्विस ऐसा बिजनेस है जो साधारण चीजों को यादगार अनुभव में बदल देता है। कॉरपोरेट शिफ्टिंग, शादियां, बेबी शॉवर, त्योहार और हाई-एंड पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स- हर सेगमेंट में इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। यदि आप क्रिएटिव हैं हो तो कम निवेश में भी 60% तक मार्जिन वाला यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
क्या है बीस्पोक गिफ्ट हैम्पर बिजनेस ?
इसमें कॉरपोरेट उपहार, वेडिंग रिटर्न गिफ्ट और त्योहारों के लिए थीम-आधारित, पर्सनलाइज्ड गिफ्ट हैम्पर तैयार किए जाते हैं। इसमें रिटेल ग्राहकों के साथ ही ऐसी कंपनियों के साथ टाई-अप की बड़ी संभावना होती है, जो त्योहारों जैसे कई मौकों पर कर्मचारियों को गिफ्ट देती हैं।
शुरुआत में कितने निवेश की जरूरत?
यदि जगह अपनी हो तो यह बिजनेस सिर्फ 80,000 रुपए से लेकर 1.5 लाख रुपए में शुरू किया जा सकता है। लेकिन यदि अच्छी जगह पर कमर्शियल स्पसे किराए पर लेना पड़े तो शुरुआती निवेश काफी बढ़ सकता है। खर्च मुख्य रूप से इन बीजों पर होता है:
- कच्चा मालः बॉक्स, बास्केट, रिबन, टैग, कस्टम प्रिंटिंग, कैंडल, चॉकलेट, गॉरमेट आइटम आदि।
- वर्कस्पेस, उपकरणः पैकिंग टेबल, कटर, ग्लू-गन, स्टिकर/लैमिनेशन सेटअप, फोटो-लाइटिंग आदि।
- ब्रांडिंगः लोगो, इंस्टाग्राम शॉप, फोटो शूट और शुरुआती मार्केटिंग
कमाई कैसे होती है?
कस्टमाइज्ड हैम्परः 500-3000 रुपए प्रति हैम्पर, मार्जिन 30-45% प्रीमियम पैकेजिंग सर्विसः प्रति पैकिंग 250-1500 रुपए, मार्जिन करीब 60% वेडिंग पैकेजिंगः प्रति पैकिंग या प्रति आयोजन अच्छी फीस मिलती है
छोटे पैमाने पर भी अच्छी कमाई
छोटा सेटअपः 40-60 हैम्पर/माह, 25,000-40,000 रुपए मुनाफा मिड-लेवलः 120-200 रेम्पर/माह, 60,000-1 लाख रुपए प्रॉफिट डिजाइन-सेंस हो तो यह छोटा बिजनेस प्रोफेशनल गिफ्ट-स्टूडियो बन सकता है।
लॉरस लैब्सः आक्रामक डाइवर्सिफिकेशन, 350 पेटेंट की बदौलत दिखाया तेज ग्रोथ
2005 में स्थापित लॉरस लेब्स रिसर्च-ड्रिवन फार्मा कंपनी है। एक्टिव फार्मा इन्ग्रीडिएंट्स यानी एपीआई के मामले में यह वैश्विक स्तर की बायोटेक फर्म है। जुलाई सितंबर में इसे 194.5 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ, जो पिछले साल की समान तिमाही के 20 करोड़ से 875% ज्यादा है। हैदराबाद की इस कंपनी में 7,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। इसके प्रोडक्ट यूरोप और दक्षिण अफ्रीका तक भेजे जाते हैं। कंपनी आक्रामक बिजनेस डाइवर्सिफिकेशन की रणनीति पर चल रही है। लॉरस बिक्री का 4.6% आरएंडडी पर खर्च करती है और अब तक 350 से अधिक पेटेंट फाइल कर चुकी है।
चार प्रमुख सेगमेंट में विस्तार कर रही कंपनी…
एपीआई एंटीरेट्रोवायरल, ऑन्कोलॉजी, कार्डियोवैस्कुलर और गैस्ट्रो थेरेप्यूटिक दवाओं के एपीआई की बड़ी सप्लायर। जेनेरिक फॉर्मूलेशनः दवाओं के जेनेरिक वर्जन का उत्पादन। सीडीएमओः अन्य दवा कंपनियों के लिए ड्रग मैन्युफैक्चरिंग। बायोटेकः बायोटेक आधारित प्रोडक्ट्स और सॉल्युशंस। प्लानः कंपनी ने आंध्र प्रदेश सरकार से 532 एकड़ जमीन ली है। यहां अत्याधुनिक फार्मा कॉम्प्लेक्स स्थापित करेगी।
टिम कुकः बचपन में अखबार बेचा, 28 की उम्र में एपल से जुड़े, अपनी लीडरशिप के 14 वर्ष में 1 ट्रिलियन डॉलर की आय जोड़ी, दुनिया में इस मुकाम तक कोई सीईओ नहीं पहुंचा
दिग्गज टेक कंपनी एपल 2026 में फोल्डेबल आईफोन ला सकती है। चर्चा है कि यह कंपनी के सीईओ टिम कुक के नेतृत्व में बना आखिरी प्रोडक्ट हो सकता है। 1998 में जब एपल संकट में थी, तब उन्होंने दूसरी कंपनी में इन्वेंट्री हेड का पद छोड़ एपल जॉइन किया। तब उनके फैसले को मूर्खतापूर्ण कहा गया, लेकिन वे दिवंगत को-फाउंडर स्टीव जॉब्स के भरोसे और दृढ़ता की बदौलत एपल को 357 लाख करोड़ रुपए की कंपनी बनाने वाले सफर तक ले आए। जानते हैं टेक बिलियनेयर कुक की कहानी…
प्रेरणाः पिता ने ‘कड़ी मेहनत का मूल्य’ का सिद्धांत सिखाया
कुक में बचपन से पैसे कमाने की चाहत थी। 12 साल की उम्र में पंकिटमनी के लिए अखबार बेचने लगे थे। तब तड़के 3 बजे उठते, काम करते और फिर स्कूल जाते थे। उनका मानना है कि पिता ने उन्हें ‘कड़ी मेहनत का मूल्य’ सिखाया, जो जीवनभर उनके करियर में मार्गदर्शक सिद्धांत बना रहा। 16 साल की उम्र में टाइपराइटर न खरीद पाने के कारण उन्होंने पूरा निबंध हाथ से लिखकर प्रतियोगिता में भेजा और उसे जीता भी
हुनरः मुश्किल वक्त में स्टीव संग मिलकर कई नए प्रोडक्ट लाए
वर्ष 1998 में स्टीव जॉब्स के बुलावे पर टिम कुक सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बनकर एपल से जुड़े। तब कंपनी का वैल्युएशन सिर्फ 3.02 बिलियन डॉलर (करीब 27,000 करोड़ रुपए) थी और हालत खराब थी। कुक ने तुरंत ऑपरेशन और ग्लोबल सप्लाई चेन संभाली। 2005 में वे सीओओ बने और जॉब्स के साथ मिलकर आईफोन और आईपैड जैसे प्रोडक्ट पेश किए। 2011 में जॉब्स के बाद कुक सीईओ बने और उनके नेतृत्व में एपल 3 ट्रिलियन डॉलर वैल्युएशन वाली दुनिया की पहली कंपनी बनी। आज ये करीब 360 लाख करोड़ रुपए (4.02 ट्रिलियन डॉलर) की कंपनी है।
कामः हर दिन कंपनी की वैल्यू में औसतन 6,273 करोड़ रुपए जोड़े
कुक के 14 साल के नेतृत्व में एपल की सालाना बिक्री 9.6 लाख करोड़ से 37 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई। मुनाफा 3 लाख करोड़ से 12 लाख करोड़ रुपए हो गया। मार्केट कैप 31 लाख करोड़ से 360 लाख करोड़ तक पहुंच गया। यानी हर दिन औसतन 6,273 करोड़ रुपए जोड़े। शेयरधारकों को अमीर बनाने में सिर्फ एनवीडिया के जेन्सन हुआंग उनसे आगे हैं। इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की समग्र आय में, टिम कुक के 1 ट्रिलियन डॉलर (करीब 89 लाख करोड़ रुपए) के आंकड़े के आसपास दुनिया का कोई भी सीईओ नहीं ठहरता है।
जीवन मंत्रः 23 हजार करोड़ संपत्ति, न आलीशान घर, न ही लग्जरी कार
कुक का जन्म 1 नवंबर 1960 को अमेरिका के अलबामा में हुआ। पिता शिपयार्ड वर्कर और मां दवा कंपनी में काम करती थीं। कुक परिवार में कॉलेज जाने वाले पहले सदस्य थे। कुक ने शादी नहीं की और 2014 में खुद को समलैंगिक बताया। 2009 में कैंसर से पीड़ित स्टीव जॉब्स को लिवर देने की पेशकश भी की थी। 23 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति और 643 करोड़ की सालाना सैलरी के बावजूद कुक साधारण जीवन जीते हैं। उनके पास न चमचमाती कारें हैं, न लग्जरी घर। वे काम को लेकर जुनूनी हैं। सुबह 5 बजे उठना, दफ्तर के सैंकड़ो ईमेल चेक करना, जिम और ऑफिस उनका डेली रुटिन है।
क्रिएटिव हैं तो शुरू करें गिफ्ट हैम्पर बिज़नेस: कम निवेश में 60% तक मुनाफा – पूरी जानकारी
अगर आप क्रिएटिव हैं और किसी ऐसे बिज़नेस की तलाश में हैं जिसे कम निवेश में शुरू किया जा सके और अच्छा मुनाफा भी मिले, तो बीस्पोक गिफ्ट हैम्पर और प्रीमियम पैकेजिंग सर्विस आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। आज के समय में लोग पर्सनलाइज्ड और थीम-बेस्ड गिफ्ट देना पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि इस बिज़नेस की मांग लगातार बढ़ रही है।
कॉरपोरेट गिफ्टिंग, शादी-विवाह, बेबी शॉवर, त्योहारों और हाई-एंड पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स में इस सर्विस की जरूरत तेजी से बढ़ी है। छोटे सेटअप के साथ भी यह बिज़नेस हर महीने अच्छा मुनाफा कमा सकता है।
कंपनी कॉर्नर: लॉरस लैब्स का 875% मुनाफा
मुंबई। फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी लॉरस लैब्स ने जुलाई–सितंबर तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन किया है।
कंपनी का तिमाही मुनाफा 20 करोड़ से बढ़कर 194.5 करोड़ पर पहुंच गया, यानी 875% की छलांग।
मुख्य सेगमेंट जिनमें कंपनी काम कर रही है:
- API (Active Pharma Ingredients): एंटीरेट्रोवायरल, ऑन्कोलॉजी, कार्डियोवैस्कुलर, गैस्ट्रो थेरेपी
- जेनेरिक फॉर्मुलेशन
- CDMO (Contract Drug Manufacturing)
- बायोटेक प्रोडक्ट्स
लॉरस लैब्स: निवेश पर रिटर्न (ROI)
| अवधि | रिटर्न |
|---|---|
| 6 महीने | 65.75% |
| 2025 में अब तक | 59.00% |
| 1 साल में | 90.99% |
| 5 साल में | 246.12% |
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