विदेश में जाकर छापना है करोड़ों तो आज ही इस वीजा के लिए करें आवेदन- घर बैठे मिलेगा

By: arcarrierpoint

On: Sunday, September 28, 2025 7:25 PM

विदेश में जाकर छापना है करोड़ों तो आज ही इस वीजा के लिए करें आवेदन- घर बैठे मिलेगा
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विदेश में जाकर छापना है करोड़ों तो आज ही इस वीजा के लिए करें आवेदन- घर बैठे मिलेगा:-भारत में अमेरिका के H-1B वीसा की ही सबसे अधिक चर्चा होती है, क्योंकि हमारे सबसे ज्यादा कुशल कामगार इसी वीसा पर कार्यरत हैं। लेकिन दुनिया में और भी कई ऐसे वर्क वीसा हैं, जो इतने ही लोकप्रिय और ताकतवर माने जाते हैं।

अमेरिका अब H-1B वीसा के लिए हर साल एप्लीकेशन फीस के रूप में एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) अतिरिक्त फीस वसूलेगा। यह नई फीस 21 सितंबर से लागू भी हो गई है। नई फीस वीसा के नवीनीकरण पर भी लागू होगी। इसका असर कम से कम उन 2 लाख भारतीयों पर भी पड़ेगा, जो पहले से ही इस वीसा के धारक हैं।

अमेरिका का H-1B वीसा अब तक दुनिया का सबसे लोकप्रिय और ताकतवर वर्क वीसा माना जाता है। लेकिन इस सूची में केवल यही अकेला वीसा नहीं है। और भी ऐसे कई वर्क वीसा हैं, जो इतने ही अधिक लोकप्रिय और प्रभावशाली हैं। फोब्सें इंडिया की ‘मोस्ट अट्रैक्टिव वर्क वीसा’ सूची, एनएफएपी और आईसीईएफ मॉनिटर ने दुनिया के 5 सबसे ताकतवर और लोकप्रिय वीसा को वर्गीकृत किया है।

यह यूरोपीय यूनियन (EU) के सदस्य देशों द्वारा तैयार किया गया वर्क/रेसिडेंस परमिट है, जिसका उद्देश्य यूरोप के बाहर के हाई-स्किल्ड पेशेवरों को आकर्षित करना है। यह यूरोपीय यूनियन के 27 में से 25 देशों में मान्य है (डेनमार्क और आयरलैंड को छोड़कर)

क्या है फीस ? ईयू के अलग-अलग देशों में फीस 100 से 405 यूरो (10 हजार से 42 हजार रु.) तक हो सकती है। यानी बाकी वर्क बीसा की तुलना में बहुत सस्ता है।

लगभग सभी ईयू देशों में आने-जाने व काम करने की स्वंतत्रता। उसी देश के नागरिकों जैसी सोशल सुरक्षा, वेतन, वर्क कंडीशंस मिलती हैं। परिवार आसानी से साथ आ सकते हैं। पीआर यानी स्थाई निवास की संभावना H-1B वौसा की तुलना में ज्यादा

सबसे चर्चित और डिमांड वाला वर्क वीसा माना जाता है। इसे विशेष रूप से उच्च कौशल वाले विदेशी पेशेवरों जैसे कि आईटी, इंजीनियरिंग, विज्ञान और स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों के लिए बनाया गया है। नियोक्ता लॉटरी में नाम डालता है, क्योंकि वीसा की लिमिट होती है।

क्या है फीस? पहले लगभग 5,000 से 10,000 डॉलर तक का खर्च आता था। अब एक लाख डॉलर (करीच 88 लाख रु.) की अतिरिक्त सालाना फीस लगाई।

यह वीसा अमेरिका की कंपनियों में काम करने की कम से कम 3 साल और अधिकतम 6 साल तक की कानूनी अनुमति देता है। अमेरिका में स्थाई रूप से बसना (ग्रीन कार्ड) कई लोगों के लिए सपना होता है। ग्रीन कार्ड की राह इसी से निकलती है।

कनाडा का एक्सप्रेस एंट्री मूलतः वीसा नहीं, बल्कि एक ऑनलाइन आवेदन प्रबंधन प्रणाली है, जिसका उपयोग कनाडा के स्थायी निवास के लिए कुशल श्रमिकों के आवेदनों को मैनेज करने के लिए किया जाता है।

क्या है फीस ? प्रोसेसिंग फीस लगभग 1,365 कैनेडाई डालर (करीब 87 हजार रु.) और एजुकेशनल क्रेडेंशियल असेसमेंट फीस 350 कैनेडाई डालर (22) हजार रु.) है। यानी कुल मिलाकर करीब एक लाख रुपए।

कनाडाई नागरिकों के समान ही सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच। आश्रित बच्चों के लिए प्राथमिक माध्यमिक तक को मुफ्त शिक्षा। ग्लोबल टैलेंट के लिए स्थाई आवास (पीआर) पाने का सबसे तेज कानूनी तरीका है।

ब्रिटेन का स्किल्ड वर्कर वीसा (जो पहले टायर 2 जनरल वीसा कहलाता था) उच्च-कौशल वाले पेशेवरों के लिए है। इस बीसा के माध्यम से ब्रिटेन में काम करने का ही नहीं, बल्कि कुछ मामलों में स्थायी निवास पाने का अवसर भी मिलता है।

क्या है फीस? एप्लीकेशन फीस 610 से 1,408 पाउंड यानी करीब 72 हजार से 1.67 लाख रु.। हेल्थकेयर सरचार्ज के रूप में सालाना 624 पाउंड (74 हजार रु.)

पति/पत्नी और बच्चे भी बीसा में शामिल किए जा सकते हैं और उन्हें काम या पढ़ाई करने की अनुमति मिलती है। वीसा अधिकतम 5 साल के लिए दिया जा सकता है, जिसके बाद इसे बढ़ाया जा सकता है या स्थायी निवास के लिए आवेदन किया जा सकता है।

इसका पूरा नाम स्किल्ड माझोशन वीसा है। इसमें तीन तरह के वीसा होते हैं। यह 45 साल से कम उम्र के ही उन लोगों को मिलता है, जो ऑस्ट्रेलिया की ‘स्किल ऑक्युपेशनल लिस्ट’ में शामिल पेशे से ताल्लुक रखते हों। कम से कम तीन साल का अनुभव जरूरी है।

क्या है फीस? हर तरह के वीसा की फीस 4,240 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (2.45 लाख रु.) है। परिवार के प्रत्येक सदस्य की फीस 2,120 डॉलर अलग से है।

यह बीसा उच्ब कौशल बाले पेशेवरों के लिए ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से बसने का मौका उपलब्ध करवाता है। बाद में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता के रास्ते भी खोलता है। अन्य वीसा की तुलना में इसकी प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और सुनियोजित है।

यह एक विशेष वर्क वीसा कैटेगरी है, जिसे 1 अक्टूबर 2025 से लागू किया जा रहा है। इसे खास तौर पर STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथेमेटिक्स) क्षेत्र के प्रोफेशनल्स को आकर्षित करने के लिए शुरू किया गया है। यह अमेरिका के H-1B वीसा का वैकल्पिक रूप माना जा रहा है।

हालांकि इसकी प्रक्रिया या फीस आदि क्या होगी, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन खास बात यह है कि इसके लिए किसी चीनी नियोक्ता से ऑफर लेटर जरूरी नहीं होगा। यानी इच्छुक प्रतिभाएं इस वीसा पर चीन जाकर जाँच तलाश सकती हैं।

हाल के वर्षों में यूएई के ग्रीन वीसा की लोकप्रियता भी बढ़ी है। इसे किसी नियोक्ता की जरूरत के बिना स्वयं भी स्पॉन्सर किया जा सकता है। इस वीसा की सुविधा स्किल प्रोफेशनल के अलावा निवेशक, उद्यमी और फ्रीलॉन्सर्स भी उठा सकते हैं।

यह आमतौर पर 5 साल के लिए मिलता है। खास बात यह भी है कि वीसा खत्म होने या रद्द होने के बाद भी 6 महीने तक यूएई में रह सकते हैं। यह अपेक्षाकृत काफी सस्ता भी है। इसकी आवेदन फीस लगभग 8,000 रुपए है, जबकि परमिट फीस करीब 50 हजार से 55 हजार रुपए है।

भारत दुनिया के टॉप स्किल्ड वर्क डेस्टिनेशंस में शामिल नहीं है, लेकिन फिर भी इसका अपना वर्क वीसा है। इसे ‘एम्प्लायमेंट वीसा’ कहा जाता है, जो एक वर्ष के लिए दिया जाता है और जरूरत पड़ने पर इसे 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। यह बीसा भी मुख्य रूप से विदेशी विशेषज्ञों, प्रोफेशनल्स, तकनीको विशेषज्ञों, एनजीओ वर्कर्स और उच्च-स्तरीय कंसल्टेंट्स को दिया जाता है।

हालांकि इसमें एक बड़ी शर्त यह होती है कि इस वीसा पर आने वाला व्यक्ति भारतीय कर्मचारियों को डिसप्लेस न करे। उसे केवल वही रोल मिल सकता है, जिसके लिए भारतीय उपलब्ध न हों।

  • 2,07,000
    • भारतीय H-1B वीसा पर कार्यरत हैं (साल 2024 के अंत तक), सरकारी आंकड़ों के अनुसार।
  • 21,000
    • (लगभग) भारतीय ब्लू कार्ड धारक हैं यूरोप में, ग्लोबल सिटीजनपास के अनुसार।
  • 20,000
    • से भी अधिक भारतीय ब्रिटेन के स्किल्ड वर्कर वीसा पर काम कर रहे हैं, एक रिपोर्ट के अनुसार।
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