सोना चांदी के दाम में भारी गिरावट | सबसे सस्ता हुआ सोना:-बीते कुछ हफ्तों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है। भारतीय बाजार में भी इसका असर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। जहां कुछ महीने पहले सोने के दाम ₹70,000 प्रति 10 ग्राम के पार जा चुके थे, वहीं अब यह गिरकर ₹66,000 से नीचे आ गया है।
इसी तरह, चांदी की कीमतें भी ₹92,000 प्रति किलो से घटकर ₹88,000 तक पहुँच गई हैं।
सोना 10 दिन में 11,541 रुपए और चांदी दो हफ्तों में ₹36 हजार सस्ती
सोने-चांदी में गिरावट का ट्रेंड जारी है। घरेलू मार्केट में 24 कैरेट सोना मंगलवार को 2.5% टूटकर 1,18,043 रु./ 10 ग्राम रहा। 22 कैरेट (जेवराती) 2,780 रु. सस्ता होकर 1,08,127 रु./10 ग्राम पर बिका। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के डेटा के मुताबिक 24 कैरेट – सोना 17 अक्टूबर को 1,29,584 रु./10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर था। यानी इस दौरान 9% टूट चुका है। वैल्यू के हिसाब से 11,541 रुपए प्रति 10 ग्राम सस्ता हो चुका है। दूसरी तरफ, चांदी में भी गिरावट जारी है। चांदी मंगलवार को 2% टूटकर 1,41,896 प्रति किलो रह गई। यानी एक दिन में 3,135 रुपए सस्ती हुई। 14 अक्टूबर को ये 1,78,100 रु. किलो के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची थी। इस लिहाज से चांदी में 36,204 रुपए (20%) की गिरावट आ चुकी है।
चीन-अमेरिका दोस्ती से सोना सहमा, एक दिन में 2.5% घटा
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध टलने की सुगबुगाहट से गिरावट देखी जी रही है। स्पॉट गोल्ड मंगलवार को लगातार तीसरे सत्र में अपनी गिरावट को बढ़ाते हुए 3,900 डॉलर/औंस से नीचे फिसला और तीन सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले सोमवार को सोने की कीमत में 3% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
दुनिया के बड़े संस्थानों का अनुमान गिरावट अस्थायी, सोने की कीमतें बढ़ेंगी
जेपी मॉर्गन ने सबसे मजबूत अनुमान देते हुए कहा है कि 2028 तक सोने की कीमत 6,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। यानी तीन साल में 54% चढ़ सकता । उनका मानना है कि फेडरल रिजर्व द्वारा व्याज दरों में कटौती का चक्र शुरू होने और मुद्रा के खिलाफ बचाव की चिंताओं से सोने की वृद्धि की क्षमता मजबूत होती है।
| संस्था (Institution) | 2025 लक्ष्य | 2026 लक्ष्य | 2028 लक्ष्य | अपडेट की तिथि |
|---|---|---|---|---|
| जे.पी. मॉर्गन (JP Morgan) | $3,675/औंस | $5,055/औंस | $6,000/आँस | 23 अक्टूबर 2025 |
| मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) | — | $4,400/औंस | — | 21 अक्टूबर 2025 |
| रॉयटर्स पोल (Reuters Poll) | — | $4,275/औस | — | 27 अक्टूबर 2025 |
चीन-अमेरिका डील और फेड की आज होने वाली बैठक तय करेगी आगे की चाल, दरें 0.5% घटीं तो फिर बढ़ सकते हैं सोने के दाम
अमेरिका भारत और रूस को मनाने की कोशिश कर रहा है। चीन के साथ ट्रेड डील पर आगे बढ़ रहा है। व्यापार बाधाएं और भू-राजनीतिक तनाव कम होने की खबर से गोल्ड में प्रॉफिट बुकिंग हावी है। इससे पहले सोने के दाम चढ़ने की बड़ी वजह भी बढ़ता ट्रेड और भू-राजनीतिक तनाव ही थी। सोने में 10% और चांदी में 18% का करेक्शन देखा गया। आगे सोने की चाल अमेरिका-चीन ट्रेड डील और बुधवार को होने वाली फेड की बैठक से तय होगी। डील बेपटरी होती है और फेड ब्याज दरों में 0.5% कटौती करता है तो कीमतें फिर बढ़ सकती हैं।
कीमतें गिरने की प्रमुख वजह है…
- अमेरिका-चीन व्यापार समझौताः- आसियान सम्मेलन में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार ढांचा समझौते पर सहमति। भू-राजनीतिक तनाव घटा।
- रिकॉर्ड ऊंचाई से मुनाफा वसूलीः- सोना हाल ही में 4,380 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। भू-राजनीतिक तनाव घटने से निवेशकों ने मुनाफे को सुरक्षित करने के लिए प्रॉफिट बुकिंग शुरू की।
- ईटीएफ से रिकॉर्ड बिकवालीः- संस्थागत निवेशकों ने मई के बाद से सबसे बड़ी साप्ताहिक बिकवाली की। जोखिम कम होने पर सोने से पूंजी निकालकर शेयर बाजार में लगा रहे, जहां तेजी दिख रही है।
ताबड़तोड़ मुनाफावसूली से सोना तीन सप्ताह के निचले स्तर पर
धनतेरस के बाद से सोने-चांदी की कीमतों में ताबड़तोड़ गिरावट जारी है। बीते 11 दिनों में सोना करीब 13 हजार रुपये लुढ़क गया है। वहीं, चांदी में भी 40 हजार रुपये की भारी भरकम गिरावट आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि गिरावट यह दौर आगे भी देखने को मिल सकता है।
धनतेरस के बाद से कीमतों में गिरावट का तेज सिलसिला बरकरार
विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में तेजी थम गई है। अक्टूबर के पहले तीन हफ्तों में सोने के भाव 3,800 से बढ़कर 4,400 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गए थे। लेकिन अब तेज गिरावट आई है और भाव वापस 3900 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गए हैं। बीते एक हफ्ते में यह करीब 3.2% की गिरावट है। वहीं, चांदी भी उछलकर 53 डॉलर प्रति औंस तक पहुंची थी, जो अब लुढ़कर 46 डॉलर के करीब आ गई है।
चांदी भी फिसली
इस गिरावट का सीधा असर घरेलू सर्राफा बाजार पर देखा जा रहा है। दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से करीब 10 फीसदी टूट चुका है। इसी तरह चांदी भी करीब 22 फीसदी लुढ़क गई है। जानकारों को कहना है कि त्योहारों के मद्देनजर इनकी मांग जो उछली थी, अब वह पूरी तरह सुस्त पड़ गई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सौमिल गांधी ने कहा, “हमारा मानना है कि सोने में सुधार जारी रहेगा, 5-10 प्रतिशत की गिरावट की संभावना है, क्योंकि इस साल कीमत में 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी के बाद बड़े कारोबारी मनाफावसली करेंगे।
आगे रुझान
निवेश सलाहकार एजेंसी ‘या-वेल्थ’ के निदेशक अनुज गुप्ता का कहना है कि सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का यह सिलसिला जारी रह सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव 3800 डॉलर या इससे नीचे लुढ़क सकते हैं। ऐसा होने पर भारतीय बाजार में सोने के दाम 1.15 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ सकते हैं। इसी तरह चांदी का अंतरराष्ट्रीय भाव 42 डॉलर तक टूट सकता है। तब घरेलू बाजार में इसकी कीमत 1.25 लाख रुपये प्रति किलो ग्राम तक पहुंच सकती है।
गिरावट के प्रमुख कारण
- दुनियाभर में निवेशकों की जोरदार मुनाफावसूली
- अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक रिश्तों में सुधार की उम्मीद
- अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में एक और कटौती के आसार
- त्योहारी सीजन बीतने पर भौतिक मांग में कमी
- दुनिया में डॉलर की मजबूती से भी भाव कमजोर पड़े
सर्वकालिक शिखर से बुरी तरह फिसले
- सोना
- 17 अक्तूबर 1,34,800
- 28 अक्तूबर 1,21,800
- गिरावट 9.6% 13,000
- चांदी
- 14 अक्तूबर 1,85,000
- 28 अक्तूबर1,45,000
- गिरावट 21.62% 40,000
निष्कर्ष
इस समय सोना और चांदी दोनों की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन यह अस्थायी है।
विश्लेषकों का मानना है कि 2026 से 2028 के बीच सोने में मजबूत तेजी (Bull Run) देखने को मिल सकती है।
जो लोग लॉन्ग-टर्म निवेश की सोच रहे हैं, उनके लिए यह गिरावट एक सुनहरा अवसर साबित हो सकती है।