₹50 हजार प्रोत्साहन राशि लिस्ट में कोई भी त्रुटि है तो यहाँ से कराएं सुधार:-बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. अध्यक्ष छात्र कल्याण के कार्यालय से लेकर परीक्षा विभाग तक सैंकड़ों की संख्या में छात्राएं सुबह से दोपहर तक पहुंच रही हैं. इसी बीच विचौलिये भी सक्रिय हो गये हैं. अ
कन्या उत्थान के लिए नाम जोड़ने का झांसा दे रहे बिचौलिये
भी सिर्फ उन्हीं छात्रों का आवेदन हो रहा है जिनका नाम पहले से पोर्टल पर है, लेकिन बिचौलिये झांसा दे रहे हैं कि वे उनका नाम पोर्टल पर जोड़वा देंगे. इसके लिए उनकी और से पांच हजार रुपये की मांग की जा रही है. इसमें से आधा पैसा पहले और आधा पैसा नाम जुड़ने के बाद देने का दिया जा रहा है.
विश्वविद्यालय में कन्या उत्थान योजना को लेकर छात्राओं की भीड़.
इसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में जगह-जगह बिचौलियों से सावधान रहने के लिए छात्राओं को अलर्ट किया है. कहा है कि अभी जिनका नाम जुड़ा हुआ है. वे छात्राएं ही अपने आधार कार्ड, रजिस्ट्रेशन और अंकपत्र की प्रति और मोबाइल नंबर डीएसडब्ल्यू सेक्शन में जमा कराएं, जिनका नाम पोर्टल पर नहीं है. उन्हें मौका देने के लिए अलग से मौका दिया जाएगा.
अंकपत्र के लिए परेशान हैं छात्राएं
आवेदन में मूल अंकपत्र की स्कैन की गयी कॉपी अपलोड करना होता है. कई छात्र-छात्राओं को अबतक मूल अंकपत्र मिला ही नहीं है. इस कारण वे परीक्षा विभाग में पहुंच रहे है. परीक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि बीते तीन दिनों में पांच सौ से अधिक छात्राओं का अंकपत्र जारी किया गया है.
पांच तक दिया गया है आवेदन का मौका, दिनभर रहती भीड़
पांच सितंबर तक कन्या उत्थान के लिए आवेदन होना है. ऐसे में अब सिर्फ तीन दिनों का समय शेष रह गया है. बेतिया, मोतिहारी, वैशाली और सीतामढ़ी से छात्राएं और उनके अभिभावक कागजात लेकर पहुंच रहे हैं
कई छात्राओं ने बताया कि पूर्व में कागजात जमा कराए थे उस समय मोबाइल नंबर देने के लिए नहीं कहा गया. अब फिर से कागजात जमा कराया जा रहा है. दूरी से आने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
20 हजार से अधिक छात्राओं का पोर्टल पर नहीं है नाम
पोर्टल पर चार सत्र की 20 हजार से अधिक छात्राओं का नाम नहीं है. वैसी छात्राएं जिनका परिणाम पेंडिंग था. बाद में उनका परिणाम सुधरा है. उनका नाम नहीं जुड़ सका है. ऐसे में ये छात्राएं परेशान होकर विश्वविद्यालय पहुंच रही हैं. कई छात्राओं ने पैसा मांगे जाने की शिकायत की है. इसके बाद उन्हें अभी इस चक्कर में नहीं पड़ने की सलाह दी गयी है. कहा गया है कि पोर्टल खुलने पर उन्हें सूचना दी.
₹50 हजार प्रोत्साहन राशि लिस्ट में कोई भी त्रुटि है तो यहाँ से कराएं सुधार
लेकिन कई बार लिस्ट (List) में या आवेदन में गलतियाँ (Errors) हो जाती हैं। जैसे –
- नाम गलत लिखा होना
- पिता/पति का नाम गलत होना
- बैंक खाता या IFSC Code में गड़बड़ी
- आधार नंबर या अन्य डिटेल्स में त्रुटि
- कॉलेज/विश्वविद्यालय का नाम गलत होना
ऐसी स्थिति में आपके खाते में राशि नहीं पहुँच पाती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि समय रहते त्रुटि सुधार (Correction) करा लिया जाए।
क्या है समस्या?
- नाम नहीं जुड़ना
- कई छात्राओं का नाम अभी तक पोर्टल पर नहीं जुड़ा है।
- कारण है कि विश्वविद्यालय परिणाम (Result) विभाग से समय पर अंकपत्र और डेटा पोर्टल तक नहीं पहुँच पाया।
- अंकपत्र अपलोड में दिक्कत
- आवेदन करते समय मूल अंकपत्र की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होती है।
- लेकिन तकनीकी गड़बड़ी या त्रुटि के कारण कई छात्राओं की कॉपी अपलोड नहीं हो पाई।
- बिचौलियों का झांसा
- विश्वविद्यालय कैंपस में कई बिचौलिये छात्राओं से पैसे लेकर यह दावा कर रहे हैं कि वे नाम जुड़वा देंगे या सुधार करवा देंगे।
- जबकि असल में यह काम केवल विश्वविद्यालय प्रशासन और पोर्टल के जरिए ही होगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन की सफाई
विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ़ किया है कि:
- जिन छात्राओं का नाम पोर्टल पर नहीं है, उन्हें फिर से मौका दिया जाएगा।
- इसके लिए पोर्टल को दोबारा खोला जाएगा।
- छात्राओं को किसी भी बिचौलिये पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
- नई तिथि जारी की जाएगी और उसी दौरान सुधार व नाम जोड़ने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
किन-किन छात्राओं का नाम नहीं जुड़ा?
- जिनके अंकपत्र विभाग तक समय पर नहीं पहुँचे।
- जिनका डेटा कॉलेज से विश्वविद्यालय तक नहीं भेजा गया।
- जिनकी स्कैन कॉपी अपलोड में दिक्कत हुई।
समाधान: क्या करें छात्राएँ?
- बिचौलियों से बचें
- किसी भी व्यक्ति को पैसे देकर नाम जोड़ने या सुधार करवाने की कोशिश न करें।
- विश्वविद्यालय/कॉलेज से संपर्क करें
- अपने कॉलेज/विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी या प्रिंसिपल से संपर्क करें।
- उनसे नाम जुड़वाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी लें।
- आधिकारिक नोटिस का इंतजार करें
- विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और पोर्टल पर नया नोटिस जारी होगा।
- उसी नोटिस में तिथि दी जाएगी, जब पोर्टल दोबारा खुलेगा।
- आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- स्नातक का अंकपत्र और प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
छात्राओं के लिए ज़रूरी सलाह
- घबराएँ नहीं – अगर नाम नहीं जुड़ा है तो भी आपको मौका मिलेगा।
- बिचौलियों को पैसे न दें – केवल आधिकारिक प्रक्रिया पर भरोसा करें।
- पोर्टल की तिथि का इंतजार करें – एक बार पोर्टल खुलने पर आप नाम जोड़ पाएँगी।
निष्कर्ष
कन्या उत्थान योजना के तहत 20 हज़ार से अधिक छात्राओं का नाम पोर्टल पर नहीं जुड़ा है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि छात्राओं को एक और मौका मिलेगा।
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त्रुटि सुधार का उदाहरण
मान लीजिए आपकी बैंक पासबुक में नाम “Priya Kumari” लिखा है लेकिन आवेदन में “Prya Kumari” लिखा गया है, तो DBT फेल हो जाएगा।
इसे सुधारने के लिए:
- आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड और बैंक पासबुक की कॉपी जमा करनी होगी।
- सत्यापन के बाद पोर्टल पर सही नाम अपडेट हो जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. अगर लिस्ट में मेरा नाम नहीं है तो क्या करूँ?
अगर आप योग्य हैं और नाम नहीं है तो कॉलेज/विश्वविद्यालय से संपर्क करें और नया आवेदन करवाएँ।
Q2. सुधार कराने में कितना समय लगता है?
सामान्यतः 15–30 दिन के भीतर सुधार प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है।
Q3. क्या सुधार के लिए कोई शुल्क देना होगा?
नहीं, यह प्रक्रिया बिल्कुल निशुल्क है।
Q4. क्या मोबाइल से खुद सुधार किया जा सकता है?
हाँ, अगर पोर्टल पर Correction का विकल्प है तो आप खुद कर सकते हैं, वरना कॉलेज/यूनिवर्सिटी जाना होगा।