10वीं 12वीं परीक्षा 2025 – सिलेबस में होगा बड़ा बदलाव

By: arcarrierpoint

On: Tuesday, February 13, 2024 7:45 PM

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10वीं 12वीं परीक्षा 2025 :- शिक्षा विभाग ने राज्य के डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई को अलग करने की कवायद शुरू कर दी है। इस बाबत विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर एक समिति बनी है। यह कार्य की निगरानी करेगी।

यह समिति दसवीं और 12 वीं बोर्ड के पाठ्क्रम में सुधार का भी प्रयास करेगी। इसका आदेश विभाग ने जारी कर दिया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि आगामी बोर्ड परीक्षाओं (फरवरी 2025) के दौरान कक्षा नौ और 11 वीं की पढ़ाई, उसी परिसर में करने की व्यवस्था करायी जाएगी। विभाग ने कहा है कि एक अप्रैल, 2024 से इन सभी अवस्था के आवास पर अभी ही प्रवास करने की जरूरत है। इसी क्रम में माध्यमिक निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित की गयी है।

मालूम हो कि समिति का संयोजक माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक शिवनाथ प्रसाद को बनाया गया है। समिति के सदस्य के रूप में माध्यिक शिक्षा के उप निदेशक अमर भूषण, उच्च शिक्षा के निदेशक दीपक कुमार सिंह, एएसपीडी रविशंकर सिंह, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रभारी संजीव सुमन और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निदेशक शामिल किये गये हैं। यह समिति उक्त तीनों मकसद को लेकर विभाग की ओर से किये जाने वाले कार्यों की निरंतर निगरानी करेगी।

शिक्षा विभाग ने आंदोलन कर रहे और मशाल जुलूस में शामिल नियोजित शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश जिलों को दिया है। इस बाबत माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को इस संबंध में सोमवार को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि सक्षमता परीक्षा के विरोध में शिक्षक संगठनों और शिक्षकों द्वारा मशाल जुलूस निकाला जा रहा है। आंदोलन किया जा रहा है। ऐसे शिक्षकों की पहचान कर कार्रवाई करें।

  • 07 सदस्यीय कमेटी माध्यमिक निदेशक की अध्यक्षता में गठित
  • 10 वीं और 12 वीं बोर्ड के पाठ्यक्रम में सुधार का भी प्रयास करेगी समिति
  • माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक शिवनाथ प्रसाद को बनाया गया है समिति का संयोजक
  • समिति विभाग की ओर से किये जाने वाले कार्यों की निरंतर निगरानी करेगी

शिक्षा विभाग आगामी शैक्षणिक सत्र ( एक अप्रैल 2024) से माध्यमिक शिक्षा में अहम बदलाव लाने जा रहा है. दरअसल शिक्षा विभाग की मंशा है कि राज्य के डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई को अलग किया जाये. 10 वीं और 12 वीं में बोर्ड के पाठ्यक्रम में सुधार हो. आगामी बोर्ड परीक्षाओं (फरवरी 2025) के दौरान कक्षा नौ और 11 वीं की पढ़ाई, उसी परिसर में कराने की व्यवस्था करायी जाये. दरअसल शिक्षा विभाग इन तीन मामलों में अब प्रयास करेगा. अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने साफ किया है कि इस तरह की सोच के संदर्भ में अभी से काम करने की जरूरत है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पाठक ने इस संदर्भ में किये जा रहे काम की मॉनीटरिंग के लिए माध्यमिक निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति सोमवार को गठित कर दी है.

समिति का संयोजक माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक शिवनाथ प्रसाद को बनाया गया है. समिति के सदस्य के रूप में माध्यिक शिक्षा के उपनिदेशक अमर भूषण, उच्च शिक्षा के निदेशक दीपक कुमार, एएसपीडी रविशंकर सिंह, बिहार बोर्ड के संजीव सुमन और बोर्ड के निदेशक शामिल किये गये हैं. आदेश के रूप में जारी अपने आधिकारिक पत्र में अपर मुख्य सचिव पाठक ने कहा है कि यह समिति तीनों मकसद के संदर्भ में विभाग की तरफ से किये जाने वाले कार्यों की यह समिति लगातार मॉनीटरिंग करेगी.

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने डिग्री कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई हटाने के लिए 2005 में निर्णय लिया था. तब शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव मदन मोहन झा थे. शिक्षा विभाग के इस निर्णय के बाद 2006 में पटना विवि के डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करा दी गयी. दूसरे चरण में, राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में 2007 से इंटर मी पढ़ाई खत्म की जानी थी, लेकिन बाद में विभाग अपना यह निर्णय प्रभावी नहीं कर सका. लिहाजा पटना विश्वविद्यालय को छोड़ कर सभी विश्वविद्यालयों के डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई अभी जारी है. इसी संदर्भ में शिक्षा विभाग ने एक बार नये सिरे से इस संदर्भ में कवायद शुरू की है.

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