75% उपस्थिति पर सरकार का बड़ा फैसला:- राज्यभर के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में इस बार 40 प्रतिशत से अधिक छात्र-छात्राएं विभिन्न सेमेस्टरों या वार्षिक परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे। यह संख्या और भी बढ़ सकती है, अगर कॉलेज उपस्थिति में कोई घाल-मेल न करें।
क्या कारण कि नहीं दे पाएंगे परीक्षा -75% उपस्थिति पर सरकार
इसके पीछे कई वजहें हैं। राज्य के ज्यादातर कॉलेजों में उनकी कैपेसिटी से अधिक छात्र-छात्राएं हैं। राजधानी के प्रमुख कॉलेज की बात करें तो जहाँ 18 हजार छात्र- छात्राएं वहां पढ़ाने के लिए क्लासरूम सिर्फ 10 हजार बच्चों के लिए ही है ऐसी व्यवस्था इसलिए हैं कि क्योंकि 50 प्रतिशत छात्र-छात्राएं प्रतिदिन कॉलेज आते ही नहीं हैं। राजधानी के मुख्य कॉलेजों का ये हाल है, इंटायर के कॉलेजों में तो स्थिति और भी भयावह है। वहां की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
75 प्रतिशत उपस्थिति की सूचना के बाद
हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि राज्य सरकार की कड़ाई और लगातार जारी हो रही 75 प्रतिशत उपस्थिति की सूचनाओं के बाद जो छात्र कॉलेज बिल्कुल ही नहीं आते थे, वे आने लगे हैं और जो कम आते थे वे अधिक आने लगे हैं, यह सच्चाई है। लेकिन अभी भी उसके बाद भी स्थिति में बहुत बड़े स्तर पर सुधार कॉलेजों में नहीं दिखता है। यही वजह है कि विवि-कॉलेज सही में अगर कड़ाई से 75 प्रतिशत उपस्थिति का नियम को अगर सही और बिल्कुल सख्ती से पालन कर दें राज्य में आधे से अधिक छात्र परीक्षा केंद्र के बाहर रहेंगे।
कुछ कॉलेज के हाल
दूर-दराज के कई कॉलेज तो ऐसे भी हैं, जहां उपस्थिति नगण्य रहती है। या बहुत ही कम ही कम होती है। वहीं कई कर कॉलेजों की स्थिति ऐसी कि व रेगुलर क्लास भी नहीं होते हैं। भी अब तक सभी बच्चे फॉर्म भरते आये हैं और उत्तीर्ण भी होते आये हैं। इस बार देखना होगा कि ऐसे कॉलेजों में क्या होता है और कॉलेज या विवि ऐसे छात्रों को रोकते हैं या फिर इस बार भी सबकुछ पहले की तरह रहता है।
-प्रो राजकिशोर प्रसाद, प्राचार्य, बीएन कॉलेज का निर्णय
मैं अपने कॉलेज में उपस्थिति को ऑनलाइन मॉनिटरिंग कर रहा है। हर क्लास की जानकारी शिक्षक अपडेट करते हैं। उसमें छात्रों की उपस्थिति भी होती है। यही वजह है कि कॉलेज में रूटीन के अनुसार बिल्कुल ही रेगुलर क्लास होते हैं। उसमें भी 55 से 60 प्रतिशत छात्र-छात्राएं ही आते हैं। ऐसे में करीब 40 प्रतिशत छात्र-छात्राएं जो बिल्कुल ही नहीं आते, उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया जाएगा।
प्रो केसी सिन्हा, पति पटना विश्वविद्यालय,का निर्णय
कॉलेजों और विभागों को निर्देश दे दिया गया है कि जिन छात्रों की उपस्थिति कम है, उनको एक्सट्रा क्ला कराई जाए। एक्सट्रा क्लास के बाद भी जिनकी उपस्थिति पूरी नहीं होगी, वैसे छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने नहीं दिया जाएगा।
एक्सट्रा क्लास कराकर उपस्थिति पूरा करने की चल रही कवायद
हालांकि कॉलेज अपने स्तर से तरह-तरह के इंतजाम कर रहे हैं ताकि छात्रों को किसी तरह परीक्षा फॉर्म भरने में परेशानी नहीं हो। ज्यादातर कॉलेज एक्सट्रा क्लास करा रहे हैं। टीपीएस कॉलेज में भी एक्सट्रा क्लास से उपस्थिति पूरी की जा रही है। वीएन कॉलेज में पहले से उपस्थिति को लेकर काफी सक्ती बरती जा रही थी।
75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होने के बाद कॉलेज आने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी
75% उपस्थिति अनिवार्य होने पर कॉलेजों ने फॉर्म भरने से रोका, छात्र कर रहे विरोध
राज्यभर से 40% से अधिक स्टूडेंट नहीं दे पाएंगे वार्षिक परीक्षा
महत्वपूर्ण लिंक्स – 75% उपस्थिति पर सरकार
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