वोटर आइडि कार्ड के लिए अब आधार पैन राशन कार्ड मान्य है- ये डक्यूमेंटस जल्दी करें अपडेट
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वोटर आइडि कार्ड के लिए अब आधार पैन राशन कार्ड मान्य है- ये डक्यूमेंटस जल्दी करें अपडेट

बिहार के सभी निर्वाचकों को सूचित किया जाता है कि विशेष गहन पुनरीक्षण-2025 के तहत प्रारुप मतदाता सूची (Voter List) 01.08.2025 को प्रकाशित कर दिया गया है।

  • विशेष कैम्प की तिथिः 02.08.2025 से 01.09.2025 तक, प्रत्येक दिन (सोमवार से रविवार)
  • स्थानः सभी प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय तथा शही निकाय कायलिय (कार्यपालक पदाधिकारी का कायर्यालय, नगर परिषद् एवं नगर निगम के अंचल कायर्यालय)
  • समयः 10:00 चजे पूर्वाहन से 05:00 बजे अपटाहन
  • अपने डिटेल्स जांचें, यदि entries में कोई गलती है, तो फॉर्म 8 भरकर सुधार कराएं।
  • यदि दस्तावेज अभी तक जमा नहीं किए हैं, तो बीएलओ या प्रशिक्षित वालंटियर्स की सहायता से जल्द जमा करें।
  • यदि प्रारूप मतदाता सूची में नाम नहीं है? नाम जुड़वाएं
  • फॉर्म 6 के साथ उपयुक्त घोषणापत्र और जरूरी दस्तावेज जमा करें।
  • अगर आप 18 साल के हो चुके हैं या नए मतदाता हैं
  • अगर आप 01 जुलाई 2025 तक 18 वर्ष के हो चुके हैं या 1 अक्टूबर 2025 तक हो जाएंगे, तो फॉर्म 6 के साथ घोषणापत्र जमा कर नाम जुड़वाएं।

सभी फॉर्म ECI और CEO बिहार की वेबसाइट, ECINET तथा BLO के पास उपलब्ध हैं। आप इन फॉर्मो को ऑनलाइन भर सकते हैं या अपने BLO के माध्यम से जमा कर सकते हैं|

  • voters.eci.gov.in पर मतदाता अपनी EPIC संख्या या अन्य विवरण डालकर अपनी जानकारी प्राप्त करें।
  • मतदाता सूची में नया नाम जोड़ने, विलोपन करने, स्थानांतरण एवं संशोधन की स्थिति में voters.eci.gov.in पर क्लिक करें।
  • ECINET App पट “connect with election officials” के माध्यम से अपने BLO/ERO की जानकारी प्राप्त करें।
  • फॉर्म 06:- नए मतदाता पंजीकरण हेतु
  • फॉर्म 07:- मतदाता सूची से नाम विलोपन हेतु
  • के नौर वय
  • फॉर्म 08:- स्थानांतरण, प्रविष्टियों में सुधार, PWD निर्वाचक के रूप में चिह्नित करने तथा EPIC बदलने हेतु
  • अज्य राज्य से बिहार में स्थानांतरण की स्थिति में घोषाणा पत्र भी संलग्न करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में एसआइआर मामले की मंगलवार को सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से सहमति जतायी कि आधार और मतदाता पहचान पत्र को नागरिकता के निर्णायक प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता. इनके समर्थन में अन्य दस्तावेज भी होने चाहिए.

एसआइआर से जुड़ा विवाद काफी हद तक विश्वास की कमी का मामला प्रतीत होता है, क्योंकि आयोग ने दावा किया कि 7.9 करोड़ वोटर्स में से करीब 6.5 करोड़ को कोई दस्तावेज दाखिल नहीं करना है. ऐसे लोग या उनके माता-पिता 2003 के वोटर लिस्ट में हैं.

  • सिब्बल: निवासियों के पास आधार, राशन व वोटर आइडी होने के बावजूद, अधिकारियों ने दस्तावेज स्वीकार नहीं किये.
  • पीठ : जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं है और वे बिहार में हैं, क्या इसलिए उन्हें वोटर मान लें? उन्हें कुछ दस्तावेज तो जमा करने होंगे.
  • सिब्बल: लोगों को अपने माता-पिता के जन्म प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज खोजने में कठिनाई हो रही है.
  • पीठ : यह बहुत ही चलताऊ बयान है कि बिहार में किसी के पास दस्तावेज नहीं हैं. बिहार में ऐसा होता है, तो देश के अन्य हिस्सों में क्या होगा.
  • सिब्बल: एक निर्वाचन क्षेत्र में, मृत घोषित किये गये 12 लोग जीवित पाये गये, जबकि एक अन्य मामले में जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया.
  • राकेश द्विवेदी (चुनाव आयोग के (वकील): ऐसी प्रक्रिया में कहीं-कहीं कुछ त्रुटियां स्वाभाविक हैं, इन्हें हमेशा सही किया जा सकता है, यह केवल एक मसौदा सूची है.

योगेंद्र यादव ने एक महिला को पेश किया, जिसे मृत घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि 7.24 करोड़ में एक श्रेणी जोड़ी गयी, जो हटाने की सिफारिश है. महिलाओं को अधिक हटाया गया है, यह महिला विरोधी पक्षपात है. यह मताधिकार से वंचित करने की सबसे बड़ी कवायद है. ड्राफ्ट रोल में मृत घोषित दो लोग कोर्ट में पेश किये गये. इस पर पीठ ने कहा, आपने अच्छा विश्लेषण किया है. गलती अनजाने में हुई हो सकती है. इसे सुधारा जा सकता है. कुछ मुद्दों पर सुधारात्मक कदम जरूरी हैं. अगली सुनवाई बुधवार को होगी.

पीठ ने याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील अभिषेक सिंघवी से कहा कि नागरिकता देने या छीनने का कानून संसद द्वारा पारित किया जाता है, लेकिन नागरिकों और गैर-नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना और बाहर करना निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है.

पांच करोड़ लोगों की नागरिकता पर संदेह नहीं किया जा सकता. पीठ ने कहा कि कुछ संदिग्ध पाया गया तो वह 2025 की सूची में शामिल सभी लोगों को मतदाता सूची में शामिल करने का निर्देश दे सकती है.

इधर, मुंबई हाइकोर्ट ने भी मंगलवार को कहा कि कोई व्यक्ति सिर्फ आधार, पैन या वोटर आइडी जैसे दस्तावेज रखने से भारतीय नहीं बन जाता. बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की.

  1. सुप्रीम कोर्ट का फैसला
    • आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
    • मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने का अधिकार निर्वाचन आयोग के पास है।
    • वोटर आईडी के लिए केवल आधार पर निर्भर नहीं हुआ जा सकता।
    • अगर किसी के नाम पर संदेह है, तो निर्वाचन आयोग जांच कर सकता है और नाम हटा भी सकता है।
  2. विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 (बिहार)
    • तारीख: 02 अगस्त 2025 से 01 सितंबर 2025 तक विशेष कैंप।
    • स्थान: सभी पंचायत-वार/वार्ड-वार मतदान केंद्र।
    • समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक।
    • उद्देश्य:
      • मतदाता सूची में नया नाम जोड़ना।
      • गलत नाम, पते या अन्य विवरण को सुधारना।
      • मृत/स्थानांतरित मतदाताओं का नाम हटाना।
    • दस्तावेज़: आधार, पैन, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या कोई अन्य सरकारी फोटो आईडी मान्य।
    • ऑनलाइन माध्यम: voters.eci.gov.in, Voter Helpline App, ECINET App.

मतलब — अगर आपका वोटर आईडी कार्ड में आधार, पैन, राशन कार्ड आदि अपडेट नहीं है, तो जल्दी अपडेट कर लें ताकि आपका नाम मतदाता सूची में सही तरह से दर्ज हो सके।

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