अब सेकेंडो में मिलेगा लोन | फिंगर प्रिंट या चेहरा दिखाकर होगा पेमेंट
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अब सेकेंडो में मिलेगा लोन | फिंगर प्रिंट या चेहरा दिखाकर होगा पेमेंट

अब सेकेंडो में मिलेगा लोन | फिंगर प्रिंट या चेहरा दिखाकर होगा पेमेंट:-अब डिजिटल भुगतान और छोटे कर्ज (माइक्रो-लोन) के क्षेत्र में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। नीचे मैंने उन दोनों पिक्चर्स में दिए गए प्रमुख बिंदुओं को एक व्यवस्थित, उपयोगकर्ता-दोस्त और डिटेल आर्टिकल के रूप में तैयार किया है — क्या नया है, कैसे काम करेगा, किसके लिए है, सुरक्षा और अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के साथ।

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मंगलवार को शुरू हुए एशिया के सबसे बड़े फिनटेक इवेंट में भारत की नई डिजिटल क्रांति की शुरुआत हुई। इस दौरान रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पूरा फोकस डिजिटल सुविधाएं और आसान व सस्ती क्रेडिट पर रहा।

इसका सीधा फायदा आम लोगों, छोटे व्यापारियों और कम आय वाले लोगों को होगा। इसमें सबसे प्रमुख घोषणा सेकंड्स में मिलने वाले 15 हजार तक के लोन और यूपीआई से बिना इंटरनेट पेमेंट सुविधा की रही। वित्त मंत्री ने फॉरन करेंसी सेटलमेंट सिस्टम की भी शुरुआत की। इससे इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर में विदेशी मुद्रा का लेन-देन रियल टाइम में हो सकेगा। अभी 48 घंटे तक लगते हैं।

इसके लिए ‘इंस्टेंट माइक्रो-क्रेडिट फ्रेमवर्क’ पेश किया गया। इसमें नौकरीपेशा या छोटे कारोबारी सिर्फ अकाउंट एग्रीगेटर डेटा के जरिए 5,000 रुपए तक के छोटे लोन सेकंड्स में मंजूर करा सकेंगे। लोन मंजूरी के लिए बैंक को लंबी कागजी प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी। आरबीआई के गवर्नर मल्होत्रा ने संकेत दिया कि इस फास्ट-ट्रैक माइक्रो-लोन पर ब्याज दरें पारंपरिक पर्सनल लोन की तुलना में कम होंगी।

अब चुनिंदा बैंक और फिनटेक कंपनियां यूपीआई यूजर्स को छोटी अवधि (जैसे 7 से 30 दिन) के लिए 5,000 से 15,000 तक की क्रेडिट लिमिट देंगी। इसका मतलब है कि ग्राहक यूपीआई स्कैन करते समय सीधे अपने बैंक अकाउंट की जगह क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल कर पाएंगे। इससे नकदी की कमी होने पर भी खरीदारी नहीं रुकेगी।

ऑफलाइन यूपीआई उन छोटे दुकानदारों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वरदान साबित होगी, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है या जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है। अब वे एक साधारण फीचर फोन के जरिये यूपीआई पेमेंट स्वीकार कर पाएंगे। यह टोकन-बेस्ड सिस्टम पर काम करेगा। इससे दूरदराज के इलाकों में भी बिना इंटरनेट डिजिटल पेमेंट की सुविधा मिल सकेगी।

सभी प्रमुख बैंक अब एआई आधारित एक कॉमन ‘फ्रॉड मॉनिटरिंग सिस्टम’ अपनाएंगे। यह सिस्टम असामान्य लेन-देन के पैटर्न को तुरंत पहचान लेगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर ग्राहक को सचेत करेगा। फिनटेक कंपनियों और बैंकों के लिए एक अनिवार्य ‘वित्तीय साक्षरता इंडेक्स’ भी लागू करने की बात कही गई।

देश में 8 अक्टूबर से राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) यूपीआई पेमेंट के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सुविधा शुरू कर रहा है। यानी यूपीआई से पेमेंट के लिए अब सिर्फ पिन डालना जरूरी नहीं होगा, बल्कि बायोमेट्रिक डेटा यानी फिंगर प्रिंट या फेस ऑथेंटिकेशन भी दे सकेंगे।

डिजिल भुगतान को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए राष्ट्रीय भुगतान निगम ने मंगलवार को यूपीआई से जुड़ी कई नई सुविधाएं शुरू की हैं। इसके तहत ग्राहक अब माइक्रो एटीएम पर यूपीआई से नकद निकासी कर सकेंगे। इसके उन्हें ‘यूपीआई कैश प्वाइंट’ पर जाना होगा, यानी ऐसी जगह जहां यूपीआई से नकद निकासी की सुविधा उपलब्ध होती है।

ये कैश प्वाइंट आमतौर पर बैंक मित्र या एजेंट्स चलाते हैं, जो गांवों और कस्बों में ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। माइक्रो एटीएम एक छोटी पोर्टेबल मशीन होती है, जिसे बैंक मित्र या एजेंट मोबाइल कनेक्शन के साथ इस्तेमाल करते हैं। यह मशीन बैंक की शाखा जैसा ही काम करती है।

ग्राहक यहां से नकद निकाल सकते हैं, बकाया राशि देख सकते हैं और मिनी स्टेटमेंट भी ले सकते हैं। यह सुविधा खासतौर पर ग्रामीण और छोटे कस्बों में रहने वाले लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी, जहां बैंक शाखाएं या एटीएम कम हैं।

वहीं, देश में अब वियरेबल स्मार्ट ग्लास (खास चश्मे) के जरिये यूपीआई लाइट सुविधा से भुगतान किया जा सकता है। इसके लिए उपयोगकर्ता को केवल क्यूआर को स्कैन करना और वॉयस कमांड देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने मंगलवार को कहा कि इस सुविधा के लिए न तो मोबाइल फोन की जरूरत होगी और न ही कोई पिन नंबर ही दर्ज करना पड़ेगा। यूपीआई लाइट को छोटे मूल्य भुगतान के लिए विकसित किया गया है।

अब संयुक्त बैंक खाते या कई हस्ताक्षर वाले खातों के ग्राहक भी यूपीआई से भुगतान कर सकेंगे। पहले यह सुविधा केवल एकल खातों के लिए थी। इसके साथ ही एनपीसीआई ने पेपाल के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी से भारतीय ग्राहक जल्द ही पेपाल वर्ल्ड प्लेटफॉर्म पर यूपीआई के जरिए भारतीय रुपये में विदेशी वेबसाइटों या व्यापारियों को भुगतान कर सकेंगे। यह सेवा इसी साल शुरू होने की उम्मीद है।

आरबीआई ने अब अपना केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) ऐप भी पेश कर दिया है। जिसे भीम ऐप के उपयोगकर्ता इस्तेमाल कर सकते हैं। ये डिजिटल रुपया अब पीयर-टू-पीयर सोलर ट्रेडिंग में भी इस्तेमाल हो सकेगा, जिसकी शुरुआत आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने की है। यह डिजिटल मुद्रा के इस्तेमाल का नया और महत्वपूर्ण उपयोग मामला ह।

  • छोटे व्यापारी (किराना, ढाबा, स्टॉल), जिनके पास कार्ड-मशीन नहीं है।
  • उन ग्रामीण/ऑफलाइन इलाकों के लोग जहाँ ATM दूर हो या इंटरनेट कमजोर हो।
  • माइक्रो-एंटरप्रेन्योर्स और वे जो छोटा टेम्पोरेरी कैश फ्लो चाहिए — खेत मजदूरी, अस्थायी सामग्री खरीद आदि।
  • डिजिटल पेमेंट अपनाना चाहने वाले बुज़ुर्ग या कम-टेक यूज़र्स — बायोमेट्रिक से आसानी।
  1. तेज़ और सुविधाजनक: ATM या बैंक शाखा की लाइन की जरूरत घटेगी।
  2. इंस्टेंट लोन: आपात स्थिति में तुरंत छोटे लोन मिलना जीवन के छोटे संकट सुलझाएगा।
  3. इन्क्लूज़न: बैंक-अनबैंकड या अंडरबैंकड लोगों तक वित्तीय सेवाएँ पहुंचेंगी।
  4. डिवाइस-फ्रेंडली पेमेंट: स्मार्टवॉच/बायोमेट्रिक से पेमेंट सरल होगा।
  5. कम पेपरवर्क: डिजिटल KYC और ऑटो-वेरिफिकेशन से प्रक्रिया आसान होगी।
  • केवल आधिकारिक ऐप और एजेंट पर भरोसा करें: धोखाधड़ी बचाने के लिए सिर्फ बैंक/मान्यता प्राप्त फिनटेक ऐप का उपयोग करें।
  • बायोमेट्रिक का सीमित उपयोग: बायो-डेटा सेंसिटिव है — सुनिश्चित करें ऐप या डिवाइस का सॉफ्टवेयर अपडेट और प्रमाणित हो।
  • UPI-PIN और बैंक-डेटा शेयर न करें: कोई भी कॉल/मैसेंजेर से PIN/OTP न दें।
  • लोन की शर्तें पढ़ें: छुपे शुल्क, ब्याज दर और रिपेमेंट-शेड्यूल ध्यान से पढ़ें — छोटी किश्तें कई बार महँगी पड़ सकती हैं।
  • कॉन्टैक्ट-लेस पेमेंट रजिस्ट्रेशन: वॉच/डिवाइस सेटअप करते समय लॉगिन क्रेडेंशियल सुरक्षित रखें।

भारत में डिजिटल भुगतान और माइक्रो-लेंडिंग के मॉडल अब और ज़्यादा तेज़, उपयोगकर्ता-मित्र और समावेशी बन रहे हैं। स्मार्टवॉच से त्वरित पेमेंट, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन और सेकेंडों में मिलने वाले छोटे-लोन — ये पहलें छोटे व्यापारी और आम आदमी के रोजमर्रा के आर्थिक लेन-देनों को सरल करने की दिशा में हैं। पर साथ ही उपभोक्ताओं को सायबर सुरक्षा, समझदारी से सेवा चुनने और लोन शर्तों पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत भी बनी रहेगी।

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Q. क्या इंटरनेट हमेशा चाहिए होगा?
A. कई सेवाएँ ऑफलाइन-फ्रेंडली मोड (जैसे लो-डाटा, SMS/USSD समर्थन या एजेंट-ऑफलाइन वेरिफिकेशन) रख सकती हैं, पर इंस्टेंट सर्विस के लिए सामान्यतः कुछ कनेक्टिविटी चाहिये होगी।

Q. लोन बिना क्रेडिट-चेक कैसे मिलेगा?
A. पूरा भरोसा नहीं होता — आमतौर पर फिनटेक का अपना छोटा-क्रेडिट-स्कोर या व्यवहारिक डेटा (UPI पेमेंट हिस्ट्री आदि) देखकर त्वरित क्रेडिट देती हैं; इसलिए पूरी तरह बिना किसी स्कोर के मुफ्त लोन असामान्य है।

Q. बायोमेट्रिक फेल होने पर क्या?
A. बैकअप ऑथेंटिकेशन जैसे UPI-PIN या आथराइजेशन को सक्षम रखा जाता है।

Q. पैसा कितना जल्दी मिलेगा और चुकाना कैसे होगा?
A. खबरों के अनुसार छोटे क्रेडिट मिल सकता है (सेकंड/मिनट के भीतर)। चुकाने के विकल्प — बैंक डेबिट, UPI ऑटो-डेबिट, या फिनटेक के रीपेमेंट-प्लान होंगे।

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