10th Sanskrit Chapter9 Objective Subjective Questions– इस पोस्ट में बिहार बोर्ड मैट्रिक संस्कृत के पाठ 9 स्वामी दयानंद से महत्वपूर्ण objective Subjective Questions दिया गया है | अगर आप भी मैट्रिक के परीक्षार्थी है तो इन्हें रट लें |
स्वामी दयानंद पाठ से महत्वपूर्ण subjective प्रश्न-10th Sanskrit Chapter9 Objective
Q1. स्वामी दयानंद पाठ का 5 वाक्यों में परिचय दें।
अथवा , किन गुणों के कारण 19वीं सदी के समाज सुधारकों में स्वामी दयानंद श्रेष्ठ थे ?
उत्तर- 19वीं शताब्दी में सभी समाज सुधारकों में स्वामी दयानंद अत्यंत प्रसिद्ध है । इन्होंने रुढ़िग्रस्त समाज और विकृत व्यवस्था पर कठोर प्रहार करके आर्य समाज की स्थापना की ,जिनकी शाखाएं देश विदेश में शिक्षा सुधार के लिए भी प्रयत्नशील रही है। शिक्षा व्यवस्था में गुरुकुल पद्धति का पुनरुद्धार करते हुए इन्होंने आधुनिक शिक्षा के लिए डीएवी विद्यालय जैसी संस्थाओं की स्थापना को प्रेरित किया था ।
Q2. किस घटना से स्वामी दयानंद को मूर्ति पूजा के प्रति अनास्था उत्पन्न हुई ?
अथवा, स्वामी दयानंद मूर्ति पूजा के विरोधी कैसे बने ?
अथवा, महाशिवरात्रि पर्व स्वामी दयानंद के जीवन का उद्बोधक कैसे बना ?
उत्तर- स्वामी दयानंद के माता-पिता भगवान शिव के उपासक थे। महाशिवरात्रि पूजा उनके घर में विशेष रूप से मनाई जाती थी। एक बार महाशिवरात्रि के दिन इन्होंने देखा कि एक चूहा भगवान शंकर की मूर्ति के ऊपर चढ़कर चढ़ाए हुए प्रसाद को खा रहा है। इससे उन्हें विश्वास हो गया कि मूर्ति में भगवान नहीं होते। इस प्रकार में मूर्ति पूजा के विरोधी हो गए।
Q3. स्वामी दयानंद समाज सुधारक थे कैसे ? हिंदी के पांच वाक्य में उत्तर दें। अथवा,
समाज की उन्नयन में स्वामी दयानंद के योगदान पर प्रकाश डालें |
उत्तर- स्वामी दयानंद ने समाज की कुरीतियों को दूर कर सुधारात्मक कार्य किया। इन्होंने जातिवाद की विषमताओं को हटाया। छुआछूत की परंपरा को दूर किया। स्त्रियों की हो रही दुर्दशा को रोका। स्त्री शिक्षा को बढ़ावा दिया और विधवा स्थिति को सुधारा ।
Q4. स्वामी दयानंद ने समाज के उद्धार के लिए क्या किया ? अथवा,
स्वामी दयानंद समाज के महान उधार थे, कैसे ?
उत्तर- स्वामी दयानंद ने समाज के उद्धार के लिए स्त्री शिक्षा पर बल दिया और विधवा विवाह हेतु समाज को प्रोत्साहित किया। उन्होंने बाल विवाह समाप्त कराने, मूर्ति पूजा का विरोध और छुआछूत समाप्त कराने का प्रयत्न किया ।
Q5. वैदिक धर्म के प्रचार के लिए स्वामी दयानंद ने क्या किया ?
उत्तर- वैदिक धर्म और सत्य के प्रचार के लिए स्वामी दयानंद ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वेदों के प्रति सभी अनुयायियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने वेदों के उपदेश को संस्कृत एवं हिंदी में लिखा ।
Q6. आर्य समाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर- आर्य समाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज को एक नई शिक्षा प्रदान करना है। इसके द्वारा दोष युक्त शिक्षा को दूर करने के लिए नई शिक्षा पद्धति को लागू किया गया। अंधविश्वास एवं शिक्षा की अज्ञानता को दूर किया गया । वर्तमान शिक्षा पद्धति और समाज के प्रवर्तन में स्वामी दयानंद सरस्वती और आर्य समाज का योगदान सराहनीय है।
Q7. मध्य काल में भारतीय समाज में फैली कुरीतियों का वर्णन अपने शब्दों में करें।
अथवा,मध्य काल में भारतीय समाज क्यों दूषित हो गया था ?
उत्तर- मध्यकाल में अनेक कुरीतियां समाज को दूषित किया। छुआछूत, मूर्ति पूजा,स्त्री शिक्षा का अभाव,धर्म कार्यों में आडंबर,जातिवाद,विधवाओं की ख़राब स्थिति आदि कुरीतियां भारतीय समाज में फैली हुई थी ।
Q8. स्वामी दयानंद ने अपने सिद्धांतों के कार्यान्वयन हेतु क्या किया ? अथवा,
स्वामी दयानंद ने अपने सिद्धांतों के संकलन के लिए क्या किया ?
उत्तर- स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने सिद्धांतों के कार्यान्वयन के लिए अनेक समाज सुधारकों के साथ स्त्री शिक्षा तथा विधवा विवाह का समर्थन किया | मूर्ति पूजा ,छुआछूत ,बाल विवाह का विरोध किया। अपने सिद्धांतों के संकलन के लिए सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ की राष्ट्रभाषा हिंदी में रचना की । वेदों के प्रति अपने शिष्यों की रुचि जगाने के लिए वेद का हिंदी एवं संस्कृत में भाष्य लिखा। प्राचीन दोषपूर्ण शिक्षा पद्धति के बदले नवीन शिक्षा पद्धति चलाई। अपने सिद्धांत के प्रचार प्रसार के लिए 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की।
Q9. स्वामी दयानंद के शिक्षा व्यवस्था का वर्णन करें। 10th Sanskrit Chapter9 Objective
उत्तर- स्वामी दयानंद ने प्राचीन शिक्षा पद्धति के दोषों को उजागर किया। वैदिक धर्म सत्यार्थ प्रकाश की रचना कर भारतवासियों को एक नई शिक्षा नीति की ओर प्रेरित किया | 1875 में उन्होंने मुंबई में आर्य समाज नामक संस्था की स्थापना की | जिसके अंतर्गत ही आज डी ० ए० वी० नाम के विद्यालयों का संचालन होता है। वर्तमान शिक्षा पद्धति और समाज के परिवर्तन में दयानंद और आर्य समाज का योगदान और स्मरणीय है।
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Time-3 Hours 15 Min ] [Full Marks-100
परीक्षार्थीयों के लिये निर्देश –
- परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।
- दाहिनी ओर हाशिये पर दिए हुए अंक पूर्णांक निर्दिष्ट करते है।
- यह प्रश्न-पत्र दो खण्डों में है—खण्ड ‘अ’ एवं खण्ड ‘ब’।
खण्ड ‘अ’ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
स्वामी दयानंद पाठ से महत्वपूर्ण objective प्रश्न-10th Sanskrit Chapter9 Objective
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