अगस्त- सतम्बर से पढकर बने टॉपर | बिहार टॉपर 2025 कैसे बने?
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अगस्त- सतम्बर से पढकर बने टॉपर | बिहार टॉपर 2025 कैसे बने?

अगस्त- सितम्बर से पढकर बने टॉपर | बिहार टॉपर 2025 कैसे बने?:-आप लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि आज हम आप लोगों को 20 टिप्स ऐसे बताने वाले हैं जिससे कि आप लोग सिर्फ तीन से चार मठ पढ़कर एग्जाम में टॉपर बना सकते हैं और भी बहुत सारी जानकारी है जो काम दिनों में पद का टॉपर बनने की जो जानकारी इस आर्टिकल में बताई गई है इसलिए आर्टिकल को लास्ट तक पढ़कर सारी जानकारी ताकि आप लोग भी कम दिनों में पढ़ कर अच्छे नंबर से पास हो पाए और अपना नाम रोशन कर पाए|

छात्र हमेशा टॉपर बनने के टिप्स की तलाश में रहते हैं लेकिन क्या वास्तव में आपके कम्फर्ट जोन से बाहर आए बिना आसमान तक पहुंचना संभव है? टॉपर्स दूसरों से आगे रहने का कारण यह है कि उनमें अच्छी आदतें होती हैं। नीचे सूचीबद्ध कुछ आदतें हैं जिन्हें आप अगला टॉपर बनने के लिए अपना सकते हैं।

  • नियमित तय घंटे पढ़ाई करें
  • नया सीखना/समझना
  • स्मार्ट स्टडी करें
  • नोट्स तैयार करें
  • हर टॉपिक को कांसेप्टवाइज समझें
  • रीवीजन करें
  • प्रश्न पूछने में कभी संकोच न करें
  • मॉक टेस्ट/मॉडल पेपर सॉल्व करें
  • परीक्षा में कठिन सवालों पर ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं करें
  • स्वास्थ्य पर ध्यान दें
  • सभी विषयों को प्राथमिकता दें
  • अपनी पुरानी गलतियों से सीखना
  • सुनने की आदत का विकास
  • मेडिटेट करिए
  • क्लास में पीछे बैठने से बचें
  • ध्यान हटाने वाली चीजों से दूर रहें
  • कमज़ोर विषयों पर अधिक ध्यान
  • अपनी हैंडराइटिंग को सुधारें
  • ऑनलाइन वीडियो के द्वारा टॉपिक को समझें
  • आलस से पढाई नहीं करें

सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण क्वालिटी जो उनमें देखने को मिलती है वो यह है कि वे लंबे समय तक सफल होने के लिए पूरे अनुशासन में रहते हैं। टॉपर्स किसी अन्य ईमानदार छात्र की तरह, अपनी तैयारी के दौरान समय और ऊर्जा के महत्व को समझते हैं, इसलिए वे अपने पढ़ाई के घंटों के दौरान बेहद अनुशासित रहते हैं। वह प्रतिदिन रेगुलर अपनी पढ़ाई बिना किसी रुकावट के टाइमटेबल के तहत जारी रखते हैं और निश्चित घंटे अपनी पढ़ाई करते हैं। उनके लिए पढ़ाई का मतलब सिर्फ परीक्षा नहीं बल्कि ज्ञान संचय करना और अपनी संकल्पना को दृढ़ करने का मौका होता है।

प्रथम परन्तु सबसे महत्त्वपूर्ण तत्त्व जो सभी छात्रों को जानना चाहिए कि उनमें पढ़ने की इच्छा और नया जानने/सीखने का उत्साह होता है। टॉपर बनने का कोशिश नहीं बल्कि ज्ञान समेटने/सबकुछ जानने का जोश उनको उस मुकाम तक ले जाता है। क्योंकि छात्र सीखते रहते हैं, इसलिए उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। इसलिए प्रतियोगी छात्रों  के  टॉपर्स के पास एक मजबूत आत्म विश्वास प्रणाली पाई जाती है जो उनके प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में बेहतरी के लिए लगातार चलने वाली शक्ति की तरह काम करती है।

उनके पढ़ाई करने के तरीके को स्मार्ट स्टडी कहते है। सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को समय प्रबंधन के तहत समय से समाप्त करना और पढ़ाई के दौरान सूझ-बुझ से काम लेना इस प्रक्रिया में आता है। प्रतियोगी परीक्षा के टॉपर और असफल उम्मीदवार के बीच बुनियादी अंतर एक समर्पण और स्थिरता का मिलता है जो कि अभ्यास के साथ निखरता है। नई चीजों को सीखने और सीखने के तरीके को लगातार सुधारने के लिए समर्पित होना भी एक कला है।

तीसरी बात जो उन्हें दूसरे छात्रों से अलग करती है वह है उनकी नोट्स मेकिंग स्किल। स्कूल/कॉलेज/कोचिंग में पढ़ाए गए पाठ्य के पश्चात भी खुद अध्ययन कर अपने नोट्स तैयार करना और पाठ्यक्रम को पूरा ख़त्म करना उनको उनके Topper Kaise Bane में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

टॉपर अपने पढ़ें हुए ज्ञान को एक निश्चित अंतराल पर वैज्ञानिक तरीके से रीवीजन करते हैं ताकि वह परीक्षा के लिए उसे बेहतर तरीके से याद रख कर प्रकट कर सकें। Topper Kaise Bane यह किसी तथ्य को पढ़ने के पश्चात उसका रीवीजन 24 घंटे की अन्दर अवश्य करें। फिर से एक सप्ताह के बाद जांचें। और फिर एक माह, 6 माह के पश्चात फिर रीवीजन करें। इस प्रक्रिया से टॉपर अधिक तथ्यों को स्मरण रख पाते हैं और साधारण छात्रों से अधिक प्रदर्शन कर पाते हैं। टॉपर्स अपनी तैयारी में निरंतरता के महत्व का एहसास करते हैं और हर दिन रीवीजन करने के लिए समय निकालते हैं।

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