अब सरकारी स्कूल में पढाई के साथ बच्चे करेंगे कमाई भी – नया योजना शुरू

By: arcarrierpoint

On: Sunday, October 26, 2025 11:29 AM

अब सरकारी स्कूल में पढाई के साथ बच्चे करेंगे पढाई भी - नया योजना शुरू
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अब सरकारी स्कूल में पढाई के साथ बच्चे करेंगे कमाई भी – नया योजना शुरू:-बिहार सरकार ने राज्य के विद्यार्थियों के लिए एक ऐतिहासिक पहल की है। अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ाई के साथ कमाई (Skill + Education) की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।

राज्य के 555 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वोकेशनल एजुकेशन (Vocational Education Program) शुरू किया जा रहा है।

इस योजना का मकसद है कि विद्यार्थी सिर्फ किताबों की जानकारी तक सीमित न रहें, बल्कि रोजगारपरक कौशल (Employment-Oriented Skills) भी सीखें ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अब बच्चे पढ़ाई के साथ कमाई के लिए भी तैयार होंगे। इसके लिए राज्य के 555 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो-दो वोकेशनल कोर्स शुरु किए जाएंगे।

पढ़ाई करते हुए बच्चे कुछ कौशल विकसित कर अपने पढ़ाई, फॉर्म भरने आदि का खर्च निकाल लें इसके लिए शिक्षा विभाग उन्हें तैयार करने की पहल करने जा रहा है।

पहल का उद्देश्य शैक्षणिक योग्यता के साथ रोजगार के लिए भी बच्चों को तैयार करना है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) की ओर से इन स्कूलों को चिह्नित किया गया है। इस पहल के तहत प्रत्येक स्कूल में आठ तरह के वोकेशनल ट्रेड्स में से दो-दो पहल का उद्देश्य शैक्षणिक योग्यता के साथ रोजगार के लिए भी बच्चों को तैयार करना है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) की ओर से इन स्कूलों को चिह्नित किया गया है। इस पहल के तहत प्रत्येक स्कूल में आठ तरह के वोकेशनल ट्रेड्स में से दो-दो

इन ट्रेड्स को इस तरह चुना गया है जिसकी अभी मांग है। ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ कमाई के स्रोत भी विकसित कर सकें।

“पढ़ाई के साथ कमाई” (Vocational Training cum Skill Development Programme)
यह योजना बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (Bihar Education Project Council – BEPC) द्वारा संचालित की जा रही है।

वोकेशनल कोर्स (व्यावसायिक प्रशिक्षण) रोजगार केंद्रित शिक्षा के ऐसे कार्यक्रम हैं, जो किसी खास पेशे, ट्रेड या कार्य कौशल में सीधे प्रायोगिक प्रशिक्षण और हुनर विकसित करने पर जोर देते हैं।

ये पारंपरिक सैद्धांतिक शिक्षा के बजाय ठोस काम सीखने पर केंद्रित होते हैं, जिससे विद्यार्थी किसी विशेष उद्योग या नौकरी के लिए तत्परता से तैयार हो सकें। वोकेशनल कोर्स पारंपरिक शिक्षा से अलग होते हैं, क्योंकि ये भविष्य में उद्यमिता के लिए भी तैयार करते हैं।

इसमें जैसे कोई यदि वेब डेवलपमेंट का कोर्स करता है, तो वह घर बैठे किसी कंपनी की वेबसाइट तैयार कर पैसे कमा सकता है।

इन सभी चिह्नित विद्यालयों में ‘कर के सीखने’ के लिए प्रयोगशाला भी स्थापित की जाएगी। ट्रेड के हिसाब से इसे स्थापित किया जाएगा। इसमें हर तरह की चीजें ट्रेड से संबंधित उपलब्ध कराई जाएंगी। इसे लेकर वोकेशनल विषय के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

  • इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर
  • टेलीकॉम
  • आईटी (वेब डेवलपमेंट)
  • प्लमिंग
  • कृषि
  • अपैरल, होम फर्निसिंग
  • रीटेल
  • टूरिज्म
  • छात्रों को पढ़ाई के साथ व्यावसायिक कौशल सिखाया जाएगा।
  • स्वावलंबी और आत्मनिर्भर युवा तैयार होंगे।
  • स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या घटेगी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
शिक्षा के साथ कौशलछात्रों को केवल पढ़ाई नहीं बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण भी मिलेगा
आत्मनिर्भरताविद्यार्थी कम उम्र में आत्मनिर्भर बनेंगे
रोजगार अवसरभविष्य में सरकारी व निजी नौकरियों में अवसर बढ़ेंगे
स्कूल विकाससरकारी स्कूलों में लैब, उपकरण और प्रशिक्षक की सुविधा
भविष्य की तैयारीछात्रों में आत्मविश्वास और कार्यकुशलता का विकास

यह योजना बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEP) के तहत चलाई जाएगी।
इस योजना में खर्च का वहन राज्य सरकार और केंद्र सरकार संयुक्त रूप से करेंगी।

बिहार के 555 स्कूलों में शुरू होने वाली यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति है।
यह योजना उन छात्रों के लिए वरदान साबित होगी जो सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं लेकिन आगे चलकर रोजगार के अवसरों की तलाश में संघर्ष करते हैं।

अब वाकई कहा जा सकता है —

💥 “अब बच्चे पढ़ाई के साथ करेंगे कमाई भी!”

यह योजना बच्चों को शिक्षित, कुशल और सशक्त भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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