कक्षा 1 से 12वीं के बच्चों को शैक्षणिक किट मिल रहा है- बैग किताब कॉपी:-शैक्षणिक सत्र 2025-26 को शुरू हुए छह महीने गुजर चुके हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा तक के 60 लाख बच्चों को स्टूडेंट किट नहीं मिली। यह किट बच्चों को निःशुल्क दी जानी है। सरकार स्कूल के बच्चों की शिक्षा को सुलभ बनानेव अभिभावकों के बोझ को कम करने के लिए की गई पहल प्रशासनिक सुस्ती का शिकार बन गई है।
छठी से बारहवीं के बच्चों को निःशुल्क शैक्षणिक किट दी जानी है
इस सत्र में राज्य में छठी से बारहवीं तक के लगभग 80 लाख 34 हजार 672 बच्चों को लर्निंग एनरिचमेंट प्रोग्राम किट दी जानी है। जिससे भाषा और गणित में उनकी रुचि बढ़ाई जा सके, लेकिन यह किट अब तक केवल 19 लाख 72 हजार बच्चों के हाथों में ही पहुंची है।
पटना समेत 11 जिलों में बच्चों के लिए एजेंसी ने किट नहीं भेजी
11 जिले में संबंधित एजेंसी ने किट की सप्लाई नहीं की है। किट की सप्लाई और वितरण में देरी के कारण बच्चे इससे छह महीने बीत जाने के बाद भी वंचित हैं। इस मामले में संबंधितों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई भी नहीं हुई है।
क्या एलईपी किट
एलईपी किट यानी लर्निंग एनरिचमेंट प्रोग्राम किट एक शैक्षिक किट है, जो सरकारी स्कूल के बच्चों को गणित और भाषा बेहतर तरीके से सीखने में मदद के लिए दी जाती है। बिहार में यह कक्षा 6 से 12वीं के विद्यार्थियों को दी जाती है। इस किट में विभिन्ना विभिन्न शिक्षण सामग्री जैसे स्पोकेन इंग्लिश बुक, शब्दकोश आदि होते हैं।
इन जिले में भेजी ही नहीं गई
पटना, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधबुनी, रोहतास, शेखपुरा, शिवहर, सीवान, सुपौल
यह योजना खासकर सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए लागू की गई है। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी पूरी जानकारी —
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि—
- किसी भी बच्चे की पढ़ाई आर्थिक कारणों से प्रभावित न हो।
- सभी बच्चों को समान अवसर और समान शैक्षणिक साधन उपलब्ध हों।
- अभिभावकों पर किताबें और कॉपी खरीदने का बोझ कम किया जा सके।
- बच्चों में स्कूल आने की नियमितता और पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाई जा सके।
वर्ग (कक्षा) | सामग्री विवरण |
---|---|
01-02 | बैग, 120 पेज की 5 नोटबुक, 172 पेज की 1 बुक, पेंसिल सेट (10), इरेज़र, प्रिंटेड ड्राइंग बुक, कलर सेंट |
03 | बैग, 120 पेज की 5 नोटबुक, 172 पेज की 1 नोटबुक, पेंसिल, इरेज़र, शार्पनर, ड्राइंग बुक |
04-05 | बैग, 120 पेज की 4 नोटबुक, 172 पेज की 1 नोटबुक, पेंसिल सेट, इरेज़र, शार्पनर, ड्राइंग बुक |
06-08 | बैग, 120 पेज की 7 नोटबुक, 172 पेज की 1 नोटबुक |
09-12 | बैग, 120 पेज की 6 रजिस्टर |
योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?
- केवल सरकारी स्कूलों और राजकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में नामांकित छात्रों को ही यह लाभ मिलेगा।
- छात्र का नाम विद्यालय की नामावली में दर्ज होना चाहिए।
- छात्र की उपस्थिति न्यूनतम सीमा (75%) पूरी होनी चाहिए।
शैक्षणिक किट कब तक वितरित होगा?
शिक्षा विभाग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार,
अक्टूबर से नवंबर 2025 के बीच सभी स्कूलों में यह शैक्षणिक किट वितरित किया जाएगा।
स्कूलों को जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय के माध्यम से सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
आवश्यक दस्तावेज़
इस योजना के तहत किसी प्रकार का ऑनलाइन आवेदन नहीं करना है।
वितरण की प्रक्रिया
- शैक्षणिक किट संबंधित स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा भेजा जाएगा।
- विद्यालय प्रशासन छात्रों को क्लास वाइज वितरण करेगा।
- वितरण के समय छात्र या उसके अभिभावक को रसीद पर हस्ताक्षर करना होगा।
- संपूर्ण प्रक्रिया की मॉनिटरिंग DEO और BEO स्तर पर की जाएगी।
विशेष जानकारी
- कुछ राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश आदि में यह योजना पहले से लागू है।
- बिहार में इसे मुख्यमंत्री बालक-बालिका प्रोत्साहन योजना के साथ जोड़ा गया है।
- प्रत्येक वर्ष नए सत्र की शुरुआत में यह किट दी जाती है ताकि बच्चों को किसी चीज की कमी न हो।
माता-पिता के लिए सुझाव
- स्कूल से सूचना मिलते ही बच्चे को उपस्थित कराएँ।
- किट वितरण रसीद अवश्य रखें।
- सामग्री को सुरक्षित रखें ताकि पूरा सत्र उसी से पूरा किया जा सके।
निष्कर्ष
सरकार की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक कदम है।
अब हर बच्चे को किताब, कॉपी, यूनिफॉर्म, बैग जैसी मूलभूत सुविधाएँ मुफ़्त में मिलेंगी, जिससे ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थी भी निश्चिंत होकर पढ़ाई कर सकेंगे।
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