कैसे करें सामाजिक विज्ञान में बेहतरीन प्रदर्शन
कक्षा दसवीं के सामाजिक विज्ञान मैं 100 में 100 लाने का तरीका:–इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे सामाजिक विज्ञान में 100 में 100 अंक प्राप्त करने का आईडिया अगर इस पोस्ट को हमारे यहां पूरी अच्छे से फॉलो करते हैं तब मिला सकते हैं|
इस पोस्ट में क्या-क्या जानकारी है
- इतिहास
- इतिहास आम गलतियाँ
- इतिहास सुधारने के टिप्स
- भूगोल
- भूगोल सामान्य गलतियाँ
- भूगोल सुधारें कैसे
- अर्थशास्त्र
इतिहास
इतिहास को आमतौर से छात्र बहुत ही बोरिंग और ऊबाऊ विषय के रूप में लेते हैं और रट्टा मारने को ही इसमें पास होने का एकमात्र विकल्प मानते हैं। पर यह अजमाई हुई बात है कि इस तरह से इतिहास की पढ़ाई करने से कभी अच्छे अंक नहीं आते हैं। हालांकि सबसे दिलचस्प पहलू यह भी है कि अगर इतिहास को थोड़ा ध्यानपूर्वक पढ़ा जाए तो यह विषय किसी कहानी या उपन्यास की भाँति लगने लगता है।
अपने पाठ्य-पुस्तक से सम्बन्धित विषय पर और सामग्री जुटाकर तैयारी करने का प्रयास भी साथ-साथ किया जा सकता है। इसमें अब तो इंटरनेट का सहारा सबसे सुलभ है। आइए बात करें कि अमूमन छात्र इस विषय की तैयारी और उत्तर लेखन में किस तरह की गलतियाँ करते हैं और इसमें सुधार के क्या संभव तरीके हैं।
आम गलतियाँ
- (1) इंतिहास की पाठ्य-पुस्तक को बिल्कुल नहीं पढ़ने की प्रवृत्ति ।
- (2) बिना नोट्स तैयार किये इतिहास की तैयारी |
- (3) परीक्षा के दौरान लम्बे उत्तर दिखाने के लिए जगह छोड़कर लिखना और उत्तर-पुस्तिका भरना ।
- (4) ज्यादा लिखने के क्रम में बार-बार कुछ ही बातों को दुहराना और बेवजह की बातें लिखना ।
सुधारने के टिप्स
- (1) सबसे पहले तो अपने दिमाग में यह बात बिल्कुल निकाल दें कि इतिहास रटने का विषय है। ध्यानपूर्वक पढ़ने पर इसमें दिलचस्पी जगनी स्वाभाविक है। बशर्तें कि ऐसा प्रयास किया जाए।
- (2) परीक्षा से पहले के इस अंतिम समय में पाठ्य-पुस्तक पढ़ते समय बेशक मुख्य बिन्दुओं पर निशान लगाते चले जाएँ अथवा समय हो तो बिन्दुवार क्रम में मुख्य प्वाइंट्स को लिखते रहें। इससे परीक्षा से पहले पुनरावलोकन करने में न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि काफी बातें याद भी आसानी से होती चली जाएँगी।
- (3) हमेशा प्रश्न के मान के अनुसार बिन्दुवार तरीके से उत्तर लिखने की आदत डालें। हर अंक के अनुसार कम-से-कम एक बिन्दु तो अवश्य ही होना चाहिए । अगर इन बिन्दुओं का अधिक-से-अधिक 15 से 20 शब्दों की शब्द सीमा में विवरण भी देने की कोशिश करें तो सोने पर सुहागा।
- (4) इतिहासकारों के नाम, उनके विचार और कृतियों का उल्लेख करने से परीक्षक पर काफी अच्छा सकारात्मक असर पड़ता है। इसका अतिरिक्त लाभ यह भी होता है कि वह छोटी-मोटी गलतियों को नजरअंदाज कर अच्छे अंक देने का प्रयास करते हैं।
- (5)इंटरनेट के जरिए आपको टेक्स्ट बुक्स के अलावा संबंधित विषय पर कुछ नये विवरण भी हासिल हो सकते हैं। इससे आपके उत्तर अन्य छात्रों से ना सिर्फ अलग बल्कि बेहतर भी लगेंगे। इसका फायदा भी आपको थोड़े-बहुत “ज्यादा अंकों के रूप में मिल सकता है।
- (6)इतिहास को क्रमबद्ध तरीके (क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर) में पढ़ने और समझने का प्रयास करेंगे तो विषय जल्दी और आसानी से समझ में आयेंगे। संभव हो तो एक सरल सा चार्ट भी बना सकते हैं।
- (7)बोर्ड के सैम्पल पेपर्स के अलावा गत वर्षों के पेपर्स का जितना अभ्यास करेंगे उतना ही आपका हौसला बढ़ता `चला जाएगा। लेकिन इसमें ईमानदारी बरतते हुए अपनी कमियों को जानेंगे तभी अपेक्षित नतीजे संभव है।
- (8)पुस्तिका में बेवजह पेज भरने की प्रवृत्ति का सबसे नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसा करने से नुकसान होने उत्तर- की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए इस बात की कतई परवाह नहीं करें कि आपने कितनी अधिक संख्या में एक्स्ट्रा शीट्स ली हैं। हाँ यह अवश्य है कि जितना भी उत्तर पता है उसे बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करें
- (9)यह बताने की जरूरत नहीं है कि कम-से-कम पाँच मिनट का समय अपनी उत्तर-पुस्तिका को ध्यानपूर्वक पढ़ने के लिए अंत में अवश्य रखें।
- (10) क्लास में टीचर द्वारा बताए गए महत्त्वपूर्ण प्रश्नों और विषयों को हर हाल में ठीक से तैयार करना न भूलें। मान कर चलें कि इसमें काफी कुछ आपको बोर्ड के पेपर में देखने को मिल सकता है।
भूगोल
भूगोल को महज दसवीं पास करने के लिए एक विषय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसका महत्त्व अधिकांश चयन परीक्षाओं में भी कुछ कम नहीं है। इसके अतिरिक्त जीपीएस, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एवं रिमोट सेंसिंग, कम्यूनिकेशन्स टेक्नोलॉजी तथा मौसम विज्ञान के क्षेत्र में कैरियर निर्माण के अवसर भी इसमें कुछ कम नहीं है। इसे जितना नीरस और कठिन विषय के तौर पर प्राय: छात्रों द्वारा देखा जाता है असल में ऐसा नहीं है। थोड़ा ध्यान लगाने
और समझने की कोशिश करने से दिलचस्पी जगनी शुरू हो जाती है। दसवीं के भूगोल के पाठ्यक्रम में भी देश-दुनिया से संबंधित ऐसी ही जानकारियों से युवाओं को परिचित कराने का प्रयास किया गया है। जिन युवाओं ने अब तक इस विषय पर समुचित समय नहीं दिया है उनके लिए पेश हैं कुछ महत्त्वपूर्ण टिप्स, ताकि वे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
सामान्य गलतियाँ
- पाठ्य-क्रम जाने बिना और बोर्ड द्वारा जारी विभिन्न अध्यायों के अंकों के मान को देखे बिना तैयारी शुरू करने की भूल ।
- अपने पाठ्य-पुस्तक पर नजर डालने की जरूरत नहीं समझना ।
- स्कूल में शिक्षक द्वारा बताए गए महत्त्वपूर्ण विषयों को नहीं पढ़ना ।
- सैम्पल पेपरों और गत वर्षों के बोर्ड परीक्षा के प्रश्न-पत्रों को नजरअंदाज करना ।
- रटने पर ज्यादा निर्भरता तथा लिखकर अभ्यास नहीं करना ।
सुधारें कैसे
- परीक्षा में अंकों के मान की दृष्टि से विभिन्न अध्यायों पर समुचित ध्यान दें।
- अपने पाठ्य-पुस्तक से अध्याय को बिना पढ़े बाजार में उपलब्ध गाइड बुक्स से सीधे शुरूआत नहीं करें। इससे विभिन्न मूल तथ्य को जोड़कर समझने में दिक्कत हो सकती है।
- गत पाँच वर्षों की बोर्ड परीक्षा के प्रश्न-पत्रों को अवश्य लिखकर हल करें। इसमें उत्तर सहित मिलने वाले सैम्पल / मॉडल पेपर्स की मदद भी ली जा सकती है। इससे परीक्षा हॉल में लिखते समय काफी फायदा मिल सकता है।
- मानचित्रों पर आधारित प्रश्न की तैयारी के लिए थोड़ा समय अवश्य अलग से लगाएँ । कम-से-कम पाँच अंकों के ये आसान से प्रश्न पूछे जाते हैं।
- सैम्पल पेपर्स जितने ज्यादा-से-ज्यादा ( बेशक हल किये हुये ) लिख सकें, उतना ही याद रख सकेंगे
- परीक्षक को प्रभावित करने के लिए उत्तरों को प्वाइंट्स में लिखें तथा महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं को रेखांकित करें। इन बिन्दुओं का थोड़ा-सा विवरण जरूर दें।
- निर्धारित शब्द सीमा से ज्यादा लिखने से समय का नुकसान होता है यह बात नहीं भूलें।
- मत भूलिए कि भूगोल में भी साइंस की तरह सही उत्तर होने पर पूरे अंक मिलते हैं।
- परीक्षा में कोई भी प्रश्न छोड़कर नहीं आएँ ।
- अंत में पुनरावलोकन के लिए कम-से-कम कुछ समय अवश्य रखें।
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अर्थशास्त्र
- अच्छे से तैयार कर लेने से छात्रों को पेपर का कांसेप्ट साफ हो जाता है।
अर्थशास्त्र एवं इसके विकास का इतिहास, राज्य एवं राष्ट्र की आय, मुद्रा, बचत एवं साख आदि अध्यायों को ठीक से पढ़ें। - महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स को पढ़ने के साथ ही उसका लिखकर भी अभ्यास करें।
- लिखकर अभ्यास करने से पठन सामग्री लम्बे समय तक याद रहेगी।
उत्तर को अच्छे से लिखना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए लम्बा उत्तर लिखने से बचें। जितना सवाल पूछा गया है, उतना ही जवाब लिखें। तकनीकी बिन्दुओं को ध्यान में रखें।
छोटे उत्तर वाले प्रश्नों को भी पढ़ें और उनमें ज्यादा लिखकर समय खराब न करें। लेकिन जहाँ ज्यादा अंक का प्रश्न है उसमें विषय परिचय लिखने के बाद ही उत्तर शुरू करें। - उत्तर लिखते समय इस बात को ध्यान में रखें कि जाँचने वाले को एक-एक बात समझ आए तभी अच्छे अंक हासिल किये जा सकते हैं।
पूर्व की विद्यालय स्तरीय परीक्षाओं में कम अंक लाने वाले छात्रों को चाहिए कि वे पढ़ने के साथ ही लिखने का भी अभ्यास करें। - बोर्ड के सैम्पल पेपर से अभ्यास करने के साथ ही अन्य मॉडल पेपर से भी अभ्यास किया जा सकता है।
- मॉडल टेस्ट पेपर तीन घंटे हल करने पर छात्र को अंदाजा हो जाएगा कि उसकी कितनी तैयारी हुई है।
- विषय-वस्तु पर ज्यादा ध्यान दें। सभी छात्रों के लिए सबसे जरूरी बात कि वे कोई भी सवाल छोड़कर न आएँ ।