मैट्रिक इंटर परीक्षा 2024- दस सेट में तैयार हुआ है प्रश्नपत्र

By: arcarrierpoint

On: Tuesday, January 30, 2024 7:32 PM

मैट्रिक इंटर परीक्षा 2024- दस सेट में तैयार हुआ है प्रश्नपत्र
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मैट्रिक इंटर परीक्षा 2024-एक फरवरी से शुरू होने वाली इंटर परीक्षा के कारण शहर के ट्रैफिक पर करीब 1 लाख आबादी का बोझ बढ़ेगा। दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा के लिए जिला प्रशासन के पास कोई ट्रैफिक प्लान नहीं है। ऐसे में व्यस्त चौक चौराहों से लेकर परीक्षा केंद्रों के आसपास जाम लगने की पूरी संभावना है। ऐसे में परीक्षा के दिनों में अभ्यर्थी, अभिभावक से लेकर आम शहरी एकबार फिर जाम में फंसेंगे।

एसडीओ पूर्वी ने केंद्रों पर विधि – व्यवस्था नियंत्रित रखने के लिए जारी अपने आदेश में इस बात को माना है कि केंद्रों के आसपास भीड़ एकत्रित होने से लेकर यातायात प्रभावित होने की पूरी संभावना है। बावजूद इसके जिले में परीक्षा के लिए कोई विशेष ट्रैफिक प्लान नहीं है। मामले को लेकर ट्रैफिक थानेदार धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि परीक्षा को लेकर ट्रैफिक प्लान के लिए नया कोई भी आदेश नहीं जारी हुआ है। पूर्व में निर्धारित हुए ट्रैफिक प्लान का पालन कराया जाएगा।

शहर के प्रमुख चौक – चौराहों पर ट्रैफिक लाइट चालू किया गया है। यहां 11 बजे से लेकर शाम तक गाड़ियों की लंबी लाइन लगती है। अपना रूट छोड़कर दाहिनी ओर ओवरटेकिंग करते हुए पहले निकलने की होड़ में अक्सर चौराहों पर जाम लगता है। इस कारण गाड़ियां रेंगती हुई आगे बढ़ती है। परीक्षा के दिनों में कलमबाग चौक, हरिसभा चौक, टावर चौक, माड़ीपुर चौराहा, स्टेशन रोड, जूरन छपरा, गोबरसही एनएच, अखाड़ाघाट पूल समेत अन्य इलाकों में ट्रैफिक पर अधिक लोड होगा। ऐसे में परीक्षा के दिनों में इन रास्तों से होकर गुजरना राहगीरों से लेकर परीक्षार्थियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

इंटर परीक्षा एक फरवरी से शुरू हो रही है। इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को जूता-मोजा पहनकर केंद्र के भीतर एंट्री नहीं दी जाएगी। कड़ाके की ठंड में भी उन्हें चप्पल पहनकर ही आना होगा। लेकिन, बड़ी सहूलियत यह रहेगी कि यदि किसी अभ्यर्थी का प्रवेश पत्र गुम हो जाएगा या भूल से घर पर छूट जाएगा तो भी परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी जाएगी। इसके लिए उपस्थिति पत्रक में स्कैंड फोटो से पहचान कर रॉलशीट से सत्यापित किया जाएगा। साथ ही इसकी लिखित सूचना समिति को अनिवार्य रूप से देनी होगी।

दूसरी सहूलियत यह दी गई है कि परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड में अगर त्रुटि है या गलत फोटो मुद्रित हो गया है तो भी उन्हें केंद्र के भीतर प्रवेश मिल जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थी का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया जाएगा। वहीं, अभ्यर्थी को अपने 6 प्रकार के डॉक्युमेंट्स में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। इसी से अभ्यर्थी के चेहरे का मिलान होगा। इन दस्तावेजों में से किसी एक की छायाप्रति राजपत्रित अधिकारी से अभिप्रमाणित होनी जरूरी है। इसमें आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट और फोटोयुक्त बैंक पासबुक शामिल हैं। केंद्राधीक्षक अभ्यर्थी के फिजिकल वेरीफिकेशन कर संतुष्ट होने के बाद इसकी रिपोर्ट मोबाइल एप से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भी भेजेंगे।

सभी पालियों में कुल 10 सेट में प्रश्नपत्र होंगे। इसी अनुसार स्टूडेंट्स के बीच प्रश्नपत्र बंटेगा। यह कोड ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी, एच और आई होगा। वीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी परीक्षार्थियों ने अपनी उत्तर पुस्तिका और ओएमआर शीट पर प्रश्नपत्र सेट कोड अनिवार्य रूप से लिखा है। वहीं, वीक्षक इसकी जांच भी करेंगे। केंद्रों पर प्रश्न पत्र खोलने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी। सभी केंद्रों पर सीसीटीवी लगे रहेंगे। बाहर फ्लैक्स-पोस्टर भी चस्पा रहेगा। 500 परीक्षार्थियों पर एक वीडियोग्राफर की प्रतिनियुक्ति है। जिला स्तर पर जिला नियंत्रण कक्ष भी रहेगा। इसके लिए डीपीओ स्थापना डॉ प्रफुल्ल मिश्र को वरीय प्रभारी बनाया गया है।

कुल परीक्षा केंद्र –66
कुल परीक्षार्थी-57972
आर्ट्स-35071
साइंस-19019
कॉमर्स –3767

जिले में इंटर परीक्षा के लिए चार केंद्रों एमडीडीएम कॉलेज, राधाकृष्ण केडिया स्कूल, प्रभात तारा स्कूल और चिल्ड्रन पाराडाइज स्कूल अहियापुर को आदर्श केंद्र बनाया गया है। इन केंद्रों पर परीक्षार्थी से लेकर वीक्षक तक सभी महिलाएं होंगी। इन केंद्रों को फूलों से लेकर गुब्बारों से सजाया जाएगा, ताकि छात्राएं बेहतर माहौल में परीक्षा दे सकें। छात्राओं का स्वागत टॉफी या गुलाब के फूल से केंद्राधीक्षक करेंगी।

परीक्षार्थियों को जाम से बचने के लिए हर रोज परीक्षा शुरू होने से करीब डेढ़ घंटे पहले ही केंद्र पर पहुंचना होगा। ऐसे में उन्हें घर से और भी पहले निकलना होगा। परीक्षा केंद्रों पर पहली पाली की परीक्षा समाप्ति के बाद और दूसरी पाली की शुरुआत से पहले ही ट्रैफिक पर अधिक लोड होगा। ऐसे में करीब 12 से 2 बजे के बीच ट्रैफिक नियंत्रण करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। पिछले कुछ वर्षों की परीक्षा में जाम के कारण कई केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचाने वाली गाड़ी भी जाम में फंस गई। परीक्षार्थियों की तबियत बिगड़ने पर एंबुलेंस भी जाम में फंस जाता है।

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