रिस्क मैनेजमेंट में बना सकते हैं कॅरियर, मनचाही सैलरी के साथ मिलेगी दुआएं;–रिक स्क मैनेजर आज के समय में एक उभरता हुआ करियर ऑप्शन है। इसमें किसी भी स्थिति को संभालने के लिए एनालिसिस स्किल के साथ-साथ मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन स्किल का होना भी जरूरी है। क्योंकि इनका कार्य कंपनी को किसी भी तरह के रिस्क से बाहर निकाला है। लागत कम करने के निरंतर दबाव ने कई संस्थानों को विभिन्न प्रक्रियाओं को आउटसोर्स करने के लिए प्रेरित किया है, जिनका रिस्क मैनेजरों को मूल्यांकन और निगरानी करनी पड़ती है।
इस पोस्ट में क्या-क्या है?
- इस में कौन कौन आवेदन कर सकता है?
- ऐडमिशन की प्रतिक्रिया क्या होगा?
- बैचलर डिग्री कोर्स कितने साल की हो गई?
- इस का सिलेबस क्या होगा ?
- रिस्क मैनेजमेंट के बाद कहां मिलेगी जॉब
- क्या होना चाहिए स्किल
- रिस्क से बचने के उपाय ढूंढ़ना है मकसद
- इन मुद्दों पर बढ़ेगा उपयोग
- यहां से कर सकते हैं कोर्स
- important link
इस में कौन कौन आवेदन कर सकता है?
रिस्क मैनेजमेंट कोर्स करने के इच्छुक छात्रों को 12वीं कम-से -कम 50% अंकों के साथ पास होना चाहिए।
ऐडमिशन की प्रतिक्रिया क्या होगा?
कुछ कॉलेज इसके लिए एंट्रेंस एग्जाम लेते हैं, जिनमें पास होने के बाद ही आप वहां एडमिशन ले सकते हैं। वहीं, कुछ में मेरिट के आधार पर भी एडमिशन लिया जा सकता है। रिस्क मैनजमेंट की पढ़ाई लंबी चलती है।
बैचलर डिग्री कोर्स कितने साल की हो गई?
यह 3 साल का बैचलर डिग्री कोर्स होता है। इसके बाद आप इसमें पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं।
इस का सिलेबस क्या होगा ?
रिस्क मैनेजमेंट का सिलेबस कॉलेज के अनुसार तय किया जाता है। कोर्स के विषय अलग-अलग हो सकते हैं पर सिलेबस लगभग एक ही जैसा होता है|
रिस्क मैनेजमेंट के बाद कहां मिलेगी जॉब
- रिस्क मैनेजमेंट में इंटर्नशिप से शुरुआत की जा सकती है। किसी कंपनी में बतौर सीनियर मैनेजर जॉइन करने के लिए 5 साल या उससे ज्यादा का काम करने का अनुभव अनिवार्य माना गया है। अस्पतालों से लेकर खेल तक, बीमा से लेकर लॉजिस्टिक्स, इंफ्रास्ट्रक्टर और सुरक्षा तक, हर जगह रिस्क मैनेजमेंट का स्कोप होता है। आप कॉरपोरेट, रियल एस्टेट, निवेश, बैंकिंग व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में कॅरियर बना सकते हैं। प्रतिभाशाली रिस्क मैनेजर हमेशा मांग में होते हैं। उनके लिए अलग-अलग सेक्टरों में नौकरी के रास्ते खुले रहते हैं। जैसे-जैसे अनुभव होता जाता है विकल्प के रास्ते खुलते चले जाते हैं
क्या होना चाहिए स्किल
- यह भीजरुर जानना चाहिए कॉरपोरेट सेक्टर में कॅरियर की सोच रहे अभ्यर्थियों के लिए सबसे जरुरी है कि कोर्स करने के दौरान इन्हें अच्छे पढ़ें और स्किल डेवलप करें।बिजनेस एथिक्स इसमें व्यापार की उचित नीतियों और नैतिकताओं के बारे में पढ़ा जाता है जिन्हें किसी संगठन के साथ काम करने के लिए समझने की जरूरत है। कॉरपोरेट फाइनेंस ये फाइनेंस का वो भाग है जो पूंजी की सोर्सिंग, निवेश संबंधी निर्णयों और धन स्रोतों से निपटने वाले निगमों से संबंध रखता है
रिस्क से बचने के उपाय ढूंढ़ना है मकसद
- रिस्क मैनेजमेंट तमाम ऑप्शन में से एक है। दरअसल, हर बिजनेस में रिस्क होता है। उस रिस्क को सही ढंग से समझना और उनसे बचने के उपाय ढूंढना ही रिस्क मैनेजर का मकसद होता है। किसी भी कंपनी के मैनेजमेंट के लिए जरूरी है कि तमाम स्थितियों के फायदे और नुकसान का अनुमान लगाकर ही नया प्रॉजेक्ट शुरू करे। बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सामाजिक क्षेत्र में भी रिस्क मैनेजमेंट करियर के रुप में उपयोगी है। रिस्क मैनेजमेंट का सबसे कारगर हथियार है, इंश्योरेंस । राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और बेसिक डिजैस्टर मैनेजमेंट प्लान इसी के अंतर्गत आते हैं। इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद लेना ही रिस्क मैनेजमेंट नहीं है। अच्छा रिस्क मैनेजमेंट वह है, जो पूर्वानुमान लगाकर नुकसान को होने से रोक सके।
इन मुद्दों पर बढ़ेगा उपयोग
विश्व बाजार के साथ लेन-देन, उदारीकरण, तमाम तरह के नियंत्रण, दुनियाभर में फैलते बाजार, बेहतर परफॉर्मेंस की प्रतियोगिता, सेफ्टी कोड्स की सख्ती, रेग्युलेटरी अथॉरिटीज के कड़े नियम, शेयर होल्डर्सका बढ़ता दबाव, नई तकनीकें नए प्रोडक्ट्स और सर्विसेज जैसे कई मुद्दों के कारण सभी सभी तरह के बिजनस में रिस्क मैनेजमेंट का उपयोग बढ़ेगा।
यहां से कर सकते हैं कोर्स
भारतीय प्रबंधन संस्थान | बैंगलोर |
भारतीय प्रबंधन संस्थान | कोझिकोड |
भारतीय प्रबंधन संस्थान | इंदौर |
भारतीय प्रबंधन संस्थान | अहमदाबाद |
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस | हैदराबाद |
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स | नवी मुंबई |
माइका | अहमदाबाद |
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