लू एवं गर्म हवाओं से बचना है तो करें ये काम | कभी नहीं लगेगा लू:-गर्मियों के मौसम में लू और तेज गर्म हवाएं गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं। बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं और श्रमिकों पर इसका प्रभाव ज्यादा होता है। नीचे दिए गए लक्षणों और सावधानियों को जानकर आप और आपके अपने सुरक्षित रह सकते हैं।
जीवन है विशेष… सावधानी है सहारा!
गर्मी के मौसम में छोटी-छोटी सावधानियां बड़ी समस्याओं से बचा सकती हैं। इस जानकारी को अपने दोस्तों, परिवार और गांव के लोगों के साथ जरूर साझा करें ताकि सभी सुरक्षित रहें।
लू क्या है? (What is Loo?)
एक तीव्र गर्म और शुष्क हवा होती है, जो दोपहर के समय विशेष रूप से चलती है। जब कोई व्यक्ति ज्यादा समय तक इन गर्म हवाओं के संपर्क में रहता है तो उसके शरीर का तापमान बहुत तेजी से बढ़ जाता है, जिससे शरीर में पानी की कमी और हीट स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
लू के लक्षण
- गरम, लाल और सूखी त्वचा
- शरीर का तापमान 40°C या 104°F से अधिक होना
- जी मिचलाना और उल्टी होना
- तेज सिरदर्द
- मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
- भ्रम, चक्कर आना, बेहोशी एवं सर का हल्का घूमना
लू से बचाव हेतु सावधानियां
- गर्मी के मौसम में भरपूर पानी पिएं, ओ.आर.एस., घर में बने पेय जैसे – लस्सी, नींबू-पानी, आम का पन्ना आदि का सेवन करें।
- हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़े पहनें।
- बाहर निकलने से पहले छाता, टोपी, रुमाल, चश्मा, सनस्क्रीन आदि का उपयोग करें।
- खाली पेट बाहर न निकलें, समय पर संतुलित भोजन जरूर करें।
- तेज धूप में बाहर न निकलें और बाहर जाने से बचें।
- बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखें।
- मौसम की जानकारी टीवी, रेडियो, समाचार पत्र और मोबाइल एप्स के माध्यम से लेते रहें।
- अधिक पसीना, जी मिचलाना, थकान, उल्टी, सिरदर्द, अत्यधिक प्यास आदि लक्षण दिखें तो नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।
लू-लगने पर क्या करें?
- लू लगे व्यक्ति को छांव में लिटाएं। अगर कपड़े तंग हैं तो उन्हें ढीला कर दें अथवा हटा दें।
- ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछें या ठंडे पानी से नहलाएं।
- ओ.आर.एस., नींबू-पानी, नमक-चीनी का घोल दें, जिससे शरीर में पानी की मात्रा बनी रहे।
- यदि व्यक्ति बेहोश है या उल्टी कर रहा है, तो उसे कुछ भी न पिलाएं और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए पंखा चलाएं और ठंडी जगह रखें।
- गर्दन, बगल और पैर जैसे हिस्सों को गीले कपड़े से पोछते रहें।
आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय
- तुलसी और पुदीना की चाय भी शरीर को शीतलता देती है।
- बेल का शरबत पेट को ठंडक देता है और लू से बचाव करता है।
- आम पना (कच्चे आम का शरबत) लू का रामबाण इलाज माना जाता है।
सरकार और प्रशासन की चेतावनियाँ
गर्मी बढ़ते ही मौसम विभाग द्वारा लू की चेतावनी जारी की जाती है। ऐसे में रेड अलर्ट और हीटवेव वार्निंग का पालन करें। स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और लू से बचाव हेतु जन जागरूकता फैलाएं।
ध्यान रखें:-
यदि लू लगे व्यक्ति की हालत एक घंटे तक भी नहीं सुधरती है, तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाएं। आपात स्थिति में: टोल फ्री नंबर 102 पर कॉल करें।
अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर: 104
यह जानकारी राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार सरकार द्वारा जनहित में जारी की गई है।