साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा आना शुरू – यहाँ से देखें आपका आएगा की नहीं:-सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की योजनाओं — जैसे साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति — का लाभ तभी मिलेगा जब उनकी कम से कम 75% उपस्थिति स्कूल में दर्ज हो। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना 75% उपस्थिति के किसी भी छात्र को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
योजना का लाभ दिलाने को बच्चों की उपस्थिति 75% की, जांच होगी
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए पटना जिले के कई स्कूलों द्वारा उपस्थिति में हेरफेर करने आंशका जताई गई है।
जिले में 94 विद्यालयों के प्राचार्यों ने शत-प्रतिशत बच्चों की 75% उपस्थिति बनाई
जिले के 94 विद्यालयों ने अपने यहां पढ़ रहे शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 75% दर्ज कर दी। गड़बड़ी की आशंका पर विद्यालयों के उपस्थिति आंकड़ों को जिला शिक्षा कार्यालय स्तर से अस्वीकृत करते हुए इसमें सुधार कर 15 सितंबर तक सही आंकड़ा भेजने का आदेश दिया गया था। जिला शिक्षा कार्यालय के आदेश के बावजूद निर्धारित अवधि तक कई विद्यालय के प्राचार्य ने उपस्थिति के आंकड़ों की प्रविष्टि का कार्य पूरा नहीं किया।
ऐसे में इन विद्यालयों के प्राचार्यों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इन प्राचार्यों को विद्यालय से छात्रों की उपस्थिति की पंजी भी प्रस्तुत करने को कहा गया है। मंगलवार को जिला शिक्षा कार्यालय में 94 में से 51 विद्यालयों के प्राचार्यों ने इसे जमा किया। गुरुवार तक इसकी जांच की जाएगी। शेष विद्यालयों को शो कॉज किया जाएगा। उपस्थिति पंजी गुरुवार तक नहीं जमा करने वाले प्राचायों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जांच का मुख्य उद्देश्य योजनाओं के लाभ के गलत आवंटन को रोकना, शैक्षिक रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाना और जिम्मेदार अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करना है।
फर्जी उपस्थिति से करोड़ों का नुकसान हो सकता है
जो बच्चे नियमित स्कूल नहीं आ रहे हैं और उनकी उपस्थिति 75% नहीं हुई है उनकी भी उपस्थिति यदि 75% दर्ज कर दी जाती है। ऐसे में शिक्षा विभाग को करोड़ों का नुकसान हो सकता है। क्योंकि ऐसी स्थिति में अर्हता प्राप्त नहीं होने के बावजूद आंकड़ों के आधार पर इन्हें योजनाओं का लाभदेना पड़ सकता है।
75% उपस्थिति पर ही मिलना है योजना का लाभ
राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को लाभुक आधारित योजनाओं से लाभ देने के लिए 75% उपस्थित अनिवार्य है। इसके लिए प्रधानाध्यापकों की कोशात्र-छात्राओं को उपस्थिति की जानकारी
क्यों जरूरी है यह नियम?
सरकार का मानना है कि यह नियम बच्चों की पढ़ाई में नियमितता लाने के लिए बेहद जरूरी है।
- यदि बच्चे स्कूल आएंगे तो उनकी पढ़ाई में सुधार होगा।
- योजनाओं का दुरुपयोग नहीं होगा।
- अभिभावकों को भी बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने की प्रेरणा मिलेगी।
कार्रवाई के आदेश
शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि:
- जिन विद्यालयों में उपस्थिति पंजी में गड़बड़ी पाई जाएगी, वहाँ जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी।
- गलत आंकड़े पेश करने वाले प्राचार्यों पर विभागीय अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे।
- यदि किसी छात्र की उपस्थिति मानक से कम पाई जाती है, तो उसे योजनाओं की सूची से हटा दिया जाएगा।
किन प्रखंडों के प्राचार्यों पर कार्रवाई होगी?
नीचे दी गई तालिका में उन प्रखंडों की जानकारी दी गई है, जहाँ के प्राचार्यों ने अभी तक उपस्थिति पंजी जमा नहीं किया है:
प्रखंड का नाम | प्राचार्य की संख्या |
---|---|
अथमलगोला | 1 |
बख्तियारपुर | 1 |
बाढ़ | 11 |
दानापुर | 1 |
दीघा | 2 |
फुलवारीशरीफ | 2 |
मसौढ़ी | 14 |
मोकामा | 1 |
नौबतपुर | 12 |
पालीगंज | 3 |
पटना सदर | 1 |
पुनपुन | 1 |
शेखपुरा | 1 |
कुल 51 विद्यालयों के प्राचार्य अब तक पंजी जमा नहीं कर पाए हैं।
निष्कर्ष
सरकारी योजनाओं का लाभ अब केवल उन्हीं बच्चों को मिलेगा जो नियमित रूप से स्कूल आएंगे और उनकी उपस्थिति 75% से अधिक होगी। इस कदम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और योजनाओं का लाभ सही छात्रों तक पहुंचेगा।
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