अगर आपको भी बनना है IAS तो यूपीएससी टॉपर 2024 की फसल की मंत्र पढ़े
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अगर आपको भी बनना है IAS तो यूपीएससी टॉपर 2024 की फसल की मंत्र पढ़े

अगर आपको भी बनना है IAS तो यूपीएससी टॉपर 2024 की फसल की मंत्र पढ़े:–संघ लोक सेवा आयोग की ओर से जारी 2023 के फाइनल रिजल्ट में पटना के आधा दर्जन से अधिक छात्रों को सफलता मिली है। यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। देर रात तक खबर लिखे जाने तक सात को सफलता मिल चुकी है। इनमें पटना की जुफिशां हक को 34वीं रैंक मिली है।

वहीं विरुपाक्ष बिक्रम सिंह जिन्हें 49वीं रैंक मिली है। इनका पूरा परिवार पटना में रहता है। इसी तरह पटना की कृति कामना को 41वां प्रिया रानी को 69वां, अन्नपूर्णा सिंह को 99वां, सिद्धांत कुमार 114, दिप्ति मोनाली 184 स्थान मिला है। बिहार की प्रतिभाएं टॉप ट्वेंटी में जगह बनाने में सफल रहे हैं पर टॉप टेन में जगह बनाने से चूक गए हैं। हालांकि टॉप-50 में चार अभ्यर्थी जगह बनाने में सफल रहे। इसमें समस्तीपुर के शुभम कुमार को 19वां गोपालगंज के सौरभ शर्मा को 23वां, पटना की जुफिशां हक को 34 वां और औरंगाबाद के विरुपाक्ष को 49वां स्थान प्राप्त हुआ है।

नामजिलारैंक
शिवम कुमार(समस्तीपुर)19
सौरभ शर्मा(गोपालगंज)23
जुफिशां हक(पटना)34
विरुपाक्ष विक्रम सिंह(औरंगाबाद)49
प्रिया रानी(पटना)69
अन्नपूर्णा सिंह(पटना)99
सिद्धार्थ कुमार(पटना)114
प्रेम कुमार(औरंगाबाद)130
सैयद आदिल मोहसिन(मुजफ्फरपुर)157
अपूर्व आनंद(बांका)163
दिप्ती मोनाली(पटना)184
सायेम रजा(मुजफ्फरपुर)188
अनिकेत कुमार द्विवेदी(गोपालगंज)226
प्रियांगी मेहता(पटना)261
अजय यादव(छपरा)290
अनुभव(अरवल)309
संस्कृति सिंह(शेखपुरा)366
कृति कामना(पटना)417
तबीश हसन(मधेपुरा)374
मोनिका श्रीवास्तव(औरंगाबाद)455
राहुल कुमार(मुजफ्फरपुर)504
यश विशेन(भागलपुर)624
मोनिका पटेल(नालंदा)708
शहंशाह सिद्धिकी(नरकटियागंज)762
अपूर्व रस्तोगी(नालंदा)834
महेश कुमार(मुजफ्फरपुर)1016

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिजल्ट भी मंगलवार को जारी किया गया था। पिछली बार बक्सर जिला निवासी गरिमा लोहिया को दूसरा रैंक मिला था। इसके अलावा पटना के राहुल श्रीवास्तव को दसवीं रैंक मिली थी। 17वें स्थान पर अररिया के अविनाश कुमार टॉप 20 में जगह बनाने में सफल रहे थे। इसके अलावा 44वीं रैंक प्राप्त करने वाले तुषार कुमार वर्तमान में मोहनियां में अवर निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर नियुक्त हैं। शिवहर के प्रिंस कुमार को 89वीं रैंक मिली थी। इनके अलावा दर्जनों छात्रों का चयन हुआ था। वहीं वर्ष 2020 में बिहार के शुभम देशभर में टॉपर बने थे। इसके बाद से अबतक कोई टॉपर नहीं बना है। करीब दो दशक के बाद कोई बिहार का टॉपर बना था। पिछले साल यूपीएससी रिजल्ट के टॉप 10 में बिहार से तीन अभ्यर्थी थे।

जमशेदपुर के उलीडीह खानकाह निवासी सेना से रिटायर हवलदार संजय कुमार शर्मा की पुत्री 25 वर्षीय स्वाति शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 17वां स्थान हासिल किया है। स्वाति ने जमशेदपुर समेत पूरे झारखंड का नाम रौशन किया है।

मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले की रहने वाली स्वाति ने वकील बनने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन मात्र चार साल की मेहनत ने उन्हें यूपीएससी में जगह दिला दी। इंटरव्यू के दौरान पैनल ने स्वाति से कई तरह के सवाल पूछे थे। इनमें सबसे चर्चित सवाल जामताड़ा के साइबर ठगी से संबंधित था। साथ ही चीन से भारत के रिश्ते, महिला सशक्तीकरण से संबंधित भी सवाल पूछे गए थे। पैनल ने एक सवाल ऐसा पूछा, जिसका जवाब किताबों में नहीं था। पूछा गया कि अगर एक कमरे में पंखा लगा है तो उसके गिरने की कितनी संभावना है। सारे सवालों का स्वाति ने अपनी वाकपटुता के जरिए जबाव दिया और पैनल में शामिल टीम को प्रभावित कर दिया।

शिवम कुमार टिवरेवाल ने कहा वह समस्तीपुर के विधान का रहनेवाला हूं। उसने आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसी दौरान उसने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। वह उसका पांचवां प्रयास था, जिसमें 19वीं रैंक हासिल हुई। इससे पहले वर्ष 2023 में मुझे 309वां स्थान पर मिला था। गणित उनका विषय रहा है। वर्तमान में यह भारतीय राजस्व सेवा, नागपुर में कार्यरत हैं। उनके पिता प्रदीप टिबरेवाल पेशे से व्यवसायी व मां संतोष देवी गृहिणी है।

पटना आईआईटी की छात्रा रहीं जुफिशां हक को पहली बार में 34वीं रैंक हासिल की है। इसने पटना से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से एमटेक की है। ये अपनी सफलता का श्रेय परिजनों को देती हैं। एमटेक करने के बाद नौकरी की। इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा में पहली बार में सफलता हासिल की।

मुख्यमंत्री મુજામ नारी शक्ति योजना के तहत बिहार की दो छात्राएं यूपीएससी में चयनित हुई हैं। दोनों ही पटना की रहने वाली हैं। इसमें दिप्ति मोहाली को 184वीं रैंक और कृति कामना को 417 वीं रैंक प्राप्त हुई। दिप्ती सामान्य वर्ग से, जबकि कृति पिछड़ा वर्ग में चयनित हुई हैं।

बता दें कि इन्हें महिला एवं बाल विकास निगम बिहार की ओर से मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि दी गयी थी। निगम कार्यालय की मानें तो इस बार यूपीएससी की संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण महिला अभ्यर्थियों से प्राप्त आवेदनों में 24 महिलाओं का चयन किया गया था। इसमें दो महिला अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। हर साल यूपीएससी व बीपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। राज्य सरकार की ओर से महिला एवं बाल विकास निगम के माध्यम से सामान्य वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर व पिछड़ा वर्ग की महिला उम्मीदवारों को मदद मिलती है। इसके तहत यूपीएससी के मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए एक लाख व बीपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 50 हजार रुपये की राशि दी जाती है।

औरंगाबाद के प्रेम कुमार को 130वां, गोपालगंज के अनिकेत दुबे को 226, शेखपुरा की संस्कृति सिंह को 336वां स्थान मिला है। बीपीएससी 68वीं की टॉपर रही बाजार समिति के प्रियांगी मेहता को 261 वीं रैंक आयी है। अरवल के आइरा गांव के शिक्षक पुत्र अनुभव को 309वीं, बिहारशरीफ के अपूर्वा रस्तोगी को 834वीं और औरंगाबाद की मोनिका श्रीवास्तव को 455 वीं रैंक प्राप्त हुई है, वहीं नरटकिवागंज के शहंशाह सिद्दिकी को 762 और मुजफ्फरपुर के महेश 1016वीं रैंक मिली है।

यूपीएससी की परीक्षा में पास हुए 1016 अभ्यर्थियों को भातीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और ग्रुप-ए तथा ग्रुप-बी की सेंट्रल सर्विसज में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है। चुने हुए उम्मीदवारों में 347 अभ्यर्थी सामान्य (अनारक्षित) के हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) यानी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 115 उम्मीदवारों का चयन हुआ है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 303, अनुसूचित जाति (एससी) कैटेगरी के 165 और अनुसूचित जनजाति (एसटी) कैटेगरी के 86 उम्मीदवार परीक्षा में पास हुए हैं। यूपीएससी परीक्षा 2023 रिजर्व सूची: सिविल सर्विसिज एग्जामिनेशन रूल्स 2023 के नियम 20 (4) और (5) के तहत अलग-अलग वर्ग के कुछ उम्मीदवारों की एक वेटिंग सूची भी तैयार हुई है।

वेटिंग सूची में जनरल, ओबीसी, एससी, एसटी और बेंचमार्क विकलांगता वाले कुल 240 उम्मीदवारों को रखा गया है। इनमें 120 उम्मीदवार सामान्य कैटेगरी के हैं। जबकि ओबीसी कैटेगरी के 66, एससी कैटेगरी के 10 और एसटी कैटेगरी के 4 उम्मीदवार हैं। समस्तीपुर के निवासी शिवम कुमार टिबरेबाल ने देशभर में 19वीं रैंक लाकर
बिहार के टॉपर बने हैं। इससे पहले उन्हें 309 रैंक मिली थी। गोपालगंज सौरभ शर्मा को 23वीं जबकि 49 वीं रैंक हासिल करने वाले औरंगाबाद निवासी विरुपाक्ष विक्रम सिंह के पिता विनीत विनायक सिक्किम कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। 114 वीं रैंक हासिल करने वाले राजधानी के बैंक मेन्स कॉलोनी के सिद्धांत के पिता की हार्डवियर की दुकान है, जबकि अन्नपूर्णा के पिता आईपीएस अधिकारी हैं।

औरंगाबाद के सत्येन्द्र नगर की मोनिका श्रीवास्तव ने यूपीएससी में 455वां रैंक प्राप्त की है। उनके पिता ब्रजेश श्रीवास्तव इंजीनियर तथा मां भारती श्रीवास्तव शिक्षिका है। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व भाई-बहनों के साथ नामा को दिया है। जो उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करते रहे।

सिद्धांत ने कहा कि चौथे प्रयास में उसे 114वीं रैंक हासिल हुई है। बीपीएससी 66वीं परीक्षा में 5वीं रैंक मिली थी। वर्तमान में वह वाणिज्यिक कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। उसने कोचीन विवि से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विषय में बीटेक किया। उनके पिता श्यामनंदन सिंह की हार्डवेयर की दुकान है और मां गृहिणी हैं। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए लक्ष्य निर्धारित कर हर दिन परिश्रम करने की जरूरत है।

अन्नपूर्ण ने कहा कि पांचवें प्रयास में उसे यह सफलता मिली हैं। उसे 99वीं रैंक हासिल हुई है हुई है। इससे पहले उसने प्रयास किया था. था, लेकिन सफलता नहीं हासिल हुई। उसने बंगलुरू के एक कॉलेज से बीटेक किया। भूगोल उनका वैकल्पिक विषय था। उनके पिता मुकेश सिंह पेशे से नीति विश्लेषक व लेखक हैं और मा सुषमा सिंह गृहिणी है। पटना की हैं। उनकी शिक्षा में उनके माता-पिता का हमेशा सहयोग मिला। स्वयं पर विश्वास व मेहनत ही सफलता की कुंजी है।

गोपालगंज के बैकुंठपुर थाना स्थित करतालपुर निवासी सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता जय किशोर शर्मा के पुत्र सौरभ शर्मा को 23वां स्थान प्राप्त हुआ है। सौरव ने मेहनत के बदौलत पहले प्रयास में ही महज 22 वर्ष में सिविल सेवा परीक्षा में 23 रैंक लाया है।

गोपालगंज के हजियापुर मोहल्ले के अनिकेत दुबे आईपीएस बने हैं। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से जारी रिजल्ट में अनिकेत को ऑल इंडिया 226वीं रैंक प्राप्त करने में सफलता मिली है। इन्हें पांचवीं बार में यह सफलता मिली है। इनके पिता शंभू दुबे और नां नीता देवी जिले के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

करपी के अईवारा निवासी अनुभव ने यूपीएससी की परीक्षा में परचम लहराया है। उन्होंने 309 वीं रैंक लाकर न सिर्फ गांव अईयारा बल्कि प्रखंड करपी एवं जिला अरवल का नाम रोशन किया है। रिता रंजीत काको मध्य विद्यालय में हेड मास्टर के पद पर कार्यरत हैं।

वह मेरा चौथा प्रवास था। मुझे 130वीं रैंक हासिल हुई। तीसरे प्रयास में मुझे 677वीं रैंक हासिल हुई थी। मैं औरंगाबाद का रहनेवाला हूं। वर्तमान में मैं भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा, लखनऊ में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा हूं। मानव शाख मेरा वैकल्पिक विषय था। मैंने तैयारी के दौरान अपने संसाधनों को हमेशा मजबूत रखा। इंटरनेट की मदद से मैंने तैयारी की। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ाई की। मेरे पिताजी किसान और मां गृहिणी हैं।

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