छात्रों का यूनिक आइडी तैयार- बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा
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छात्रों का यूनिक आइडी तैयार- बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा

बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तर्ज पर अब पूरे देश में स्टूडेंट्स का एक यूनिक आइडी बनेगा. यह शैक्षणिक सत्र 2024 से लागू होगा. बिहार बोर्ड ने 2022 से ही यूनिक आइडी लागू किया है. अब इसी तरह पूरे देश में स्टूडेंट्स का एक यूनिक आइडी होगा.

यूजीसी के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा है कि ‘एक राष्ट्र, एक छात्र’ के तहत अब हर स्टूडेंट्स की एक विशेष पहचान होगी. इसे ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (एपीएएआर) नाम दिया गया है. यह यूनिक आइडी स्टूडेंट्स को जीवनभर काम देगी.

2024 में एडमिशन लेने वाले बच्चों को बाल वाटिका में ही एडमिशन लेने पर एपीएएआर बन जायेगी. इसमें माता-पिता के नाम, जन्मतिथि, लिंग, फोटो व आधार नंबर डाला जायेगा. यह आइडी बोर्ड परीक्षा से लेकर जेइइ, नीट, सीयूइटी के साथ अन्य प्रवेश व प्रतियोगिता परीक्षाओं में काम करेगी.

नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत मल्टीपल एंट्री-एग्जिट लागू की गयी है. एग्जिट वाले को ट्रांसफर सर्टिफिकेट में परेशानी न हो, इसके लिए यूनिक आइडी काम करेगी. यह बाल वाटिका से लेकर पीएचडी की पढ़ाई और नौकरी तक में मददगार होगी. यह डिजिलॉकर व एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से जुड़ेगा. जब कोई छात्र डिग्री, सर्टिफिकेट व अन्य डिग्री हासिल करेगा, तो उसके सर्टिफिकेट उसमें जुड़ जायेगा

इससे शैक्षणिक योग्यता व सर्टिफिकेट की जांच अलग से नहीं करनी होगी. नौकरी में सत्यापन आसान होगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पहले ही कमेटी बनायी है. इसमें यूजीसी, एनटीए, एनइपी, एनसीइआरटी, नैक, एबीसी, एआइसीटीइ जैसे 28 संस्थानों को शामिल किया गया है. स्कूली बच्चों को यूनिक आइडी से संबंधित जानकारी सभी राज्यों से मांगी गयी है.

यूनिक आइडी 2022 से बोर्ड में लागू है. इससे वेरिफिकेशन व फॉर्म भरने की प्रक्रिया आसान हो गयी है. यूनिक आइडी होने से फर्जी काम कोई नहीं कर सकता है. इससे गलत काम रुकेगा.

इंटर और मैट्रिक परीक्षा 2024 में जिस कमरे में जितने परीक्षार्थी होंगे, उतनी ही संख्या में प्रश्नपत्र का बना पैकेट संबंधित परीक्षा हॉल में भेजा जाएगा। प्रश्नपत्र का पैकेट बोर्ड की ओर से ही बनकर आएगा। पैकेट में परीक्षार्थियों की संख्या से अधिक या कम प्रश्नपत्र नहीं होगा। कदाचार मुक्त परीक्षा कराने को लेकर यह व्यवस्था की गई है।

अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में सभी जिले के डीईओ को निर्देश जारी किया है। 24 घंटे के भीतर मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों के डीईओ से मैट्रिक और इंटर परीक्षा के लिए बनाए गए केन्द्रों पर परीक्षा कक्ष में बैठने वाले परीक्षार्थियों की संख्या की रिपोर्ट मांगी है। मैट्रिक और इंटर परीक्षा में जिस कमरे में जितने परीक्षार्थी रहेंगे, उतनी ही संख्या में प्रश्न पत्र का पैकेट बोर्ड से बनकर आएगा।

ऐसे में एक कमरे से दूसरे कमरे तक भी किसी भी प्रश्नपत्र का आदान-प्रदान नहीं किया जा सकेगा। डीईओ ने कहा कि किसी भी परीक्षा कक्ष में इसबार यह नहीं होगा कि प्रश्नपत्र किसी में बच गया या फिर किसी में कम पड़ गया तो दूसरी जगह से प्रश्नपत्र भेजा जा रहा है। इससे प्रश्नपत्र के बाहर निकलने की कोई भी संभावना नहीं रहेगी। जिले में इसबार इंटर परीक्षा के लिए 64 और मैट्रिक परीक्षा के लिए 78 केंद्रों का निर्धारण किया गया है।

पहले दो दिसंबर का था समयः पहले दो दिसम्बर तक का समय केंद्र अधीक्षकों को दिया गया था। कहा गया था कि परीक्षा केंद्र पर जाकर आवासन क्षमता का आकलन कर लें और बताएं कि किस कक्ष में कितने परीक्षार्थी बैठ पाएंगे। लेकिन बुधवार को अपर मुख्य सचिव के 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश के बाद देर शाम जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से संबंधित केंद्र अधीक्षकों को निर्देश दिया गया कि हर हाल में गुरुवार को यह रिपोर्ट सौंप दें।

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