बिहार में भयंकर बाढ़ | बिहार कि शोक कोसी नदी इस साल भयानक प्रलय ला रही है:–पटना/भागलपुर/मुजफ्फरपुर, हिटी| नेपाल में भारी बारिश और दोनों बराजों से रिकार्ड पानी के डिस्चार्ज से बिहार के सीमांचल में कोसी-गंडक ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इनमें पानी लबालब है। इसके कारण चंपारण से किशनगंज और सुपौल से कटिहार तक के 20 से अधिक जिलों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं। निचले इलाके में तेजी से पानी फैलने भी लगा है।
कोसी-गंडक के रौद्र से सहमा सीमांचल
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 13 जिलों के करीब 1.41 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। बागमती के जलस्तर में बढ़ोतरी से शनिवार देर शाम सीतामढ़ी में बैरगनिया के रिंग बांध से दो जगहों पर रिसाव शुरू हो गया। उधर, नेपाल के करवाना व धर्मपुर में बागमती का बांध टूट गया। इससे बैरगनिया के लोग भी दहशतजदा हैं।
08 नदियां राज्य की खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं
शनिवार को रात 12 बजे कोसी में वीरपुर बराज पर 6.02 लाख क्यूसेक जबकि गंडक में वाल्मीकिनगर बराज पर जलस्राव 5.57 लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया। हालात से निपटने के लिए सरकार ने सभी संबंधित जिलों को अलर्ट कर दिया है। जल संसाधन विभाग में वार रूम का गठन किया गया है। प्रधान सचिव संतोष मल्ल ने खुद इसकी कमान संभाली है। यह वार रूम अगले 72 घंटे तक नदियों के प्रवाह, जलस्तर, तटबंधों की निगरानी करेगा।
72 घंटे तक निगरानी को जलसंसाधन विभाग ने वार रूम बनाया
जलस्तर, तटबंधों की निगरानी करेगा। कोसी में 56 वर्षों के बाद जबकि गंडक में 21 वर्षों के बाद ऐसी उफान की आशंका है। कोसी में वर्ष 1968 में 5 अक्टूबर को जलस्राव 7.88 लाख क्यूसेक हो गया था। इसके बाद पहली बार कोसी का जलस्राव 7 लाख के पास पहुंचने के आसार हैं। उधर, गंडक का जलस्राव 2003 में 31 जुलाई को 6.39 लाख क्यूसेक पहुंचा था। जल संसाधन विभाग के अनुसार 24 घंटे में कोसी का डिस्चार्ज 6.81 लाख और गंडक का 6 लाख से अधिक हो सकता है।
आफतः
- कोसी में 56 साल बाद 6.02 लाख, गंडक में 21 साल बाद 5.57 लाख क्यूसेक पानी
- नेपाल में भारी बारिश से उत्तर बिहार की सभी नदियों में उफान, 20 जिलों में बाढ़ के हालात
- नेपाल में बागमती नदी का तटबंध बैरगनिया के रिंग बांध में आया रिसाव
कहां-कैसी स्थिति
- सुपौल-सहरसा जिले के दर्जनों गांवों में फैला बाढ़ का पानी
- अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार के कई गांवों में बाढ़
- वाल्मीकिनगर हवाई अझ, लौरिया में अशोक स्तंभ परिसर में पानी
- वाल्मीकिनगर-बगहा एनएच डूबा
- गोपालगंज के 50 गांवों पर खतरा
20 जिलों को किया अलर्ट
जलसंसाधन विभाग ने 20 जिलों के जिला प्रशासन को अलर्ट किया है। इनमें पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, वैशाली, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर को आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा गया है।
कोसी बराज पर चढ़ा पानी,भारत-नेपाल सड़क बंद
बसंतपुर। कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं। इस बीच कोसी बराज की सड़क पर शनिवार देर शाम पानी चढ़ गया। अधिकारियों ने बताया कि गेट नंबर 19 पूरी तरह से खुल नहीं पाया है। इसी कारण गेट से टकराकर पानी बराज की सड़क पर फैल गया। गेट को पूरी तरह खोलने का प्रयास जारी है। इधर नेपाल प्रशासन ने भारत-नेपाल सड़क पर आवाजाही बंद कर दी है।
बाढ़-बारिश दोनों डरा रहे…
नेपाल में भारी बारिश का असर बिहार के 12 जिलों पर पड़ा है। इन जिलों की 140 पंचायतों में 1 लाख 41 हजार से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। हालात और गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि नेपाल से आने वाला पानी मैदानी इलाकों में तेजी से फैलेग। बांधों पर भी दबाव बढ़ सकता है। शनिवार को सुबह से रात 12 बजे तक कोसी बराज से 6.17 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह 56 सालों में दूसरी बार सबसे अधिक है। इससे वीरपुर में कोसी बराज पर पहली बार पानी चढ़ गया। आवागमन रोकना पड़ा। बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं। वहीं वाल्मीकि नगर में गंडक बराज से शनिवार रात 10 बजे तक 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
पटना में गंगा के जलस्तर में वृद्धि की भी चेतावनी
इसी बीच, पटना समेत 13 जिलों है। अगले दो दिनों तक इन जिलों में भारी बारिश हो सकती है। अभी मानसून पांच दिनों तक सक्रिय रहेगा। बिहार में पिछले तीन दिनों में 674 मिमी बारिश हुई। राज्य में बारिश की कमी 28% से घटकर 20% रह गई है। रविवार को वाल्मीकि नगर में 230 मिमी और मोतिहारी में 202.6 मिमी बारिश हुई। पटना में गंगा, पुनपुन के जलस्तर में वृद्धि की चेतावनी भी जारी की गई है।
पठता : पुनपुन नदी का जलस्तर बढ़ा, 1200 से अधिक घरों में घुसा पानी
इतनी अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, वैशाली, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, और मधुबनी जिलों में बाढ़ का प्रकोप ज्यादा है। कई गांवों में घरों में पानी भर गया है। जिला प्रशासन ने तटबंधों के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
वीरपुर बराज रात 12 बजे तक 6.17 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा
बराज से कोसी का डिस्चार्ज (क्यूसेक में)
शनिवार…..
- दोपहर 2 बजे 5,31,785
- रात 8 बजे 5,95,500
- रात 10 बजे 6,01,000
- रात 12 बजे 6,17,910
आगे क्या… अभी और बढ़ेगा पानी
- कोसी, गंडक, गंगा सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ेगा।
- गंडक नदी का जलस्तर गोपालगंज के डुमरिया घाट पर दोपहर 3 बजे तक 142 सेमी बढ़ने की संभावना है।
- बागमती नदी का जलस्तर सीतामढ़ी जिले के देगाब्रिज पर शाम 6 बजे तक 151 सेमी बढ़ने की संभावना है।
- बागमती नदी का जलस्तर मुजफ्फरपुर जिले के रून्त्री सैदपुर और बेनीबाद में शाम 6 बजे तक 196 सेमी और 190 सेमी बढ़ने की संभावना है।
- कोसी नदी का जलस्तर खगड़िया जिले के बलतारा में सुबह 6 बजे तक 68 सेमी बढ़ने की संभावना है।
- महानंदा का जलस्तर पूर्णिया जिले के देगराघाट पर सुबह 6 बजे तक 100 सेमी बढ़ सकता है।
72 घंटे तक मॉनिटरिंग का निर्देश
शनिवार को बाढ़ की समीक्षा के दौरान जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने अभियंता प्रमुख स्तर के पदाधिकारी को अगले 72 घंटे तक मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है। पटना स्थित मुख्यालय से लगातार मॉनिटरिंग करने, जिला प्रशासन से लगातार फीडबैक लेने का भी निर्देश दिया है। बाढ़ को लेकर विभाग के अभियंताओं की छुट्टी रद्द करने के साथ फील्ड में लगातार बने रहने को कहा गया है।
इधर, वज्रपात से 4 की मौत
पटना वज्रपात से 3 लोगों की मौत हो गई, वहीं एक किशोर झुलस गया। शेखपुरा के अरियरी प्रखंड के महुली गांव में वज्रपात से 17 वर्षीया किशोरी की मौत हो गई। वहीं भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड के आयर गांव में किसान व गोपालगंज के बैकुंठपुर बनकट्टी में युवक की मौत हो गई। कैमूर के तेनुआ गांव के बधार में किसान की जान चली गई। बेगूसराय जिले के बलिया थाना क्षेत्र के जगदीशपुर में ठनका से घोड़े की मौत हो गई।
एक्सपर्ट व्यूः फरक्का के सभी फाटक नहीं खुले तो पटना तक पड़ सकता है असर
कोसी बराज से छोड़ी गया पानी सुपौल, सहरसा, खगड़िया, मधेपुरा, नवगछिया, कटिहार, भागलपुर, मधुबनी, दरभंगा जिले को प्रभावित करेगा। गंगा पहले से उफान पर है। कोसी के पानी को निकालने के लिए फरक्का भेजेंगे। वहां फाटक खोलेंगे तो बांग्लादेश आपत्ति करेगा। फरक्का के सभी फाटक नहीं खोले गए तो बेगूसराय के बाद से पूरब की ओर हमारे गांगेय क्षेत्र पर असर पड़ेगा। फरक्का का लेबल बढ़ने का असर पटना तक पड़ेगा।
पटना | रामकृष्णा नगर और बैरिया बस टर्मिनल के पूरब वाले हिस्से की बड़ी बसावट पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। इस इलाके में 1200 से अधिक घरों में भी पानी घुस गया है। फोटो: जितेंद्र
- बाढ़… कोसी बराज पर पहली बार चढ़ा पानी, राज्य में 1 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित
- बारिश… पटना सहित राज्य के 13 जिलों में दो दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट
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