शिक्षक अगर आपको मुर्गा बनाये तो आपके पास है ये कानूनी विकल्प
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शिक्षक अगर आपको मुर्गा बनाये तो आपके पास है ये कानूनी विकल्प

शिक्षक अगर आपको मुर्गा बनाये तो आपके पास है ये कानूनी विकल्प:-देशभर में कानूनी अधिकारों के प्रति लोगों को सचेत करने और उन्हें कानूनी सहायता देने के लिए शुरू किए गए टेली-लॉ पोर्टल पर नतीजे दिखने लगे हैं। कई राज्यों से लोग गंभीर मसलों के साथ-साथ मामूली बातों पर भी कानूनी सलाह ले रहे हैं। इनमें 12 साल के बच्चों से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग शामिल हैं।

इस टेली पोर्टल के जरिए वकीलों द्वारा परामर्श, मदद और मार्गदर्शन किया जाता है। टेली-लॉ पोर्टल पर अभी तक विभिन्न राज्यों से करीच एक करोड़ से ज्यादा लोग कानूनी परामर्श के लिए रजिस्टर्ड हो चुके हैं। हाल ही में कानून मंत्रालय ने इस पर आंतरिक रिपोर्ट तैयार की है।

  1. 1.सबसे पहले tele-law.in पर जाएं।
  2. 2. साइन अप ऑप्शन पर क्लिक करें।
  3. 3. जो विंडो खुलेगी, उसमें अपना नाम, मोबाइल नंबर आदि ब्योरा भरें।
  4. 4. फिर ओटीपी बटन पर क्लिक करें।
  5. 5. टेली-लॉ कंट्रोलरूम से कम्प्यूटर जनरेटेड कॉल पर ओटीपी मिलेगा।
  6. 7. नई विंडो खुलेगी। सारा ब्योरा दें। फोटो अपलोड करें। साइन अप करें।
  7. 8. फिर अपना सवाल दर्ज कर दें।
  8. 9. महज 24 घंटे में विधिक सेवा प्राधिकरण के वकील संपर्क करेंगे। समस्या सुनेंगे और समाधान बताएंगे।

उक्त बच्चे के स्कूल के प्राचार्य से बात करके उन्हें समइाया गया कि बच्चों को किसी तरह की सजा नहीं दी जा सकती है। उनसे कहा गया कि वे इस संदर्भ में अपने शिक्षकों को भी बताएं। बच्चों को उनकी गलती पर प्यार से या डांटकर समझाया जा सकता है। मगर उन्हें सजा देना गलत है। स्कूल के पदाधिकारियों ने इस बात पर गौर करने का आश्वासन दिया।

विधिक सेवा प्राधिकरण के वकील ने बच्चे से उसके माता-पिता का नंबर लिया और उनसे बातचीत कर उन्हें समझझाया कि कहीं न कहीं उनका चताव उनके बच्चे के मन में उनके प्रति नफरत पैदा कर रहा है। कई राउंड की काउंसलिंग के बाद माता-पिता को इसका अहसास हुआ। वहीं, बच्चे को भी बताया गया कि अगर कभी उसे लगता है कि परिजनों का व्यवहार उसके प्रति बेहद क्रूर है तो यह चाइल्ड केयर हेल्पलाइन व पुलिस से मदद मांग सकत है।

बताया गया कि सरकार स्वच्छ भारत अभियान योजना के तहत 13 हजार रु. देती है। इसके लिए गांव के सरपंच से लिखवाकर एसडीएम को ज्ञापन देना होगा। महिला ने सलाह का अनुसरण किया और उसे शौचालय बनवाने के लिए मदद मिल गई|

सिक्किम की एक युवती को इस सवाल पर बताया गया, ऐसा करना संभव नहीं है। कम से कम एक साल दोनों के अलग रहने और मध्यस्थता के चरण में नतीजा नहीं निकलने पर ही तलाक संभव है। इसके लिए क्रूरता का आधार होना भी जरूरी है।

उत्तराखंड की इस महिला को सलाह दी गई कि पहले पड़ोसी को लीगल नोटिस भेजें। फिर सिविल कोर्ट में इस बाबत शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

बिहार के खगड़िया के रोहित सिंह ने यह सवाल पूछा था। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम आवास योजना के तहत मकान के लिए आवेदन किया था। काफी समय हो गया, न तो मकान मिला और न ही इस संदर्भ में कोई जानकारी मिल रही थी। इस पर उन्हें बताया गया कि वे जिला पंचायत अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा कई निर्देश दिए गए।

राज्यरजिस्ट्रेशन
उत्तरप्रदेश18.83
मध्यप्रदेश11.01
महाराष्ट्र8.16
जम्मू-कश्मीर6.71
राजस्थान6.51
बिहार5.64
छत्तीसगढ़5.02
केस कैटेगरीरजिस्ट्रेशन
प्रॉपर्टी विवाद9.91
महिला सुरक्षा8.39
बच्चों से संबंधित6.16
उपभोक्ता विवाद4.70
दुर्घटना मुआवजा2.87
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