अपार आइडी बनवाना सबके लिए अनिवार्य | बिना अपार आइडी नहीं मिलेगा कोई भी लाभ
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अपार आइडी बनवाना सबके लिए अनिवार्य | बिना अपार आइडी नहीं मिलेगा कोई भी लाभ

अपार आइडी बनवाना सबके लिए अनिवार्य | बिना अपार आइडी नहीं मिलेगा कोई भी लाभ:-शिक्षा विभाग द्वारा 9 और 10 दिसंबर को मेगा ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार आईडी) दिवस मनाया जाएगा।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अमृत कुमार ने बताया कि अपार आईडी राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक (निजी विद्यालय सहित) में अध्ययनरत सभी बच्चों का बनाना है। नई शिक्षा नीति के तहत सभी बच्चों का अपार आईडी बनाया जा रहा है। इसे दिसंबर में पूरा कर लेना है। इसीलिए मेगा अपार दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। जिला स्तर पर मानिटरिंग सेल बनाया गया है। यह सेल प्रतिदिन अपार आईडी की रिपोर्ट
राज्य कार्यालय को सौंपेगा।

निजी स्कूलों ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से निर्देशित पत्र (आवेदन पत्र) अभिभावकों को भेजा है। इसमें माता-पिता के हस्ताक्षर और आधार नंबर अंकित किया जाना है। यह अपार आईडी बच्चों का पहचान नंबर होगी, जो जीवन भर रहेगा। यदि कोई विद्यार्थी पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी या निजी संस्थान में नौकरी करने जाता है तो अपार आईडी का प्रयोग कर एक क्लिक से विद्यार्थी की पहचान की जा सकती है। यदि कोई बच्चा बिहार से बाहर किसी संस्थान में नामांकन लेना चाहता है तो अपार आईडी का प्रयोग कर पता किया जा सकता है कि वह कहां अध्ययनरत है।

बिहार सरकार राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के सभी छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) के तहत अपार आइडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) प्रदान करने के लक्ष्य की ओर महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) में तीन दिवसीय समीक्षा और पुनर्संरेखन कार्यशाला का समापन बुधवार को हुआ. समीक्षा कार्यशाला में कई बातें उभर कर सामने आयीं.

इसमें बताया गया कि बिहार वर्तमान में उच्च शिक्षा के डिजिटल इ-गवर्नेस के मामले में 17वें स्थान पर है. कार्यशाला में बताया गया कि राज्य के विवि में जबकि अपार आइडी बनाने के मामले में पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) पहले नंबर पर है. पीपीयू ने 35093 अपार आड़दी बनायी है. जबकि डिग्री अपलोड करने के मामले में पीपीयू तीसरे नंबर पर है. पीपीयू ने 2,11,518 डिग्रियां व तीन अंक पत्र अपलोड किये हैं. कार्यशाला में तकनीकी सहायता एबीसी-एनडीए डिजिलॉकर के राज्य समन्वयक अरुण कुमार, चंडीगढ़ डिवीजन के जोनल हेड शुभम शर्मा ने बताया कि बिहार में सकल नामांकन अनुपात को 17.1 से 20 और उससे अधिक तक बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं.

यह बैठक उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कमारी ने की बैठक में परीक्षा नियंत्रक, उप नियंत्रक और एबीसी- एनएडी, डिजिलॉकर कार्यान्वयन के नोडल अधिकारी शामिल हुए. प्रो रेखा कुमारी ने डिजिटल गवर्नेस के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सात विवि के नोडल अधिकारियों को बधाई दी.

सबसे अधिक एलएनएमयू ने एबीसी, एनएडी डिजिलॉकर पर सबसे अधिक 3,69,562 डिग्रियां अपलोड की हैं. वहीं 1,79,997 अंकपत्र अपलोड किया है. अपार आइडी की संख्या अब तक अपडेट नहीं की गयी है वहीं इसके बाद दसरे नंबर पर मौलान मजहरूल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय पटना की ओर से एबीसी-डिजिलॉकर पर 363748 डिग्रियां व 254 471 अंक पत्र अपलोड किया गया है. वहीं, 1408 अपार आइडी बनाया है. दोनों यूनिवर्सिटी अपार आइडी बनाने के मामले में काफी पीछे है|

शिक्षा विभाग ने नौ-10 दिसंबर को मेगा आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार आइडी) दिवस मनायेगा. जिला शिक्षा कार्यालय ने विभाग से प्राप्त निर्देश के आधार पर प्रखंड और स्कूल स्तर पर नौ व 10 दिसंबर को मेगा अपार आइडी दिवस मनाने का निर्देश दिया है.

साथ ही कहा है कि इस अभियान के तहत सरकारी व निजी स्कूलों में नामांकित बच्चों का शत प्रतिशत अपार आइडी बनाना सुनिश्चित करेंगे. जिला स्तर पर मॉनीटरिंग सेल गठित किया गया है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अमृत कुमार ने कहा कि अपार आइडी बनाने का काम दिसंबर में पूरा कर लेना है. विभाग से मिले निर्देश के बाद निजी स्कूलों ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देशित पत्र (आवेदन पत्र) अभिभावकों को भेजा है.

अपार आइडी बच्चों की पहचान होगी, जो जीवन भर विद्यार्थी के पास रहेगी. नौकरी करने पर उसके प्रमाणपत्रों की जांच उक्त अपार आइडी का प्रयोग किया जायेगा. एक क्लिक से विद्यार्थी की पहचान की जायेगी कि उसने किस संस्थान, राज्य व देश से पढ़ाई पूरी की है.

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