आपके दांत मोती की तरह चमके तो करें ये काम- दांतों की महत्ता को जानने के बाद भी हम दांतों की देखभाल की अनदेखी करते हैं, जिसका नतीजा दांतों में संक्रमण, पायरिया, दांत दर्द और सांसों में दुर्गंध आदि के रूप में सामने आता है.
दांतों में दर्द के अनेक कारण
इंडियन डेंटल एसोसिएशन के मुताबिक, दांतों से संबंधित किसी भी समस्या की शुरुआत आमतौर पर दांत में दर्द से ही होती है. कुछ कारण इस प्रकार हैं, जैसे- दांतों में संक्रमण, दांतों में कैविटी होना, पायरिया या मसूढ़ों में सूजन की समस्या, किसी दुर्घटना या अन्य कारणों से दांतों में लगने वाली चोट, दांतों में खाद्य पदार्थों के कणों के फंसने से उनमें जीवाणुओं का संक्रमण होना, मिडिल एज और वृद्धावस्था में दांतों का टूटना, कुछ कारणों से मुंह में घाव (अल्सर) बनना, दांतों में कीड़ा लगना या दांत खराब होना, विभिन्न कारणों से दांतों का टेढ़ा-मेढ़ा होना.
क्यों होता है दांतों में संक्रमण
सुबह और रात में ब्रश करके न सोना या फिर मीठे खाद्य पदार्थों के खाने के बाद दांतों को अच्छी तरह साफ न करना कालांतर में आमतौर पर दांतों में संक्रमण का कारण बनते हैं. लोगों को इस संदर्भ में यह बात याद रखनी चाहिए कि जैसे सुबह दांतों का साफ करना जरूरी है, ठीक उसी तरह रात में दांतों का साफ कर सोना भी आवश्यक है. इसके अलावा एक कारण और भी है. वह यह कि भोजन के दौरान अन्न कणों का दांतों के बीच फंसना, जो कालांतर में दांतों में जीवाणुओं के संक्रमण का कारण बनती है
पायरिया को हल्के मेंनलें
पायरिया मसूड़ों से संबंधित बीमारी है. जो डॉक्टर मसूड़ों की बीमारियों के विशेषज्ञ होते हैं, उन्हें पेरियोडॉन्टिस्ट कहा जाता है. पायरिया में मसूड़ों की सूजन दांतों के आसपास फैल जाती है. प्लाक व टार्टर पहले दांतों और मसूड़ों के मध्य बनते हैं और फिर दांतों के आंतरिक भाग तक फैल जाते हैं.
क्या हैं इसके लक्षण
- सांस छोड़ने पर बदबू आती हो.
- मसूड़ों में सूजन के साथ रक्त भी बहता हो.
- दांतों में ढीलापन आ गया हो.
- डेंटल एक्स-रे के जरिये पायरिया की स्थिति का पता चलता है.
पायरिया का उपचार
दंत चिकित्सक के सुझाव पर अमल करना चाहिए और दांतों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए, आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से राहत मिल जाती है, लेकिन कुछ मामलों में डेंटल सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है.
विटामिन-सी और पायरिया
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन-सी की कमी से पायरिया का जोखिम बढ़ जाता है. विटामिन सी शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र को सशक्त करता है और वहीं यह मसूड़ों को भी मजबूत बनाता है. यही नहीं यह दांतों को बैक्टीरिया के संक्रमण से भी बचाता है. विटामिन सी खट्टे फलों जैसे आंवला, संतरा, नीबू, मौसमी आदि में पाया जाता है.
ऐसे रहेंगे दांत और मसूड़े स्वस्थ
कितनी बार ब्रश करें
आमतौर पर 24 घंटे में दो बार ब्रश करना चाहिए, जैसे र सुबह और रात में सोने से पहले. रात में सोने से पहले दांतों पर ब्रश करने का अपना विशेष महत्व है. इसके अलावा यदि आप मीठे खाद्य पदार्थ चॉकलेट या अन्य प्रकार की मिठाइयां खाते हैं, तो इनके खाने के बाद अच्छी तरह दांतों को साफ करें
स्वच्छता पर ध्यान दें
जीभ पर भी बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं एक बड़ी संख्या में लोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ ग्रहण करने के बाद अच्छी तरह दांत साफ नहीं करते, ब्रश करने की बात तो दूर रही. ऐसी स्थिति में जीभ पर जीवाणु संचित हो जाते हैं, जिन्हें दूर करने के लिए टंग क्लीनर का इस्तेमाल करें. जीव साफ न करने से मुंह से दुर्गंध आ सकती हैं और कभी-कभी कुछ लोगों में मुंह के अल्सर की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है.
फ्लोराइड टूथपेस्ट लाभप्रद
विशेषज्ञों के अनुसार, फ्लोराइड एक शक्तिशाली एंटी-कैविटी एजेंट’ है, जो दांतों को क्षीण या कमजोर होने और उन्हें गलने से बचाता है. यह मुंह में जीवाणुओं के कारण दांतों को होने वाले नुकसान से भी बचाता है.
फ्लॉस करें
फ्लॉसिंग का आशय दांतों के बीच से भोजन के छोटे- कणों को निकालना है. दिन में एक बार फ्लॉस करना दांतों के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है.
तंबाकू और धूमधाम से दूरी बनाएं
तंबाकू और धूम्रपान का आपके दांतों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। है, तंबाकू सेवन से दांतों का एनेमल क्षीण होने लगता है.
दांतों को रखें दुरुस्त
अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार, स्वस्थ दांतों और मसूड़ों के बिना अच्छी सेहत बरकरार नहीं रह सकती. ऐसा इसलिए है, क्योंकि भोजन को अच्छी तरह चबाने से पाचन तंत्र खासकर आमाशय और आंतों पर कम-से- कम दबाव पड़ता है और मुंह की लार ग्रंथियां भी अच्छी तरह सक्रिय हो जाती है. इस कारण सहजता से भोजन पच जाता है. दांतों व उनसे संबंधित कुछ समस्याओं और उनकी रोकथाम व इलाज के बारे में बता रहे हैं विशेषज्ञ
मीठा खाएं, लेकिन ध्यान रखें
चॉकलेट या मीठे खाद्य पदार्थों से सैलाइवा का ‘पीएच’, अम्लीय हो जाता है. यह एसिड मुंह में दांतों के ‘एनेमल’ में डिसॉल्व होकर दांतों को क्षीण करता है. ऐसे में चॉकलेट और मीठे खाद्य पदार्थों को कम खाना चाहिए, इन्हें खाने के बाद अच्छी तरीके से मुंह साफ करना चाहिए, याद रखें, डार्क चॉकलेट, नॉर्मल चॉकलेट की तुलना में कम नुकसान पहुंचाती है.
क्या है रूट कैनाल ट्रीटमेंट
द जर्नल ऑफ अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दांतों में होने वाले संक्रमण और उससे होने वाली समस्याओं को दूर करने का एक कारगर इलाज रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) है. रूट कैनाल दांतों की जड़ के अंदर ‘कैनाल’ को संक्रमण रहित करने का प्रोसीजर है. दूसरे शब्दों में कहें तो दांतों की जड़ों को स्वच्छ करने की प्रक्रिया को रूट कैनाल कहते हैं, रूट कैनाल ट्रीटमेंट इसलिए जरूरी है, क्योंकि दांतों का इन्फेक्शन का फैलाव जबड़े की हड्डियों को भी अपनी गिरफ्त में ले सकता है. इसके अलावा यदि दांतों में ‘कैविटी’ है या दांत की ‘पल्प’ में इंफेक्शन है, तो उसको हटाने के लिए भी रूट कैनाल ट्रीटमेंट एक सफल उपचार है.
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