समय से पहले पहुंचा मानसुन | इस दिन से बिहार में शुरू होगा भयंकर बारिश
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समय से पहले पहुंचा मानसुन | इस दिन से बिहार में शुरू होगा भयंकर बारिश

समय से पहले पहुंचा मानसुन | इस दिन से बिहार में शुरू होगा भयंकर बारिश:-पटना/नई दिल्ली, हिटी। मानसून ने तय समय से आठ दिन पहले शनिवार को केरल में दस्तक दे दी। राज्य के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है। इस वर्ष मानसून का आगमन पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी हुआ है। लेकिन, बिहार में मानसून के अपने निर्धारित समय पर पहुंचने की संभावना है।

पटना मौसम विभाग के अनुसार राज्य में मानसून प्रवेश करने की संभावित तिथि 13 से 15 जून के बीच है। जबकि पिछले वर्ष बिहार में पांच दिनों की देरी से 20 जून को मानसून प्रवेश किया था। जिस कारण सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान राज्य में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है।

16 वर्षों बाद देश में इतनी जल्दी आगमन मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इससे पहले 2009 में केरल में मानसून का आगमन 23 मई को हुआ था। उन्होंने बताया कि इसके जल्द तमिलनाडु और कर्नाटक के कई इलाकों में पहुंचने की संभावना है। मानसून एक हफ्ते में देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों, जबकि चार जून तक मध्य और पूर्वी भारत को कवर कर सकता है। आईएमडी ने मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया था, जिससे अल नीनो की स्थिति की संभावना खारिज हो गई थी। अल नीनो सामान्य से कम वर्षा से जुड़ा है।

केरल में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण राज्य के कई हिस्सों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। साथ ही सड़कों पर जलभराव हो गया। बारिश से सामान्य जनजीवन बाधित है।

उत्तराखंड में मई में ही बारिश कहर बरपा रही है। शनिवार तक 78.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से 59 फीसदी अधिक है।

पिछले वर्ष बिहार में पांच दिनों की देरी से 20 जून को मानसून ने प्रवेश किया था। 2023 में मानसून समय से एक दिन पहले 12 जून को ही प्रवेश कर गया था। इसके बाद भी सामान्य से 23 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। जबकि 2020 से 2022 के बीच बिहार में मानसून 13 जून को प्रवेश किया था। बिहार में मानसून सीजन के दौरान सामान्य बारिश 992 मिलीमीटर है। 2021 के बाद से सामान्य से अधिक बारिश नहीं हुई है।

  • मानसून के जल्द आने की प्रमुख वजह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में नमी है। इससे समुद्र का तापमान ज्यादा रहा, जिससे मानसूनी हवाएं तेजी से सक्रिय हुईं
  • पश्चिमी हवाओं और चक्रवातों की हलचल ने मानसून को आगे बढ़ने में मदद की
  • जलवायु परिवर्तन भी मौसम के पैटर्न में बदलाव की एक बड़ी वजह बन रहा है
  • तिरुवनंतपुरम में शनिवार को मानसून की पहली बारिश हुई। एजेंसी
  • 23 मई को 2009 में केरल पहुंचा था मानसून
  • 13 दिन पहले 1990 में पहुंचा था मानसून

वर्ष मानसून कब पहुंचा
2024 30 मई
2023 08 जून
2022 29 मई
2021 03 जून
2020 01 जून

पटना के आसमान में शनिवार को दिनभर बादल छाए रहे। हालांकि हवा में 70 प्रतिशत तक नमी अधिक रहने के कारण उमस भी रही। धूप कम निकलने के कारण पटना का अधिकतम तापमान 32.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटना के कई इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई। मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पटना का न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। राज्य में सबसे अधिक तापमान डेहरी में 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

शेखपुरा में सबसे कम न्यूनतम तापमान 19.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दूसरी तरफ शनिवार को केरल तट से देश में मानसून प्रवेश कर गया है। अब मानसून की दशा-दिशा, हवा की गति, नमी और बादलों पर निर्भर करेगा कि बिहार में कब मानसून आएगा। हालांकि केरल तट से बिहार तक मानसूनी हवाएं पहुंचने में 15-16 दिन लग जाते हैं।

लेकिन राज्य में आंधी-पानी का अलर्ट है। हवा में 80 प्रतिशत तक नमी बनी हुई है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से हवा को अच्छी मिल जा रही है, इसलिए नौतपा असर कम रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, वैसे राज्य में 30 मई तक आंधी-पानी के साथ उनका का अलर्ट है। उत्तर और पूर्वी बिहार में झमाझम बारिश होने का पूर्वानुमान है।

नौतपा शुरू होने से एक दिन पहले शनिवार को देश में मानसून पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार मानसून तय तारीख 1 जून से 8 दिन पहले केरल पहुंचा है। यह 16 वर्षों में सबसे पहले है। इससे पहले, 2009 में मानसून 23 मई को आया था। नौतपा 25 मई से शुरू हो रहा है।

केरल के साथ तमिलनाडु व तटीय कर्नाटक में भी मानसून छा गया। मौसम विभाग के मुताबिक पूरे आसार हैं कि 2-3 दिन में मानसून देश का 40% हिस्सा कवर कर लेगा। इसके 72 घंटे में गोवा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मिजोरम से लेकर सिक्किम और पश्चिम बंगाल तक पहुंचने की उम्मीद है। अगले एक हफ्ते में मध्य और पूर्वी भारत के कई इलाकों में भी मानसून पहुंचने के अनुकूल हालात बन रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार मानसून जल्दी या देर से आने का यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकते कि अन्य हिस्सों में भी यही रफ्तार रहेगी। बारिश देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पूरे वर्ष की 70% बारिश मानसून के 4 महीनों में ही होती है। मौसम विभाग ने 105% बारिश का पूर्वानुमान दिया है।

केरल में भारी बारिश से सैकड़ों पेड़-खंभे गिर गए। 5 जिलों में रेड, 9 में अरिंज अलर्ट है। महाराष्ट्र में रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग के तटीय जिलों में रेड अलर्ट है। गोवा के लिए रेड अलर्ट है। रविवार को यहां भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। है। हिमाचल प्रदेश के प्रदेश के कुल्लू में रविवार को सूखे नाले में बाढ़ आने से 25 वाहन बह गए। 27, 28 मई को राज्य में बारिश का येलो अलर्ट है।

देश के दक्षिणी हिस्से में भले मानसून एक्टिव हो गया हो, लेकिन उत्तर और पश्चिमी हिस्सों में अभी भीषण गर्मी का दौर लगातार जारी है। राजस्थान के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री से पार है। बाड़मेर में सबसे ज्यादा 47.6 डिग्री तापमान रहा। मौसम विभाग ने राज्य के पश्चिमी हिस्सों में 27 मई तक भीषण लू की स्थिति रहने का पूर्वानुमान जताया है।

बारिश, हवा और बादलों की मोटाई के मानक मानसून की एंट्री का आधार हैं…

  • बारिश.. केरल, लक्षद्वीप, कर्नाटक के 14 केंद्रों में से 60% पर 10 मई के बाद लगातार दो दिन 2.5 मिमी या ज्यादा बारिश मानसून की एंट्री का मुख्य आधार है। यह शुक्रवार को पूरा हो गया था।
  • हवा… सतह से 3 किलोमीटर ऊंचाई तक यदि पश्चिमी हवाएं तय अक्षांश के बीच चलें और उनकी रफ्तार 28 से 37 किमी प्रति घंटा तक हो। यह मानक शनिवार को डिप्रेशन सिस्टम आगे बढ़ते ही पूरा हो गया।
  • बादलों की मोटाई… यह सैटेलाइट से पता चलती है। बादलों से ऊपर जाने वाली लॉन्ग वेव रेडिएशन 200 वॉट प्रति वर्गमीटर से कम होने पर मानसून आगमन का सूचक माना जाता है।

मानसून जल्दी या देर से आने से बारिश पर असर नहीं पड़ता। 1 जून से 30 सितंबर के बीच की बारिश ही मानसूनी बारिश के रूप में रिकॉर्ड होती है। पिछले 50 वर्षों में सिर्फ 3 बार ही मानसून ने तय तारीख यानी 1 जून को प्रवेश किया है। 25 बार तय तिथि से एक से 12 दिन तक पहले आया है। 22 बार यह तय तारीख के बाद आया है। 2009 में जब मानसून 23 मई को आया था, तब सिर्फ 78% बारिश हुई। 2003 में 13 जून को मॉनसून आया था, लेकिन उस साल 102% बारिश हुई।

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