जनतंत्र का जन्म | रामधारी सिंह दिनकर | कक्षा 10वीं हिन्दी नोट्स
Class -10th

जनतंत्र का जन्म | रामधारी सिंह दिनकर | कक्षा 10वीं हिन्दी नोट्स

जनतंत्र का जन्म | रामधारी सिंह दिनकर जनतंत्र का जन्म—-लेखक-परिचय दिनकर की काव्यशैली के एक नेत्र में रणचण्डी का प्रकोप है और दूसरे में रसवंती का प्यार छलक रहा है। रुद्र की श्रृंगी और रास की मुरली बजानेवाली कभी ज्वालामुखियों में दहाड़ती है, तो कभी चाँदनी में अठखेलियाँ करती है। यौवन के श्रृंगार और घनसार, […]