मैट्रिक इंटर में टॉपर बनना है तो आज से ऐसे करें पढाई | ये नियम करें पालन बनेगें टॉपर
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मैट्रिक इंटर में टॉपर बनना है तो आज से ऐसे करें पढाई | ये नियम करें पालन बनेगें टॉपर

मैट्रिक इंटर में टॉपर बनना है तो आज से ऐसे करें पढाई | ये नियम करें पालन बनेगें टॉपर:- जब आप खुद को तैयार कर लोगे तो सफलता आपके कदम छूने लगेगी जब आप खुद ये फैसला कर लोगे की आप सबसे बेहतर बन के दिखाओगे व उसके अनुरूप आप मेहनत भी करोगे। तो आप जो चाहो वो सब कर पाओगे सफलता पाने की सबसे बड़ी व एक ही कुंजी होती हैं ,जिसे मेहनत कहते हैं । व टॉपर बनने के लिए सिर्फ मेहनत ही काफी नही होती। इसके लिए रणनीति भी बनानी पड़ती हैं क्योंकि सही रणनीति बनाने के बाद ही आप एक टॉपर बन सकते है। तो चलिए जानते हैं हैं Topper Kaise Bane के बारे में ।

  • नियमित तय घंटे पढ़ाई करें
  • नया सीखना/समझना
  • स्मार्ट स्टडी करें
  • नोट्स तैयार करें
  • हर टॉपिक को कांसेप्टवाइज समझें
  • रीवीजन करें
  • प्रश्न पूछने में कभी संकोच न करें
  • मॉक टेस्ट/मॉडल पेपर सॉल्व करें
  • परीक्षा में कठिन सवालों पर ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं करें
  • स्वास्थ्य पर ध्यान दें
  • सभी विषयों को प्राथमिकता दें
  • अपनी पुरानी गलतियों से सीखना
  • सुनने की आदत का विकास
  • मेडिटेट करिए
  • क्लास में पीछे बैठने से बचें
  • ध्यान हटाने वाली चीजों से दूर रहें
  • कमज़ोर विषयों पर अधिक ध्यान
  • अपनी हैंडराइटिंग को सुधारें
  • ऑनलाइन वीडियो के द्वारा टॉपिक को समझें
  • आलस से पढ़ाई नहीं करें

छात्र हमेशा टॉपर बनने के टिप्स की तलाश में रहते हैं लेकिन क्या वास्तव में आपके कम्फर्ट जोन से बाहर आए बिना आसमान तक पहुंचना संभव है? टॉपर्स दूसरों से आगे रहने का कारण यह है कि उनमें अच्छी आदतें होती हैं। नीचे सूचीबद्ध कुछ आदतें हैं जिन्हें आप अगला टॉपर बनने के लिए अपना सकते हैं।

सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण क्वालिटी जो उनमें देखने को मिलती है वो यह है कि वे लंबे समय तक सफल होने के लिए पूरे अनुशासन में रहते हैं। टॉपर्स किसी अन्य ईमानदार छात्र की तरह, अपनी तैयारी के दौरान समय और ऊर्जा के महत्व को समझते हैं, इसलिए वे अपने पढ़ाई के घंटों के दौरान बेहद अनुशासित रहते हैं। वह प्रतिदिन रेगुलर अपनी पढ़ाई बिना किसी रुकावट के टाइमटेबल के तहत जारी रखते हैं और निश्चित घंटे अपनी पढ़ाई करते हैं। उनके लिए पढ़ाई का मतलब सिर्फ परीक्षा नहीं बल्कि ज्ञान संचय करना और अपनी संकल्पना को दृढ़ करने का मौका होता है।

प्रथम परन्तु सबसे महत्त्वपूर्ण तत्त्व जो सभी छात्रों को जानना चाहिए कि उनमें पढ़ने की इच्छा और नया जानने/सीखने का उत्साह होता है। टॉपर बनने का कोशिश नहीं बल्कि ज्ञान समेटने/सबकुछ जानने का जोश उनको उस मुकाम तक ले जाता है। क्योंकि छात्र सीखते रहते हैं, इसलिए उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। इसलिए प्रतियोगी छात्रों  के  टॉपर्स के पास एक मजबूत आत्म विश्वास प्रणाली पाई जाती है जो उनके प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में बेहतरी के लिए लगातार चलने वाली शक्ति की तरह काम करती है।

स्मार्ट स्टडी करें

उनके पढ़ाई करने के तरीके को स्मार्ट स्टडी कहते है। सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को समय प्रबंधन के तहत समय से समाप्त करना और पढ़ाई के दौरान सूझ-बुझ से काम लेना इस प्रक्रिया में आता है। प्रतियोगी परीक्षा के टॉपर और असफल उम्मीदवार के बीच बुनियादी अंतर एक समर्पण और स्थिरता का मिलता है जो कि अभ्यास के साथ निखरता है। नई चीजों को सीखने और सीखने के तरीके को लगातार सुधारने के लिए समर्पित होना भी एक कला है।

तीसरी बात जो उन्हें दूसरे छात्रों से अलग करती है वह है उनकी नोट्स मेकिंग स्किल। स्कूल/कॉलेज/कोचिंग में पढ़ाए गए पाठ्य के पश्चात भी खुद अध्ययन कर अपने नोट्स तैयार करना और पाठ्यक्रम को पूरा ख़त्म करना उनको उनके Topper Kaise Bane में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Topper Kaise Bane इसके लिए कभी भी किसी भी तथ्य को रट्टा मार कर याद नहीं करते बल्कि हर तथ्य को कांसेप्ट वाइज समझते हैं। इससे इनके ज्ञान में विस्तार होने के साथ-साथ प्रश्न के विविधताओं से सामना करने का सहायता करते हैं। इससे उनमें एक अलग तरह की रिफ्लेक्टिव सोच विकसित हो पाती है और वे किसी भी प्रकार की समस्या की स्थिति में आगे बढ़ने में सक्षम हो पाते हैं।

टॉपर अपने पढ़ें हुए ज्ञान को एक निश्चित अंतराल पर वैज्ञानिक तरीके से रीवीजन करते हैं ताकि वह परीक्षा के लिए उसे बेहतर तरीके से याद रख कर प्रकट कर सकें। Topper Kaise Bane यह किसी तथ्य को पढ़ने के पश्चात उसका रीवीजन 24 घंटे की अन्दर अवश्य करें। फिर से एक सप्ताह के बाद जांचें। और फिर एक माह, 6 माह के पश्चात फिर रीवीजन करें। इस प्रक्रिया से टॉपर अधिक तथ्यों को स्मरण रख पाते हैं और साधारण छात्रों से अधिक प्रदर्शन कर पाते हैं। टॉपर्स अपनी तैयारी में निरंतरता के महत्व का एहसास करते हैं और हर दिन रीवीजन करने के लिए समय निकालते हैं।

Topper Kaise Bane के लिए वह लोग, अपनी शंकाएं निःसंकोच व्यक्त करते है। बिना किसी भय के, अपनी बात सबके सामने रखने का साहस अपने अंदर रखते हैं। क्लास/कोचिंग/ग्रुप स्टडी में कुछ समझ में न आने पर वह अपने डाउट को तुरंत सबके सामने रखकर उसका हल प्राप्त करते हैं।

कॉम्पिटिटिव एग्जाम के टॉपर्स मॉक टेस्ट सीरीज और पिछले कुछ सालों के पेपर्स जरूर सॉल्व करते हैं। इससे उनमें इस बात का भरोसा बढ़ता है कि वे किसी भी एग्जाम को क्रैक कर सकते हैं। पुराने पेपर्स सॉल्व करने से कॉन्फिडेंस आता है। मॉक टेस्ट सीरीज हल करने से छात्रों को परीक्षा में किस तरह के सवाल आते हैं, इसका पैटर्न भी पता चलता है। इससे अच्छे नंबर लाने में मदद मिलती है। जितनी ज्यादा प्रैक्टिस होगी आपका स्कोर उतना ही बेहतर होगा।

कोई भी सफलता तब तक नहीं मिल सकती, जब तक कि बेहतर टाइम मैनेजमेंट नहीं किया जाए। वैसे तो टाइम मैनेजमेंट का ध्यान पूरे सालभर रखना चाहिए, लेकिन एग्जाम के अंतिम समय में यह और भी जरूरी हो जाता है। टॉपर्स न केवल साल भर टाइम मैनेज करके चलते हैं, बल्कि एग्जाम हॉल में भी इसका ध्यान रखते हैं। जैसे कठिन सवालों पर ज्यादा वक्त बर्बाद करने की बजाय उन पर ज्यादा समय लगाते हैं जिनमें वे 100 परसेंट मार्क ला सकते हैं।

अच्छी पढ़ाई के लिए स्वस्थ्य शरीर का होना आवश्यक है। प्रतियोगी परीक्षा निकट आते ही छात्रों में पढ़ाई के प्रति तनाव के साथ रात-दिन कड़ी मेहनत से जहां छात्र-छात्राओं का सेहत बिगड़ जाता है, जिससे ऐन वक्त पर छात्र बीमार हो जाते हैं। जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। वहीं परीक्षा के समय अस्वस्थ्य रहने से परीक्षाफल भी प्रभावित होता है। ऐसे में छात्रों को सेहत पर पूरा ध्यान रखने की आवश्यकता है। स्वस्थ्य रहने के लिए कम से कम छह घंटा सोना अनिवार्य है। वहीं स्वस्थ्य रहने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ अंकुरित अनाज, नियमित भोजन के साथ फल एवं दूध का सेवन करना चाहिए।

दोस्तों हम सभी ने कहावत सुनी है कि हाथों की पांचों उंगलियां समान आपकी नहीं होती इसलिए कोई भी काम सबके लिए एक जैसा नहीं होता लेकिन दोस्तों परीक्षा की दृष्टि से इस कहावत का में थोड़ा सा बदलना पड़ेगा यहां हमें यह समझना होगा कि हमारे हाथों के पांचों उंगलियां बराबर है । हमारे सारे सब्जेक्ट हमारे लिए बराबर मैटर करता है  अगर आप टॉपर बनना चाहते हैं। क्योंकि होता क्या है दोस्त कि हम बहुत कम इज में ही सब्जेक्ट्स की प्रैक्टिस बदलने लगते हैं।

अपनी चॉइस के हिसाब से अपनी पसंद के हिसाब से लेकिन हमें यह बात समझनी जरूरी है कि अगर पेपर को टॉप करना है । तो सभी सब्जेक्ट पढ़ने होंगे कुछ लोग मेरी इस बात से सहमत नहीं होंगे और यह तर्क दें कि आगे चलकर हमें किसी एक सब्जेक्ट में ही तो मास्टरी करनी है। मेरे दोस्त कैरियर लोग ग्रेजुएशन करने के बाद एक पार्टिकुलर सब्जेक्ट को लेकर चलते हैं और आप अभी से इस बारे में सोचोगे तो आप बाकी सब्जेक्ट को क्वालीफाई करने में पक्का फेल होंगे तो इसलिए सही फिलहाल आपके लिए यही होगा कि आप अपनी सभी सब्जेक्ट को बराबर प्रायोरिटी बेसिस पर रखें।

 दोस्तों किसी ने क्या खूब कहा है कि हमें अक्सर दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए क्योंकि अगर हम अपनी गलतियों से सीखना शुरू कर दे तो पूरा जीवन कम पड़ जाएगा लेकिन दोस्तों बात जब इस Study के हो तो पहले तो हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए। आप को हमेशा ऑब्ज़र्व करना चाहिए क्या आपने अब तक जितने भी एग्ज़ाम्स दिए है ।

उसमें से अपने क्या गलतियां कि आप कहां पीछे छूट गए और किन-किन चीजों में आपको सुधार करने की ज़रूरत है । आपकी राइटिंग में दिक्कत हुई या फिर आपके लिखने की स्पीड में या फिर आप कुछ तथ्यों को याद नहीं रख पाए आप बस विश्लेषण कीजिए कि आप किस वजह से पीछे रह गए और कहां आप को सुधार की आवश्यकता है। उने एक किताब पर लिखिए एक एक गलती को सुधरने का पूरा प्रयास कीजिये और यकीन मानिये की आप अगले टेस्ट में खुद ही अपना बेहतर परफॉरमेंस देख पाएंगे। आप इसके लिए अपने टीचर के पास जाकर उनसे विनम्रता पूर्वक आग्रह कर सकते हैं।

दोस्तों अक्सर हमें ना आने की वजह होती है, हमारी सुनने की आदत ना होना हम लोग अक्सर जब टीचर स्कूल में पढ़ाते हैं तो यह सोचकर ध्यान नहीं देते की यार ट्यूशन में तो पढ़ना ही है और ट्यूशन में यार छोड़ समझ नहीं आ रहा।  ऑनलाइन पढ़ लूंगा ऐसे में होता क्या है दोस्तों कि आप कहीं भी ध्यान नहीं लगा पाते और धीरे-धीरे आपकी आदत बन जाती हैं कि टीचर कुछ पढ़ा रहे हो और ध्यान ही नहीं लग रहा लेकिन जिस दिन आपकी आंखें खुलती है ।

तब समझ में आता है क्या चल रहा है अब कहाँ से शुरू करूँ कई बार यही एक वजह बन जाती है । आपके टॉपर न बन पाने की।क्योंकि आपका आधा समझने का काम तो खुद ही हो जाता है अगर आप आपने टीचर को बस ढंग से सुनते है और ये कईं बार बहुत ज्यादा हैल्पफुल हो जाता है

मेडिटेट करिए

दोस्तों जैसे की हमने आपको बताया क्वांटिटी मैटर नहीं करती स्टडी में, अगर हम क्वालिटी स्टडी भले ही कम भी करते हैं तो स्टडी ज्यादा बेहतर होगी तो सवाल सामने आता है की क्वालिटी स्टडी कैसे हो ? उसके लिए एक ज़रूरी फैक्टर होता है फोकस। जिस दिन फोकस नाम की चिड़िया को आपने पकड़ लिया उस दिन आप बिना किसी संदेह के एक टॉपर जरूर बनोगे क्योंकि अगर आप किसी चीज को एक बार पढ़ लेते हो और उसे ढंग से याद रख पाते हो तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है|

अगर आपके पास फोकस की कमी है तो इसके लिए सबसे बेस्ट रहेगा आप मेडिटेट करना सीखिए और शुरू करिए क्योंकि मेडिटेशन में बहुत ही ज्यादा पावर होती है, मेरे दोस्त। लेकिन दिक्कत ये है मेडिटेशन कैसे करें ? तो दोस्तों हम आपको साफ़ साफ़ बताना चाहेंगे की ‘ध्यान’ से मेरा तात्पर्य सिर्फ एक शांत कम उजाले वाली जगह में बैठकर दिमाग को एक ही पॉइंट पर ध्यान एकत्रित करने से हैं।

यह असक्रिय को दर्शाता है। पीछे बैठने से आप अपने प्रोफेसर के डायरेक्ट संपर्क में नहीं रहेंगे। वे आप पर पूरा ध्यान भी नहीं दे सकेंगे। यह आपको सोचना है कि आपको कहां बैठना है? अगर आप क्लास में ध्यान नहीं दे रहे हैं तो आप अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। दिमाग पर ज़ोर दें और सोचें कि आपको क्या करना चाहिए। इस तरह आप आपकी टीम में अच्छे प्लेयर साबित नहीं होंगे। 

यदि आपको टॉपर बनना है, तो आपको सभी सब्जेक्ट अच्छे से आने चाहिए। यदि आप किसी सब्जेक्ट में वीक हैं, तो उसे ज्यादा समय दें या उसकी कोचिंग लगा लें। अधिकांश छात्र गणित में कमजोर होते हैं, इसलिए गणित पर विशेष ध्यान रखें।

आपने यह तो ज़रूर सुना होगा कि ‘फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन’ जिसका मतलब होता है कि पहला इंप्रेशन ही आखरी इंप्रेशन है। अगर आप पढ़ाई बहुत अच्छी कर रहे हैं लेकिन आपकी हैंडराइटिंग पढ़ने लायक नहीं है तो फिर यह आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। जो भी कॉपी चेक करने वाला होता है उसे नहीं मालूम होता है कि जिसकी मैं कॉपी चेक कर रहा हूं वह पढ़ाई में कैसा है हर दिन कितनी पढ़ाई करता है वह कितनी मेहनत करता यह भी उसे नहीं मालूम होता है लेकिन जब वह टॉपर की कॉपी देखता है तो एक नजर में समझ जाता है कि यह स्टूडेंट पढ़ने वाला है।

इंटरनेट के उपयोग से हम अच्छे से अच्छे टीचर का लेक्चर घर बैठे यूट्यूब में ही देख सकते हैं। अगर आप किसी विषय में बहुत कमजोर है तो आप उसके ट्यूटोरियल को यूट्यूब में देखें और इसमें आप बार-बार रिपीट करके देख के समझ सकते हैं।

टॉपर बनने के लिए अधिक पढ़ने की जरूरत नहीं होती है। बस आप जो कुछ भी पढ़ रहे हैं वह इफेक्टिव होना चाहिए। मतलब आप जो भी पढ़े अच्छी तरह समझ कर पढ़े। जिससे आपका पढ़ा हुआ लंबे समय तक आपको याद रहे | आप किसी भी सब्जेक्ट को पूरे मन से नहीं पढ़ रहे हैं तो इसका कोई फायदा होने वाला नहीं है तब आप एक एवरेज स्टूडेंट ही बने रहेंगे।

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