सरकारी स्कूल के बच्चों को मिल रहा है फ्री किताबें | बस ये काम करें
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सरकारी स्कूल के बच्चों को मिल रहा है फ्री किताबें | बस ये काम करें

सरकारी स्कूल के बच्चों को मिल रहा है फ्री किताबें | बस ये काम करें:-बुधवार से राज्य के करीब 70 हजार सरकारी मध्य स्कूलों के विद्यार्थियों को मुफ्त में किताब बांटने की कवायद बुधवार 17 अप्रैल से शुरू होने जा रही है.

शिक्षा विभाग ने अभी तक कक्षा एक से आठवीं तक के एक करोड़ सात लाख विद्यार्थियों के लिए कक्षा के अनुसार सेट प्रखंडों अनुसार में पहुंचा दिये हैं. करीब 85 प्रतिशत किताबों के सेट प्रखंडों से मंगलवार से ही स्कूलों के लिए रवाना की गयी हैं. ऐसी स्थिति में किताबों को बुधवार से बंटना सुनिश्चित किया जाना है. आधिकारिक जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने चालू शैक्षणिक सत्र से एक करोड़ 11 लाख विद्यार्थियों के कक्षा वार पाठ्य पुस्तकों के सेट तैयार कराये हैं. उनकी प्रिंटिंग करा ली है. इनमें से करीब 97 फीसदी प्रखंड मुख्यालयों पर किताबें भेजी गयी हैं. शेष किताबें और भेज दी जायेंगी.

किताबों पर सीधी निगरानी अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ की तरफ से की जा रही है. फिलहाल राज्य के सरकारी स्कूलों में नयी किताबों से पढ़ायी की कवायद 16 अप्रैल से से शुरू हो जायेगी. आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन पाठ्य पुस्तकों के साथ बच्चों को मुफ्त डायरी भी दी जा रही है. कक्षा एक से पांचवीं तक की किताबें एससीइआरटी आधारित पाठ्यक्रमों पर छापी गयी हैं. कक्षा छह से आठवीं तक की किताबें एनसीइआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित हैं.

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई केवल किताबों कक्षा के पाठ्यक्रमों तक ही सीमित नहीं रहेगी। अब बच्चे सार्वजनिक जगहों पर अपनी बातें रखने से लेकर बचत, निवेश, पॉक्सो एक्ट, धोखाधड़ी से बचने आदि तक में दक्ष होंगे। इसके लिए उन्हें शिक्षक प्रशिक्षित करेंगे। एससीईआरटी (राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद) ने इसके लिए मॉड्यूल तैयार किया गया है। यह मॉड्यूलदेश-विदेश में बच्चों को पढ़ाने के तौर-तरीके के आधार पर तैयार किया गया है।

वर्तमान समय की मांग पढ़ाई के साथ कौशल की है। इसी को ध्यान में रखकर कई देशों के करिकुलम का अध्ययन किया गया। इनमें जापान, अमेरिका, कनाडा, चीन जैसे देश शामिल हैं। इसमें देखा गया कि बच्चों को आपदा प्रबंधन, आघात सूचक शिक्षण, समुदाय आधारित शिक्षण, खुद से चीजें तैयार करने की कौशल विकसित करने का प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। इसी को देखते हुए इस बार के शिक्षण प्रशिक्षण मॉड्यूल में इन सब चीजों को जोड़ा गया है।

इस सत्र में जो भी शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे उन्हें यह सब चीजें बताई जाएंगी। बच्चों को शिक्षक इसके बारे में बताएंगे। इसमें छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों पर विशेष जोर दिया जाएगा।

अमूमन घर में कोई छोटे उपकरण भी खराब होते हैं तो इसके लिए मिस्त्री पर निर्भर होना पड़ता है। स्कूलों में बच्चों को इस तरह से दक्ष करना है कि छोटे-मोटे काम बच्चे खुद ही कर लें ताकि उनका कौशल विकास भी हो।

  • पॉक्सो एक्ट के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाएगी
  • सार्वजनिक जगहों पर बोलने के तौर-तरीके सिखाए जाएंगे
  • बच्चों को उद्यमिता के गुर सिखाए जाएंगे, कम पैसे में कौन से व्यापार शुरू कर सकते हैं
  • बच्चों में हैंड मेड स्किल विकसित किया जाएगा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का काम कर सकेंगे
  • कई देशों के पाठ्यक्रम के अध्ययन के बाद बना मॉड्यूल
  • नए मॉड्यूल से शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नहीं देना है। उनका समग्र विकास करना उद्देश्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए विदेशों के करिकुलम के आधार पर शिक्षक प्रशिक्षण के मॉड्यूल को तैयार किया गया है। शिक्षक प्रशिक्षण पाकर अपने विद्यालय में उसे कार्यान्वित करेंगे। सज्जन आर, निदेशक, राज्य शिक्षा शोध

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