ईपीएस पेंशन स्किम है? जानिए पेंशन स्कीम के बारे में

By: arcarrierpoint

On: Tuesday, July 8, 2025 9:00 PM

ईपीएस पेंशन स्किम है? जानिए पेंशन स्कीम के बारे में
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ईपीएस पेंशन स्किम है? जानिए पेंशन स्कीम के बारे में:-ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर यानी प्राइवेट नौकरी से रिटायरमेंट के बाद पेंशन निकालने की प्रक्रिया क्या होती है? पेंशन कब से मिलना शुरू हो जाती है। रिटायर होते ही तत्काल पेंशन पाने के लिए क्या करना होता है?

प्राइवेट कर्मचारियों के पेंशन के मामले कौनसा विभाग देखता है और उसके क्या नियम-कायदे हैं। पेंशन प्रारंभ होने के बाद यदि आना बंद हो जाए तो क्या करना होगा? पेंशन का फॉर्मूला क्या होता है? आपके पेंशन से जुड़े ऐसे ही कुछ जरूरी सवालों के जवाब यहां पर जानिए।

कर्मचारियों की पेंशन ईपीएस (एम्प्लाइज पेंशन स्कीम) के तहत आती है। इसे EPFO (एम्प्लाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन) देखता है। पेंशन पात्रता के लिए न्यूनतम सेवा की अवधि कम से कम 10 वर्ष है। मंथली पेंशन फॉर्मूला- पेंशन योग्य वेतन X पेंशन योग्य सेवा 70 है। पेंशन गणना 2014 के पहले अधिकतम 6500 बेसिक सैलरी से व उसके बाद अधिकतम 15000 बेसिक के हिसाब से होगी।

मान लीजिए आपने 23 साल में नौकरी शुरू की। इसी वर्ष 58 साल में रिटायर हो रहे हैं तो 35 साल की नौकरी हुई। इसकी गणना दो तरह से होगी। 1-2014 के बाद मंथली पेंशनः 15,000X 11/70 = 2357 रुपए 2-2014 के पहले मंथली पेंशनः 6500X 24/70 2228 रुपए दोनों को मिलाकर मासिक पेंशन करीब 4585 रुपए बनेगी।

पहले EPFO के मेंबर पोर्टल पर ई-नॉमिनेशन करें। इसमें अपना और परिवार का विवरण फीड करें। यह जानकारी आधार बेस्ड होती है।

तुरंत पेंशन के लिए मेंबर पोर्टल पर फॉर्म 10D भरें। जिनकी नौकरी 10 वर्ष से कम है और यदि पूरी राशि निकालना चाहते हैं तो फॉर्म 100 में आवेदन करना होता है।

पेंशनर के लिए हर साल जीवन प्रमाण पत्र देना होता है। नहीं देने पर पेंशन रुक जाती है। ये प्रमाण पत्र बैंक या कार्यालय में आधार बायोमेट्रिक से प्रस्तुत करना होता है।

नौकरी 10 वर्ष से अधिक व आयु 50 वर्ष से कम है तो फॉर्म 10C ही भरना होगा। स्कीम सर्टिफिकेट जारी होने पर 50 की उम्र के बाद पेंशन का आवेदन कर सकते हैं|

यदि पेंशनर की मृत्यु हो जाती है तो मृतक की पत्नी को आधी पेंशन मिलेगी। यदि पत्नी नहीं है तो 25 वर्ष से कम उम्र के दो बच्चे इसके लिए पात्र होंगे।

नौकरी बदलते वक्त यदि पिछली सर्विस का पीएफ निकाल लेते हैं तो अपात्रता का खतरा बढ़ता है। पीएफ को ट्रांसफर करवाते रहें तो पेंशन सर्विस |

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