बदल गये बिहार के सरकारी स्कूल अब प्राइवेट स्कूल से भी ज्यादा अच्छा पढाई:- निजी स्कूलों के तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठवीं के बच्चों की प्रत्येक दिन डायरी मेंटेन की जायेगी. इसके साथ ही क्लास टीचर्स बच्चों की डायरी की चेकिंग भी करेंगे. बच्चों को डायरी में दिये रिमार्क्स के अगले दिन अभिभावकों का साइन करवाना भी बच्चों के लिए अनिवार्य किया गया है. शिक्षक न केवल विद्यार्थियों को रोजाना होमवर्क देंगे, बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी के होमवर्क को देखकर उसकी प्रगति रिपोर्ट भी बनायेंगे.
- कमजोर छात्रों के लिए अलग क्लास का प्रबंध
- ट्रेनिंग दिलवाने और इंटरेक्टिव क्लास की तैयारी
- औसत व कमजोर विद्यार्थियों पर देना होगा अधिक ध्यान
- खेल-खेल में पढ़ाने के लिये चहक
- चहक पुस्तिका की तैयारी
- कैसे बिहार के सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर है
- महत्वपूर्ण लिंक्स
कमजोर छात्रों के लिए अलग क्लास का प्रबंध
यदि कोई छात्र अपनी कक्षा में कमजोर दिखाई देता है, तो वे उसके लिए अलग से क्लास भी आयोजित करायेंगे. शिक्षक औसत या फिर कमजोर विद्यार्थियों पर ज्यादा फोकस करेंगे. औसत या कमजोर बच्चों को टॉपर्स की कैटेगरी में लाने की जिम्मेदारी क्लास टीचर्स की होगी. शिक्षकों को औसत व कमजोर विद्यार्थियों पर अधिक ध्यान देने के साथ ही जरूरत पड़ने पर उनके लिए अलग से क्लास की व्यवस्था करनी होगी.
ट्रेनिंग दिलवाने और इंटरेक्टिव क्लास की तैयारी
सभी स्कूलों के प्राचार्यों को शिक्षकों को ट्रेनिंग दिलवाने और इंटरेक्टिव क्लास सेशन लेने के लिए तैयार करने का निर्देश दिया है. इसमें शिक्षकों की ओर से भी प्रतिदिन खुद की प्लानिंग तैयार कर एक डायरी मेंटेन की जायेगी, जिसमें उन्हें रोजाना के महत्वपूर्ण प्वाइंट को लिखना होगा
औसत व कमजोर विद्यार्थियों पर देना होगा अधिक ध्यान
अपनी कक्षा में औसत या कमजोर विद्यार्थियों पर अधिक ध्यान देना होगा. कमजोर विद्यार्थियों को पढ़ाई में बेहतर बनाने के लिए जरूरत पड़ने पर अलग से क्लास आयोजित कराना होगा. इसके साथ ही कक्षा में हर विषय का डेली होमवर्क डायरी में मेंटेन कराना होगा. साथ ही अगले दिन शिक्षकों को गंभीरता से विद्यार्थियों की डायरी चेक करना होगा
बदल गये बिहार-खेल-खेल में पढ़ाने के लिये चहक
प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने के लिये चहक अभ्यास पुस्तिका शिक्षा विभाग की ओर से बांटी जाती है. विभाग की ओर से चहक पुस्तिका में बदलाव करते हुये उसमें कई अन्य एक्टिविटी को भी जोड़ा गया है. इसमें पेंटिंग एक्टिविटी को जोड़ा गया है, ताकि बच्चे चित्र को देखकर और पेंटिंग कर अपनी क्रिएटिविटी को बढ़ाने के साथ ही बेहतर ढंग से पढ़ाई कर सकें. इसके साथ ही बच्चों के भाषा विकास, संख्यात्मक विकास और भावनात्मक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी विभिन्न एक्टिविटी को जोड़ा गया है.
बदल गये बिहार-चहक पुस्तिका की तैयारी
स्कूल प्रबंधकों को चहक पुस्तिका से प्रत्येक दिन एक अभ्यास को पूरा कराना अनिवार्य होगा. चहक के तहत हर दिन शिक्षकों को बच्चों के घर से स्कूल आते समय के अनुभव को सुनना है. इसके साथ ही शिक्षक बच्चों से भी विभिन्न सवाल पूछेंगे. बच्चों के संख्यात्मक विकास को लेकर भी नयी पुस्तक में पाठ दिया गया है. इसके साथ ही बच्चों की झिझक दूर करने के लिए भाषा विकास से संबंधित अध्याय जोड़े गये हैं.
कैसे बिहार के सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर है
- प्रतिदिन चल रहे हैं कक्षाएं
- प्रतिदिन लिखवाए जा रहे हैं डायरी
- हर सप्ताह सप्ताहिक मूल्यांकन हो रहा है
- हर माह हो रहा है मानसिक मूल्यांकनआ रहा है रिजल्ट
- अर्धवार्षिक परीक्षा
- वार्षिक परीक्षा
- प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर पढ़ाई
महत्वपूर्ण लिंक्स
75% उपस्थिति पुरा नही- परीक्षा से बाहर हुए लाखों छात्र- नाम कटा
मासिक परीक्षा के दिन भी स्कूल कॉलेज में पढाई भी होगा
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